शोभना शर्मा। राजस्थान की नागौर लोकसभा सीट से सांसद और आरएलपी अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने रूस में फंसे भारतीय युवाओं के मुद्दे पर गंभीर चिंता जताते हुए मंगलवार, 3 दिसंबर को लोकसभा में मामला उठाया। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पढ़ाई और नौकरी के लिए रूस गए भारतीय युवाओं को एजेंटों द्वारा धोखे से युद्ध क्षेत्र में भेजे जाने की घटनाओं ने देशभर में चिंता पैदा की है। खास बात यह है कि बेनीवाल ने यह मुद्दा ऐसे समय में उठाया, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत दौरे पर आ रहे हैं। पुतिन 23वीं भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
शून्यकाल में बेनीवाल की गंभीर अपील
सांसद हनुमान बेनीवाल ने शून्यकाल के दौरान कहा कि रूस में कुल 61 भारतीय युवक फंसे हुए हैं, जिनमें राजस्थान के 5 युवक भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे सदन के माध्यम से विदेश मंत्री का ध्यान एक अत्यंत गंभीर, मानवीय और संवेदनशील विषय की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। बेनीवाल के शब्दों में, स्टडी वीजा और वर्क वीजा पर गए युवाओं को एजेंटों ने धोखे से सैन्य गतिविधियों में लगा दिया। परिजनों ने उनसे मिलकर अपनी पीड़ा साझा की और कई महीनों से युवाओं का कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। सांसद ने बताया कि:
राजस्थान के मनोज सिंह शेखावत
अजय कुमार
संदीप सूंडा
महावीर प्रसाद
करमचंद
और अन्य राज्यों के युवाओं को बीते 3 से 4 महीनों से रूस–यूक्रेन युद्ध में जबरन सैन्य मोर्चे पर तैनात किया गया है। परिजनों के अनुसार वे लगातार गोलाबारी के बीच फंसे हुए हैं और सुरक्षित नहीं हैं। परिवारों ने 3 नवंबर और 1 दिसंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देकर सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी।
भारत के लिए कूटनीतिक अवसर
बेनीवाल ने जोर देकर कहा कि यह मामला केवल कानूनी प्रक्रिया का नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन और सम्मान का मुद्दा है। उन्होंने कहा कि:
राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे के दौरान प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को कूटनीतिक स्तर पर इस विषय पर चर्चा करनी चाहिए, ताकि सभी भारतीय युवाओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो सके। लोकसभा में उनके इस वक्तव्य को कई सदस्यों ने गंभीरता से सुना और आशा जताई कि सरकार इस विषय पर त्वरित कदम उठाएगी।
राजस्थान के युवाओं द्वारा मदद की पुकार
रूस में फंसे भारतीयों की स्थिति पहली बार सामने नहीं आई है। पिछले दो महीनों में राजस्थान के कई युवाओं ने सहायता की अपील भेजी है।
जयपुर के युवक का भावुक संदेश
जयपुर के एक युवक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश भेजकर कहा था:
उसे धोखे से रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया है और अब उसे बॉर्डर पर लड़ाई के लिए भेजा जा रहा है। रूस पहुंचने के तुरंत बाद उसके दस्तावेज एजेंटों ने अपने पास रख लिए और नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। उसने बताया कि बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है और मदद के बिना घर लौटना असंभव है।
बीकानेर के युवकों का भयावह अनुभव
बीकानेर के कुछ युवकों ने वीडियो कॉल के जरिए बताया कि:
उन्हें बंकरों में रखा गया है
भोजन पर्याप्त नहीं मिलता
हर समय गोलाबारी और ड्रोन हमलों का खतरा रहता है
वे लगातार सुरक्षा मांगते हुए अपनी स्थिति मीडिया और परिवारों तक पहुंचाते रहे हैं।
रूस–यूक्रेन युद्ध से भारत के सामने नई चुनौती
रूस–यूक्रेन संघर्ष में भारतीय नागरिकों के फंसने की घटनाएं सरकार और विदेश मंत्रालय दोनों के लिए बड़ी कूटनीतिक चुनौती बन चुकी हैं।
फर्जी प्लेसमेंट एजेंसियां
स्टडी वीजा के नाम पर नौकरियों का लालच
जालसाजी से युवाओं को फंसाना
युद्धक्षेत्र में जबरन तैनाती
ये घटनाएं राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन चुकी हैं और ऐसे मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
समाधान की उम्मीद: कूटनीति ही एकमात्र रास्ता
लोकसभा में उठे इस मुद्दे के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि:
भारत सरकार आधिकारिक रूप से रूस के समक्ष मामला उठाएगी
कूटनीतिक वार्ता के जरिए युवाओं की वापसी सुनिश्चित होगी
दोषी एजेंटों और नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
पुतिन के भारत दौरे ने इस संवेदनशील स्थिति में वार्ता की संभावनाओं को और महत्व दिया है।


