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राजस्थान में जमीन रजिस्ट्री नियमों में बड़ा बदलाव, वकीलों का उग्र विरोध शुरू

राजस्थान में जमीन रजिस्ट्री नियमों में बड़ा बदलाव, वकीलों का उग्र विरोध शुरू

शोभना शर्मा। राजस्थान में जमीन रजिस्ट्री को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राज्य सरकार द्वारा रजिस्ट्रीकरण (राजस्थान संशोधन) अधिनियम 2021 को लागू करने के बाद Jaipur में इसके विरोध की लहर फैल गई है। गुरुवार को राजधानी Jaipur के सभी उप पंजीयक कार्यालयों में रजिस्ट्री कार्य पूरी तरह बंद रहा। वकीलों ने सड़कों पर नारेबाजी करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि नए नियम से आम जनता की संपत्ति पर संकट खड़ा हो जाएगा और लोगों का वर्षों पुराना निवेश बेकार हो जाएगा।

सरकार के इस संशोधन के बाद अब सोसाइटी के पट्टों की रजिस्ट्री नहीं होगी। यह नियम लागू होने से घर बनाने या प्रॉपर्टी बेचने जैसी गतिविधियां रुक जाएंगी। वकीलों का कहना है कि इससे प्रदेश के हजारों परिवारों पर संकट आ जाएगा और जमीनी लेन-देन पूरी तरह प्रभावित होगा।

विपक्ष का हमला: “यह फैसला भूमाफियाओं को लाभ देने वाला”

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब से यह सरकार बनी है, लगातार जनविरोधी निर्णय ले रही है। उनका कहना है कि सोसाइटी के पट्टों की रजिस्ट्री रोकने से बेइमानी बढ़ेगी और भू माफिया सक्रिय होंगे।

डोटासरा ने कहा कि जयपुर समेत ज्यादातर शहरों की कॉलोनियां सोसाइटी पट्टों पर बसी हैं। ऐसे में लोग प्रॉपर्टी न बेच सकेंगे, न घर बना सकेंगे। उन्होंने इसे “बैकडोर गेम” बताते हुए कहा कि सरकार ने भूमाफियाओं के हित में निर्णय लिया है, जबकि आम लोग परेशान होंगे।

वकीलों का आरोप: “आम जनता को सड़क पर ला दिया”

दी डिस्ट्रिक्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत ने कहा कि सरकार ने जनता के हितों पर कुठाराघात किया है। उनके अनुसार जयपुर में 80 से 90 प्रतिशत कॉलोनियां सोसाइटी के पट्टों पर ही विकसित हुई हैं। इस नए नियम से —

  • सोसाइटी पट्टों की रजिस्ट्री बंद

  • काश्तकार के कॉलोनी विकसित करने पर रोक

  • एससी/एसटी द्वारा सोसाइटी को दी गई जमीन की रजिस्ट्री भी नहीं

  • प्रॉपर्टी बेचने और मकान बनाने में बाधा

  • जमीन का स्वामित्व तो रहेगा, पर आप उसका उपयोग नहीं कर पाएंगे

उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के नियम लागू होने से आम जनता की संपत्तियां “कागज़ी अधिकार” बन जाएंगी।

वकीलों ने भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया। कहा कि सोसाइटी और कुछ अधिकारी मिलकर वर्षों से गलत तरीके से कॉलोनियां बसाते आए हैं, मगर इस नियम ने इसका भार आम लोगों पर डाल दिया है।

आंदोलन जारी: सरकार को चेतावनी

पूर्व अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि यदि सरकार यह नियम वापस नहीं लेती, तो वकील निगम चुनाव में सरकार के खिलाफ अभियान चलाएंगे। उनका कहना है कि—

  • उप पंजीयक कार्यालय बंद रहेंगे

  • कोई रजिस्ट्री नहीं होने दी जाएगी

  • कानून की वापसी तक विरोध जारी रहेगा

सूत्रों के अनुसार, पंजीयन कार्यालयों ने संशोधन के प्रावधान लागू कर दिए हैं और अब प्लॉट खरीदने वाले को साबित करना होगा कि भूमि 90A में कन्वर्टेड है।

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