मनीषा शर्मा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के विकास के व्यापक दृष्टिकोण को मजबूत बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को देशभर में तैनात प्रवासी राजस्थानी अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। यह बैठक आगामी 10 दिसंबर को होने वाले प्रवासी राजस्थानी दिवस कार्यक्रम से पहले आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विशेष रूप से आमंत्रित करते हुए कहा कि राज्य की प्रगति में प्रवासी राजस्थानियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान को निवेश का बड़ा हब बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है और इसमें प्रवासी अधिकारियों का मार्गदर्शन निर्णायक सिद्ध होगा।
राजस्थान को वैश्विक निवेश हब बनाने का लक्ष्य
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि राजस्थान भौगोलिक रूप से देश का सबसे बड़ा राज्य है और पर्यटन, ऊर्जा, उद्योग, बिजली, जल संसाधन और खनिजों जैसे क्षेत्रों में राज्य के पास अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि राज्य लगातार तेज विकास गति से आगे बढ़ रहा है और इस प्रगति यात्रा में प्रवासी अधिकारी एक मजबूत साझेदार साबित हो सकते हैं।
सीएम ने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में आयोजित राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू साइन किए गए हैं। इनमें से 7 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स पर ग्राउंड ब्रेकिंग भी शुरू हो चुकी है, जो प्रदेश में निवेश आकर्षित करने और नई औद्योगिक दिशा तय करने का संकेत है।
प्रवासी अधिकारियों के अनुभव को राज्य विकास में शामिल करने की पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार में पदस्थापित राजस्थानी मूल के अधिकारी अपने अनुभव, नेटवर्क और विशेषज्ञता के कारण बड़ी भूमिका निभाते हैं। उन्होंने अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे प्रवासी उद्यमियों और निवेशकों को राजस्थान में निवेश के लिए प्रेरित करें, जो वर्तमान नीतियों के तहत यहां नए अवसर तलाश सकते हैं।
सीएम शर्मा ने कहा कि प्रवासी अधिकारी अपनी जन्मभूमि के प्रति हमेशा भावनात्मक और व्यावसायिक रूप से जुड़े रहते हैं, इसलिए उनके सुझाव राज्य के आर्थिक विकास को नई ऊंचाई दे सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों से 10 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम में शामिल होकर अपने सार्थक और व्यवहारिक सुझाव देने का आग्रह किया।
विश्वभर में चमक रही प्रवासी राजस्थानियों की पहचान
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि मेहनत, दक्षता और उद्यमशीलता के दम पर प्रवासी राजस्थानियों ने न केवल देश बल्कि विश्वभर में अपनी अलग पहचान स्थापित की है। ऐसे में राज्य सरकार उन्हें मातृभूमि से जोड़ने के उद्देश्य से प्रवासी राजस्थानी विभाग के माध्यम से सक्रिय रूप से काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि आगामी प्रवासी राजस्थानी दिवस कार्यक्रम न केवल भावनात्मक जुड़ाव का मंच बनेगा, बल्कि राज्य में निवेश आकर्षित करने और नए अवसरों को बढ़ावा देने का भी माध्यम साबित होगा।
अधिकारियों ने सरकार की पहल को सराहा, दिए कई महत्वपूर्ण सुझाव
बैठक में जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि राजस्थान उनकी जन्मभूमि है और राज्य सरकार द्वारा निवेश बढ़ाने, नीतियों को सरल बनाने और विकास को गति देने के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे सराहनीय और प्रभावी हैं।
अधिकारियों ने कई क्षेत्रों में सुधार और निवेश बढ़ाने के सुझाव भी दिए, जिनमें शामिल हैं—
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की मजबूती
निवेश अनुकूल नीतियों का विस्तार
सिंगल विंडो सिस्टम को और सशक्त बनाना
पर्यटन की वैश्विक ब्रांडिंग
लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग का विस्तार
टेक्सटाइल इंडस्ट्री को प्रोत्साहन
इको-टूरिज्म और शहरी विकास के नए मॉडल
कई वरिष्ठ अधिकारी हुए शामिल
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मनोज जोशी, विवेक भारद्वाज, बाबूलाल मीणा, अंजू शर्मा, ओ.पी. गुप्ता, तन्मय कुमार, सुनील पालीवाल, नरेश पाल गंगवार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी जुड़े। बैठक में मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास और अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे।


