शोभना शर्मा। अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज़ की दरगाह में पहली बार खादिमों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। नई व्यवस्था के तहत अब केवल वे खादिम ही जियारत करवा सकेंगे जिनके पास आधिकारिक लाइसेंस होगा। दरगाह प्रशासन ने यह कदम केंद्र सरकार के निर्देश पर उठाया है और नाजिम मोहम्मद बिलाल खान ने सोमवार को इसके लिए आधिकारिक विज्ञापन जारी किया।
कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई
नाजिम के अनुसार यह पूरी प्रक्रिया दरगाह ख्वाजा साहब अधिनियम 1955 की धारा 11(एफ) के तहत की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, केंद्र व राज्य सरकार की रिपोर्टों और सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिशों को भी आधार बनाया गया है। प्रशासन का कहना है कि लाइसेंस व्यवस्था के चलते जियारत प्रणाली अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और व्यवस्थित बनेगी तथा जायरीनों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
लाइसेंस के लिए आवेदन की अंतिम तिथि
इस ऐतिहासिक प्रक्रिया में लाइसेंस आवेदन की अंतिम तिथि 5 जनवरी 2026 तय की गई है। लाइसेंस केवल पुश्तैनी सैयद जादगान और शेख जादगान खादिमों को जारी किए जाएंगे। लाइसेंस व्यवस्था की सिफारिश पहले भी कई कार्यकालों में की गई थी, लेकिन यह पहली बार जमीन पर उतर रही है। वर्ष 1956 में एडमिनिस्ट्रेटर के स्थान पर नाजिम का पद बनाया गया था और अब तक 28 सदर और 37 नाजिम अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।
अंजुमन कमेटी ने जताया कड़ा विरोध
प्रक्रिया शुरू होते ही दरगाह परिसर में इसका विरोध भी तेज हो गया है। अंजुमन कमेटी के दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में खादिम जुटे और नाजिम के आदेशों के खिलाफ प्रदर्शन किया। कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि दरगाह कमेटी के नौ सदस्य ढाई साल से नियुक्त नहीं हैं और नाजिम बिना बैठक बुलाए तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं। उनके अनुसार 17 दिसंबर से प्रक्रिया लागू करने से पहले कमेटी और खादिम समुदाय से चर्चा आवश्यक थी।
नाजिम की नियुक्ति को भी बताया अवैध
अंजुमन कमेटी ने नाजिम की नियुक्ति को भी अवैध कहा और दावा किया कि दरगाह करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा माइनॉरिटी इंस्टिट्यूशन है और खादिमों को पुश्तैनी अधिकार प्राप्त हैं। सरवर चिश्ती ने चेतावनी दी कि यदि दरगाह का माहौल खराब हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेदारी नाजिम की होगी। विरोध जताते हुए दरगाह के गेट नंबर 5 पर लगाया गया विज्ञापन फाड़ दिया गया, जिसे बढ़ते तनाव का संकेत माना जा रहा है।
प्रशासन ने लिया स्थिति का संज्ञान
विरोध की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। जिला कलेक्टर लोकबंधु, एसपी वंदिता राणा और नाजिम बिलाल खान सहित विभिन्न विभागों की टीमों ने दरगाह परिसर का विस्तृत निरीक्षण किया और हर हिस्से का जायजा लिया। प्रशासन ने कहा कि परिसर में जहां-जहां अतिक्रमण है, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है और नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।


