शोभना शर्मा। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दो दिन पहले उस समय हड़कंप मच गया जब डोमेस्टिक कार्गो में भारतीय मुद्रा जैसे दिखने वाले नोट के रूप में एक संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिला। एयरक्राफ्ट से आए पार्सल की स्कैनिंग के दौरान जब बैटरीनुमा डिवाइस दिखाई दिया, तो सुरक्षा एजेंसियां तुरंत अलर्ट हो गईं। पहले अंदेशा लगाया गया कि कहीं विमान में विस्फोट की कोई बड़ी साजिश तो नहीं रची गई। सीआईएसएफ, ATS और जयपुर पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और एयरपोर्ट की सुरक्षा प्रणाली हाई अलर्ट मोड पर कर दी गई।
पहली नजर में यह डिवाइस अत्यधिक संवेदनशील होने के कारण जांचकर्ताओं के लिए चिंता का विषय बना रहा, लेकिन विस्तृत जांच के बाद असल मामला बिल्कुल अलग निकला। पता चला कि यह डिवाइस विस्फोटक नहीं बल्कि जुए में बेईमानी से जीतने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हाई-टेक स्कैनिंग मशीन है। इसे ताश के पत्तों के साथ खेले जाने वाले जुआ खेल में छिपाकर इस्तेमाल किया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक चिप और बैटरी की मदद से यह स्कैनर मार्क्ड कार्ड्स और उनके कोड की पहचान कर लेता है और उपयोगकर्ता को परिणाम पहले से बता देता है। जुआ घरों में इसे गुप्त कैमरे के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।
कैसे सामने आया पूरा रैकेट
पूछताछ में सामने आया कि संदिग्ध पार्सल दिल्ली के संजू नाम से DTDC कूरियर के जरिए भेजा गया था, जिसे मंगोलपुरी स्थित कूरियर सेंटर के संचालक राधा बल्लभ शर्मा द्वारा बुक किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ शुरू की तो पता चला कि पार्सल दिल्ली निवासी अमित बक्शी द्वारा डिलीवर करवाया गया था। अमित बक्शी से पूछताछ के बाद पुलिस ने संदीप कपूर उर्फ संजू और कूरियर संचालक राधा बल्लभ शर्मा से भी सख्त सवाल-जवाब किए।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह डिवाइस चीन से मंगवाए गए करेंसी प्लेट्स पर फिट किया जाता है और इन्हें भारतीय नोट जैसा लुक देकर गैंबलिंग नेटवर्क में सप्लाई किया जाता है। संदीप कपूर मार्केट में इन स्पाई प्लेयिंग कार्ड्स और हाई-टेक जुए के उपकरणों का व्यापार करता है। वहीं अमित बक्शी यूट्यूब पर इन उपकरणों का प्रमोशन वीडियो बनाकर ग्राहकों तक पहुंचाता है। यह भी सामने आया कि संदीप और अमित जीजा-साले हैं और लंबे समय से गैंबलिंग नेटवर्क को तकनीकी उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं।
तीन आरोपी डिटेन, बड़े नेटवर्क की जांच शुरू
जयपुर पुलिस और ATS ने तीनों व्यक्तियों को डिटेन कर लिया है। इनके खिलाफ एयरपोर्ट को नुकसान पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। साथ ही हाई-टेक जुआ उपकरणों की अवैध सप्लाई और बड़े गैंबलिंग रैकेट को लेकर अलग मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
अब पुलिस की जांच इस दिशा में केंद्रित है कि क्या यह सिर्फ एक सीमित समूह द्वारा संचालित अवैध कारोबार है या किसी बड़े राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय जुआ सिंडिकेट की कड़ी है, जो हाई-टेक तकनीक के जरिए जुआ बाजार को नियंत्रित कर रहा है। जांच टीमें उपकरण की सप्लाई चेन, भुगतान नेटवर्क और ग्राहकों की सूची खंगालने में जुट गई हैं।


