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जैसलमेर में पकड़ा गया नकली नोटों का बड़ा जाल

जैसलमेर में पकड़ा गया नकली नोटों का बड़ा जाल

मनीषा शर्मा।  जैसलमेर, जो देश की सीमाओं से सटा हुआ संवेदनशील जिला है, वहां पुलिस ने नकली नोटों का बड़ा जाल बेनकाब किया है। मोहनगढ़ थाना क्षेत्र में पुलिस ने 500-500 रुपए के नकली नोटों की बड़ी खेप पकड़ी है। इस मामले में पुलिस ने बिहार और उत्तर प्रदेश के दो युवकों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से कुल 67 हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं। गिरफ्तार आरोपियों के नाम मोहम्मद कुमैल उर्फ धनु (23) निवासी बिहार और उस्मान (27) निवासी सहारनपुर (यूपी) बताए जा रहे हैं। यह कार्रवाई जिले में नकली नोटों के फैलते नेटवर्क और उसके जरिए ग्रामीण व व्यापारिक लेन-देन को प्रभावित करने की साजिश को उजागर करती है।

ऐसे आया मामला पुलिस के सामने

जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने जानकारी दी कि दोनों आरोपी 11 अगस्त से जिले में सक्रिय थे। वे बकरियां खरीदने के बहाने स्थानीय लोगों को नकली नोट थमा देते थे। 17 अगस्त को दोनों ने मोहनगढ़ क्षेत्र के एक ई-मित्र केंद्र पर 4,500 रुपए के नकली नोट देकर अपने खाते में पैसे डलवाए। इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया। ई-मित्र संचालक को शुरू में नकली नोटों का शक नहीं हुआ, लेकिन बाद में मशीन में जांच कराने पर मामला साफ हो गया। इसके बाद पुलिस में शिकायत दी गई और जांच शुरू हुई।

ई-मित्र केंद्र पर हुआ पहला खुलासा

ई-मित्र संचालक असरूद अली ने बताया कि 17 अगस्त को एक युवक उसके ई-मित्र केंद्र पर आया और 14 हजार रुपए के 500-500 रुपए के नोट देकर अपने खाते में फोन पे से पैसे डलवाए। शाम को वही युवक दोबारा आया और 10 हजार रुपए फिर से जमा करवाए। शुरुआत में नोट सही लगे, लेकिन अगले दिन जब दूसरे ई-मित्र पर इन नोटों को चेक करवाया गया, तो मशीन ने बीप साउंड दिया और नकली नोट अलग कर दिए। इस तरह करीब 4,500 रुपए के नकली नोट पकड़ में आए। इसके बाद 18 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।

बकरियां खरीदते समय धर दबोचे आरोपी

शिकायत मिलने पर पुलिस ने ई-मित्र संचालक के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसमें आरोपी युवक नकली नोट गिनते हुए साफ दिखाई दिए। इसके बाद पुलिस ने टीमें गठित कीं और दोनों आरोपियों की तलाश शुरू की। जानकारी मिली कि आरोपी नाचना थाना क्षेत्र की एक ढाणी में बकरियां खरीदने पहुंचे हैं। पुलिस ने वहां दबिश दी और दोनों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। तलाशी लेने पर उनके पास से 500-500 रुपए के 125 नकली नोट बरामद हुए। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बिहार के पूर्णिया जिले के बाईसी निवासी मोहम्मद कुमैल और यूपी के सहारनपुर जिले के गंगोह निवासी उस्मान के रूप में हुई।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने की साजिश

पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी नकली नोटों का इस्तेमाल जानबूझकर ग्रामीण और नहरी इलाकों में कर रहे थे। इन क्षेत्रों में नकदी आधारित लेन-देन अधिक होता है और लोग नोटों को मशीन पर चेक नहीं करते। आरोपी इस स्थिति का फायदा उठाकर बकरियां खरीदते और ई-मित्र केंद्रों पर पैसों की ट्रांजेक्शन करते थे। ऐसी वारदातें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सीधा नुकसान पहुंचाती हैं, क्योंकि किसान और व्यापारी असली और नकली नोट की पहचान आसानी से नहीं कर पाते।

पुलिस की सतर्कता और बड़ी कामयाबी

जैसलमेर पुलिस की इस कार्रवाई को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। बॉर्डर से सटे जिले में नकली नोटों का इस्तेमाल सुरक्षा दृष्टि से भी बेहद गंभीर मामला है। पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और इस पूरे नेटवर्क की गहन जांच की जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि यह गिरोह अन्य राज्यों तक फैला हो सकता है।

नकली नोटों के खतरे पर चेतावनी

यह घटना केवल जैसलमेर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए एक चेतावनी है। नकली नोटों के जरिये न केवल आम लोगों की गाढ़ी कमाई पर चोट होती है, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी कमजोर करता है। ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में ऐसे गिरोह अक्सर सक्रिय रहते हैं, जहां जागरूकता की कमी के कारण लोग इनके जाल में फंस जाते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि लेन-देन के दौरान 500 और 2000 रुपए के नोटों की खासतौर पर जांच करें और किसी भी संदिग्ध स्थिति की तुरंत सूचना दें।

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