शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि लोक देवता वीर तेजाजी की जन्मस्थली खरनाल और बिश्नोई समाज के आस्था केंद्र मुकाम को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। बेनीवाल का कहना है कि इन दोनों ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को पूरी तरह अनदेखा किया जा रहा है।
लोकसभा में उठाया सवाल, मंत्री के जवाब से नाराज़ बेनीवाल
लोकसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन हनुमान बेनीवाल ने पर्यटन मंत्रालय से सवाल किया कि क्या केंद्र सरकार के पास खरनाल और मुकाम को धार्मिक पर्यटन सर्किट में शामिल करने और पर्यटन ढांचा विकसित करने को लेकर कोई प्रस्ताव है। इसके जवाब में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इन स्थलों के विकास से संबंधित कोई प्रस्ताव मंत्रालय के पास विचाराधीन नहीं है। इसी बात से नाराज़ बेनीवाल ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने प्रश्न में दोनों स्थलों का नाम लिया था, लेकिन मंत्री ने जवाब में मुकाम का नाम तक नहीं शामिल किया।
“मंत्री राजस्थान से हैं, फिर भी रुचि नहीं” — बेनीवाल का बयान
बेनीवाल ने यह भी कहा कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री खुद राजस्थान के हैं, ऐसे में प्रदेश के लोक देवताओं और धार्मिक आस्था स्थलों के विकास में रुचि दिखाना उनकी जिम्मेदारी थी। उनका कहना है कि यदि राज्य सरकार ने प्रस्ताव नहीं भेजा है तो केंद्र स्वयं प्रस्ताव मंगवा सकता था, लेकिन ऐसा न करके सरकार की मंशा साफ झलकती है। बेनीवाल का आरोप है कि तेजी सीनामक और बिश्नोई समाज से जुड़े स्थलों की उपेक्षा की जा रही है।
केंद्र का जवाब – राजस्थान में कई प्रोजेक्ट पास, पर खरनाल के लिए कोई प्रस्ताव नहीं
पर्यटन मंत्रालय ने अपने लिखित उत्तर में कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशाद योजना, स्वदेश दर्शन योजना और केंद्रीय एजेंसियों को सहायता योजना के तहत देशभर में कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। मंत्रालय के अनुसार, अप्रैल 2023 के बाद राजस्थान में भी धार्मिक स्थलों पर कई योजनाओं को मंजूरी दी गई है। हालांकि, खरनाल के लिए कोई प्रस्ताव मंत्रालय के पास नहीं आया है। इस पर बेनीवाल का कहना है कि परियोजनाओं की स्वीकृत सूची में तेजाजी और मुकाम जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को नजरअंदाज किया गया है।
प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की तैयारी, आंदोलन की चेतावनी भी
बेनीवाल ने कहा कि वे जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर औपचारिक तौर पर शिकायत करेंगे और केंद्र से इन दोनों स्थलों को राष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन विकास योजना में शामिल करने की मांग करेंगे। उन्होंने आगे यह भी संकेत दिया कि यदि सरकार ने आवश्यक कदम नहीं उठाए तो वे इस मुद्दे पर आंदोलनात्मक रणनीति अपनाने पर मजबूर होंगे। नागौर और बिश्नोई समाज में इन स्थलों के प्रति गहरी धार्मिक आस्था है और लंबे समय से इनके विकास की मांग उठ रही है।


