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SIR अभियान में राजस्थान नंबर-1: 99.5% फॉर्म अपलोड, 9 जिलों में 100% डिजिटाइजेशन

SIR अभियान में राजस्थान नंबर-1: 99.5% फॉर्म अपलोड, 9 जिलों में 100% डिजिटाइजेशन

शोभना शर्मा। भारत में मतदाता सूची को अपडेट और डिजिटाइज करने के लिए एक विशेष अभियान के रूप में पिछले एक महीने से चल रहा स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision – SIR) बड़ा परिणाम दिखा रहा है। पहले बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले शुरू किया गया यह अभियान अब दूसरे चरण में देश के 12 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है। इस व्यापक अभियान की शुरुआत 4 नवंबर को हुई थी और 4 दिसंबर को इसकी समय-सीमा पूरी हो रही है। इसके बाद 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी, जबकि अंतिम वोटर लिस्ट 14 फरवरी को जारी की जाएगी।

12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR के अंतर्गत समीक्षा

SIR अभियान के दूसरे चरण में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल तथा केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार में मतदाता सूची का विशेष सत्यापन कार्य किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय अभियान में अब तक की प्रगति के आधार पर राजस्थान सबसे आगे निकलकर देश में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है, जो राज्य के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।

राजस्थान की बड़ी उपलब्धि — 99.5% डिजिटाइजेशन पूरी

राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि निर्धारित समय समाप्त होने से पहले ही राज्य ने 99.5 प्रतिशत मतदाता गणना फॉर्म अपलोड करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। पूरे राज्य में कुल 5.46 करोड़ गणना प्रपत्रों में से 5.43 करोड़ से अधिक फॉर्म चुनाव आयोग की वेबसाइट पर डिजिटली अपलोड किए जा चुके हैं। इस अभियान में डिजिटाइजेशन की गति और प्रभावशीलता ने देशभर का ध्यान राजस्थान की ओर आकर्षित किया है।

कई जिलों ने पूर्णतः डिजिटाइजेशन का लक्ष्य पूरा कर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। बाड़मेर, सलूंबर, बालोतरा, झालावाड़, फलौदी, भरतपुर, चूरू, दौसा और बारां ऐसे नौ जिले हैं जहां 100 प्रतिशत डिजिटाइजेशन किया जा चुका है। यह उपलब्धि इन जिलों की प्रशासनिक क्षमता, टीम वर्क और जमीनी स्तर पर समन्वय की मजबूती को स्पष्ट दर्शाती है।

देशभर में उपलब्ध आंकड़े

चुनाव आयोग के ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, SIR अभियान के दौरान 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 99.83 प्रतिशत यानी 50.88 करोड़ मतदाताओं तक अभियान के तहत ईएफ फॉर्म पहुंचाए जा चुके हैं। इनमें से 47.5 करोड़ से अधिक यानी 93 प्रतिशत से ज्यादा फॉर्म का डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है। इस राष्ट्रीय औसत के मुकाबले राजस्थान का प्रदर्शन बेहद उत्कृष्ट माना जा रहा है।

वोटर मैपिंग में भी राजस्थान शीर्ष पर

डिजिटाइजेशन के साथ-साथ वोटर लोकेशन मैपिंग (Voter Mapping) में भी राजस्थान देश में अव्वल रहा है। राज्य में 95 प्रतिशत से अधिक मैपिंग पूरी हो चुकी है, जो इस अभियान का सबसे महत्वपूर्ण चरण माना जाता है। मैपिंग के जरिए मतदाताओं के पते और भौगोलिक स्थिति का मिलान कर त्रुटियों को सुधारा जाता है, जिससे भविष्य में मतदान केंद्रों के आवंटन और बूथ प्रबंधन में सुगमता बढ़ती है।

नौ विधानसभा क्षेत्रों ने इस कार्य में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है — कपासन, बायतु, सलूंबर, लोहावट, नगर, सीकरी, ओसियां, शाहपुरा और बामनवास। इनमें से कपासन विधानसभा क्षेत्र सबसे आगे रहा, जहां 2.73 लाख मतदाताओं में से 99.46 प्रतिशत मैपिंग पूरी कर ली गई। अब केवल लगभग 1,500 मतदाताओं को दस्तावेज़ संशोधन प्रक्रिया के दौरान जमा कराने होंगे। यह राज्य का सबसे तेज और सटीक आंकड़ा माना जा रहा है।

आगे की प्रक्रिया

SIR अभियान पूरा होने के बाद 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होगी, जिसके बाद आपत्तियों और संशोधन के लिए समय उपलब्ध रहेगा। अंतिम और अद्यतन मतदाता सूची 14 फरवरी को जारी की जाएगी।

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