शोभना शर्मा। राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक सनसनीखेज ठगी का मामला सामने आया है, जहां एक शातिर व्यक्ति ने खुद को पूर्व आईएएस अधिकारी बताकर रियल एस्टेट कारोबारी से करोड़ों रुपए की ठगी कर ली। आरोपी ने खुद का नाम नितिन गोधा बताया और कहा कि वह पहले आईएएस में चयनित हुआ था, लेकिन कुछ वर्ष सेवा के बाद नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उसने खुद को तंजानिया की एक बड़ी कंपनी का सीईओ बताते हुए जयपुर में निवेश की योजना की बात कही। बिल्डर ने उसकी बातों पर भरोसा कर लिया और करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी की डील कर दी। लेकिन जब भुगतान नहीं हुआ, तो पूरा मामला ठगी का निकला। अब पीड़ित ने मालवीय नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोपी नितिन गोधा और उसकी पत्नी को नामजद किया गया है।
सवा 5 करोड़ की प्रॉपर्टी पर कब्जा कर उठाया बैंक लोन
एफआईआर के अनुसार, पीड़ित मनीष केजरीवाल जयपुर के नामी बिल्डर और आईकेरस बिल्डर्स एंड डवलपर्स के मालिक हैं। उनके कई प्रोजेक्ट जयपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में चल रहे हैं। मनीष ने पुलिस को बताया कि नितिन गोधा ने पहले खुद को पूर्व आईएएस बताया, फिर कहा कि अब वह एनआरआई हैं और तंजानिया में बिजनेस चलाते हैं।
उसने अजमेर रोड स्थित भोज्यावास गांव के पास आईकेरस देव विहान विला प्रोजेक्ट में दो प्लॉट (नंबर 11 और 12) लेकर कुल 436 गज में एक विला बुक करवाया। डील की कीमत करीब 6.36 करोड़ रुपए तय हुई थी। आरोपी ने शुरुआत में बुकिंग राशि जमा कराई, लेकिन बाकी भुगतान टालता रहा। बाद में उसने अपनी पत्नी के नाम पर पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनवाकर प्रॉपर्टी को बैंक में गिरवी रखवा दिया और वहां से करोड़ों रुपए का लोन उठा लिया। अब वह न तो लोन चुका रहा है और न ही बिल्डर को शेष भुगतान कर रहा है। पुलिस के अनुसार, कुल सवा 5 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी पर आरोपी ने कब्जा जमाया हुआ है।
फ्लैट की दूसरी डील में भी किया धोखा
इतना ही नहीं, आरोपी नितिन गोधा ने शिवाड़ इलाके में बन रहे आईकेरस ट्रिलियन प्रोजेक्ट में एक और प्रॉपर्टी की डील की। उसने करीब 2.69 करोड़ रुपए में फ्लैट बुक किया, लेकिन वहां भी धोखाधड़ी दोहराई। आरोपी ने फ्लैट को बैंक में गिरवी रखकर लगभग 1.39 करोड़ रुपए का लोन लिया और भुगतान बंद कर दिया। पीड़ित बिल्डर ने बताया कि आरोपी खुद को बड़े बिजनेस ग्रुप से जुड़ा हुआ बताता था और विदेशी खातों से भुगतान का आश्वासन देता था। कई बार उसने दस्तावेज़ दिखाने और ट्रांजेक्शन करने की बात कही, लेकिन हर बार बहाना बना दिया।
फर्जी पहचान बनाकर किया भरोसे का दुरुपयोग
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी ने आईएएस का फर्जी प्रोफाइल बनाकर सोशल मीडिया और दस्तावेजों पर अपनी पहचान मजबूत की। उसने सरकारी अफसरों और बिजनेस पार्टनर्स के साथ पुरानी तस्वीरें दिखाकर लोगों को प्रभावित किया। इस कारण बिल्डर समेत कई लोग उसकी बातों पर भरोसा कर बैठे। मालवीय नगर थाना प्रभारी के अनुसार, आरोपी ने सुनियोजित तरीके से फर्जी दस्तावेजों और विश्वास का दुरुपयोग करते हुए प्रॉपर्टी ठगी को अंजाम दिया। पुलिस अब आरोपी और उसकी पत्नी की तलाश में छापेमारी कर रही है।
रियल एस्टेट सेक्टर में फर्जी निवेशकों का खतरा
यह मामला रियल एस्टेट कारोबारियों के लिए भी एक बड़ी चेतावनी है। पिछले कुछ वर्षों में फर्जी एनआरआई निवेशकों और पूर्व अफसर बनकर ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय हुए हैं। ये लोग बड़े निवेश की बात कर भरोसा जीतते हैं और फिर पेमेंट टालकर बैंक के माध्यम से लोन उठाकर फरार हो जाते हैं। पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में सभी बिल्डरों और निवेशकों को दस्तावेजों की कानूनी जांच करानी चाहिए और केवल सत्यापन के बाद ही प्रॉपर्टी डील को अंतिम रूप देना चाहिए।