मनीषा शर्मा। राजस्थान का प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर एक बार फिर भक्तिमय वातावरण से सराबोर हो गया है। जलझूलनी एकादशी के पावन अवसर पर यहां दो दिवसीय मासिक मेला शुरू हो चुका है। इस मेले को लेकर पूरे देश से लाखों श्रद्धालु खाटू नगरी पहुंच रहे हैं। बाबा श्याम के दरबार में भक्ति और आस्था का महासागर उमड़ रहा है।
बाबा श्याम का मनमोहक श्रृंगार
खाटूश्यामजी मंदिर समिति ने जलझूलनी एकादशी पर बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार किया। मनमोहक श्रृंगार में बाबा श्याम का स्वरूप इतना अलौकिक प्रतीत हो रहा है कि भक्त दर्शन के लिए घंटों कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं। मंदिर परिसर में 14 दर्शनों की लाइनें पूरी तरह भर चुकी हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही खाटू नगरी में उमड़ पड़ी और वातावरण “श्याम” के जयकारों से गूंज उठा।
लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना
मंदिर समिति के अनुसार इस दो दिवसीय मेले में लगभग 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। इनमें न केवल राजस्थान बल्कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु खाटू पहुंचे हैं। भक्तजन जलझूलनी एकादशी के विशेष दर्शन के लिए परिवार सहित खाटू नगरी आ रहे हैं और भक्ति में लीन होकर बाबा श्याम का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं।
प्रशासन और मंदिर समिति की तैयारियां
मेले के सफल आयोजन और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन, पुलिस और मंदिर समिति ने मिलकर व्यापक तैयारियां की हैं। मंदिर समिति के व्यवस्थापक संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
सुरक्षा के लिए 500 होमगार्ड, 500 निजी सुरक्षा गार्ड और 300 स्थायी गार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही मेले में हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मंदिर परिसर और आसपास की गलियों में पुलिस वॉलंटियर्स और स्वयंसेवी संगठन लगातार सेवाएं दे रहे हैं।
पार्किंग की विशेष व्यवस्था
भक्तों को सुविधा प्रदान करने के लिए पार्किंग व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया गया है। अलग-अलग मार्गों से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थल निर्धारित किए गए हैं। मंढ़ा से आने वाले वाहनों के लिए 52 बीघा का विशाल पार्किंग स्थल बनाया गया है। सांवलपुरा से आने वाले भक्तों के लिए गोशाला के पास, दांतारामगढ़ से आने वालों के लिए श्रीधाम धर्मशाला के पास और लामिया रोड से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चारण मेला मैदान में पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
भक्ति से सराबोर माहौल
मेले में सिर्फ दर्शन ही नहीं बल्कि भक्ति और सेवा का संगम भी देखने को मिल रहा है। मंदिर परिसर और आसपास भजन-कीर्तन की गूंज है। श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण और सेवा शिविरों का आयोजन भी विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं द्वारा किया गया है। जगह-जगह जलपान और भोजन की व्यवस्था है, जिससे भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
जलझूलनी एकादशी के इस विशेष अवसर पर भक्त बाबा श्याम के दरबार में हाजिरी लगाकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना कर रहे हैं। पूरा वातावरण भक्ति और अध्यात्म से ओतप्रोत है।
भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा
प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों को सुगम दर्शन दिलाने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं। पुलिसकर्मी और वॉलंटियर्स लगातार लोगों को कतारों में व्यवस्थित कर रहे हैं। भीड़ की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरों का भी उपयोग किया जा रहा है।