मनीषा शर्मा। राजस्थान के झालावाड़ जिले में पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। “ऑपरेशन दिव्य प्रहार” के तहत पुलिस ने ड्रग माफियाओं की 125 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्तियों को जब्त करते हुए उन पर सरकारी ताला लगा दिया है। इसके साथ ही जिले में 107 से अधिक संपत्तियों को स्थाई रूप से फ्रीज किया गया है, जो तस्करी नेटवर्क को समाप्त करने की दिशा में बड़ी सफलता मानी जा रही है।
जिले में बढ़ते नशे के प्रचलन पर नकेल कसने के लिए पुलिस लगातार सख्त कदम उठा रही थी, लेकिन तीन महीनों में हुई इस व्यापक कार्रवाई ने नशा तस्करों की कमर तोड़ दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आने वाले समय में भी यह अभियान रुकने वाला नहीं है और जिले में किसी भी तस्कर को पनपने नहीं दिया जाएगा।
तीन महीने में 71 तस्करों के खिलाफ कार्रवाई
एसपी के निर्देशन में पिछले तीन महीनों में नशा तस्करी से जुड़े 71 तस्करों और उनके सहयोगियों की आर्थिक और आपराधिक गतिविधियों पर प्रभावशाली कार्रवाई की गई है। तस्करों द्वारा वर्षों से जमा की जा रही अवैध संपत्तियों की निगरानी एसपी ऑफिस की मॉब शाखा द्वारा की गई, जिसने ड्रग नेटवर्क के वित्तीय स्रोतों को चिन्हित करने में अहम भूमिका निभाई।
पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई केवल गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रही, बल्कि तस्करों के आर्थिक तंत्र को ध्वस्त करने पर जोर दिया गया। इससे ड्रग कारोबार की जड़ें कमजोर हो रही हैं और जिले में नशा नेटवर्क के विस्तार पर रोक लगी है।
अवैध निर्माण और संपत्तियों पर बुलडोजर की कार्रवाई
पुलिस ने जलद कार्रवाई के लिए राजस्व रिकॉर्ड, बैंक लेन-देन, जमीन खरीद-बिक्री और अन्य वित्तीय दस्तावेजों का गहन विश्लेषण किया। अवैध कमाई से खड़ी की गई संपत्तियों को चिह्नित करने के बाद विभिन्न थाना क्षेत्रों की टीमें सक्रिय की गईं।
कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पुलिस ने जमीन, मकान, वाहनों सहित करोड़ों रुपये की संपत्तियों को जब्त किया। कई स्थानों पर ड्रग माफिया द्वारा बनाए गए अवैध निर्माणों को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया, जिससे उनके आर्थिक ढांचे को बड़ा नुकसान पहुंचा।
125 करोड़ की अवैध संपत्तियों पर ताला, 107 संपत्तियां फ्रीज
सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई जिले में लगभग 125 करोड़ रुपये की अवैध संपत्तियों को सील करना रही। इसके साथ ही 107 संपत्तियों को स्थाई रूप से फ्रीज कर दिया गया है। इन संपत्तियों को फ्रीज किए जाने के बाद तस्कर इन्हें बेच या ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे।
पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई से न केवल अपराधियों की आर्थिक शक्ति खत्म होती है, बल्कि उनके नेटवर्क का प्रभाव भी घटता है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और जिले में ड्रग माफिया का कोई तंत्र खड़ा नहीं होने दिया जाएगा।


