शोभना शर्मा। राजस्थान में जल्द ही एक नई सड़क परियोजना से न केवल जयपुर और खाटू श्यामजी के भक्तों को राहत मिलेगी, बल्कि दिल्ली से जयपुर की यात्रा भी पहले से अधिक तेज और सुगम हो जाएगी। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास से तैयार हो रही इस परियोजना का उद्देश्य यात्रियों को जाम से मुक्ति दिलाना और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। भजनलाल सरकार की मंजूरी के बाद इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की दिशा तय कर दी गई है। यह कोटपूतली से किशनगढ़ तक 181 किलोमीटर लंबा 6-लेन राजमार्ग होगा। परियोजना पूरी होने के बाद जयपुर और खाटूश्यामजी के बीच की यात्रा का समय लगभग आधा रह जाएगा।
NH-48 का विकल्प बनेगा नया एक्सप्रेसवे
मौजूदा समय में जयपुर से दिल्ली या जयपुर से खाटूश्यामजी जाने वालों को NH-48 (नेशनल हाईवे-48) से होकर गुजरना पड़ता है। इस मार्ग पर लगातार बढ़ते वाहनों के कारण ट्रैफिक जाम आम समस्या बन चुकी है। इसी समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए सरकार ने ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना को मंजूरी दी है। यह हाईवे NH-48 के विकल्प के रूप में विकसित किया जा रहा है। परियोजना की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार हो चुकी है और सभी तकनीकी पहलुओं को अंतिम रूप दिया जा चुका है। अधिकारियों के अनुसार, इसका निर्माण कार्य दिसंबर 2025 से शुरू होने की संभावना है।
6906 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा एक्सप्रेसवे
राजस्थान के इस बड़े सड़क विकास प्रोजेक्ट पर करीब 6906 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। परियोजना के लिए 1679 हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। यह एक्सप्रेस-वे पांच जिलों से होकर गुजरेगा — जिनमें जयपुर, नागौर, सीकर, अजमेर और अलवर शामिल हैं। राज्य सरकार के अनुसार, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है ताकि निर्धारित समयसीमा में निर्माण कार्य शुरू हो सके। परियोजना के पूरा होने पर यह मार्ग दिल्ली, जयपुर और खाटूश्यामजी के बीच यातायात का सबसे तेज और सुरक्षित विकल्प साबित होगा।
यहां से गुजरेगा एक्सप्रेसवे का रूट
कोटपूतली से शुरू होकर यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे मकराना, नावां, रूपनगढ़, कुचामन सिटी, रेनवाल, खाटूश्यामजी, रींगस, पलसाना, खंडेला, पचकोडिया, अणतपुरा, डयोढी-कोडी, जैतपुरा, रोजड़ी, आकोदा, नरैना और दूदू से होता हुआ किशनगढ़ तक पहुंचेगा। इस रूट के चयन में क्षेत्रीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा गया है ताकि छोटे कस्बों और गांवों को भी सड़क कनेक्टिविटी का लाभ मिल सके। इसके बनने से न केवल धार्मिक स्थल खाटूश्यामजी की पहुंच आसान होगी, बल्कि औद्योगिक और कृषि उत्पादों की आवाजाही में भी तेजी आएगी।
जयपुर और दिल्ली की दूरी घटेगी, ट्रैफिक में राहत मिलेगी
यह एक्सप्रेस-वे जहां जयपुर और खाटूश्यामजी के बीच की दूरी को लगभग 40 किलोमीटर तक घटा देगा, वहीं जयपुर-Delhi यात्रा को भी आसान बनाएगा। वर्तमान में जयपुर से दिल्ली की यात्रा में 5 से 6 घंटे का समय लगता है, लेकिन नए एक्सप्रेसवे के बन जाने पर यह समय सिर्फ 3.5 से 4 घंटे रह जाएगा। जयपुर शहर में भी ट्रैफिक का दबाव घटेगा क्योंकि वाहन चालकों को अब शहर से होकर गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे ईंधन की बचत होगी और पर्यावरणीय प्रदूषण में भी कमी आएगी।
धार्मिक पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा
खाटूश्यामजी मंदिर राजस्थान ही नहीं बल्कि देशभर के भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। हर साल लाखों श्रद्धालु जयपुर, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और गुजरात से यहां दर्शन करने आते हैं। नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से भक्तों को सुविधा तो मिलेगी ही, साथ ही इस क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। स्थानीय लोगों के लिए भी यह परियोजना रोजगार का बड़ा स्रोत बनेगी। निर्माण के दौरान हजारों श्रमिकों और तकनीकी कर्मियों को रोजगार मिलेगा, वहीं हाईवे के किनारे होटल, पेट्रोल पंप, रेस्टोरेंट और अन्य व्यवसायों के अवसर भी बढ़ेंगे।
दिसंबर 2025 से शुरू होगा निर्माण कार्य
भजनलाल सरकार ने स्पष्ट किया है कि परियोजना के सभी प्रशासनिक और तकनीकी अनुमोदन जल्द पूरे कर लिए जाएंगे। दिसंबर 2025 से इस हाईवे का निर्माण कार्य शुरू होगा। इसे चरणबद्ध तरीके से दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना की मॉनिटरिंग सीधे राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम (RSRDC) और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की देखरेख में की जाएगी ताकि गुणवत्ता और समयसीमा दोनों का पालन हो सके।


