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बीजेपी सरकार के दो साल पूरे होने पर आज से शुरू हुई कार्यकर्ता सुनवाई, मंत्री बैरवा और नागर ने सुनी समस्याएं

बीजेपी सरकार के दो साल पूरे होने पर आज से शुरू हुई कार्यकर्ता सुनवाई, मंत्री बैरवा और नागर ने सुनी समस्याएं

शोभना शर्मा।  राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के करीब दो साल बाद पार्टी संगठन ने कार्यकर्ताओं की लामबंदी और ग्राउंड कनेक्ट मजबूत करने के उद्देश्य से आज से बीजेपी प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ता सुनवाई की शुरुआत कर दी। इस कार्यक्रम के पहले दिन उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनने पहुंचे। हालांकि पहले दिन कार्यकर्ताओं की संख्या अपेक्षा से कम रही, जिसका मुख्य कारण सुनवाई से जुड़े शेड्यूल का समय पर सार्वजनिक न होना बताया जा रहा है।

बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में आज सुबह कार्यकर्ताओं के पहुंचने की संख्या सीमित रही क्योंकि पार्टी ने पहले से स्पष्ट शेड्यूल जारी नहीं किया था। कई कार्यकर्ता असमंजस में रहे कि आज सुनवाई होगी या नहीं। बताया जा रहा है कि डिप्टी मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को सुबह लगभग साढ़े 9 बजे फोन पर कार्यकर्ता सुनवाई के लिए बुलाया गया, इसके तुरंत बाद ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर को भी सुनवाई में शामिल होने का निर्देश दिया गया।

जनसुनवाई नहीं, केवल कार्यकर्ता सुनवाई

गौरतलब है कि वसुंधरा राजे सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान बीजेपी ऑफिस में मंत्रियों की जनसुनवाई की शुरुआत की गई थी, जिसमें कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता भी अपनी समस्याएं दर्ज करवा सकती थी। लेकिन इस बार व्यवस्था बदल दी गई है और सुनवाई केवल कार्यकर्ताओं तक सीमित रखी गई है। उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने साफ किया कि मंत्रियों की जनसुनवाई उनके निवास और सचिवालय में पहले की तरह ही जारी रहेगी, लेकिन पार्टी कार्यालय में केवल कार्यकर्ता सुनवाई आयोजित की जाएगी।

बैरवा ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता संगठन की कड़ी हैं, इसलिए उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से सुना जाएगा। कार्यालय में आने वाले हर व्यक्ति की पहचान पार्टी पदाधिकारी वेरिफाई करेंगे और उसकी कार्यकर्ता पहचान की पुष्टि के बाद ही सुनवाई का मौका दिया जाएगा। इसके बाद संबंधित मंत्री मौके पर ही समाधान का प्रयास करेंगे या आवश्यकतानुसार विभागीय कार्रवाई आगे बढ़ेगी।

सप्ताह में तीन दिन होगी सुनवाई

बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर 1 दिसंबर से कार्यकर्ता सुनवाई कार्यक्रम औपचारिक रूप से शुरू किया गया है। कार्यक्रम के तहत हर सप्ताह सोमवार, मंगलवार और बुधवार को दो मंत्री कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनेंगे। कार्यकर्ताओं का पंजीयन किया जाएगा, और उसके बाद प्राप्त परिवाद संबंधित मंत्री को भेजे जाएंगे। सुनवाई के दौरान कार्यकर्ता की अनुशंसा को महत्व दिया जाएगा और नियमों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान पार्टी के प्रमुख पदाधिकारी भी कार्यालय में मौजूद रहेंगे ताकि संगठनात्मक समन्वय और सुनवाई की पारदर्शिता बनी रहे।

संगठन मजबूत करने की दिशा में कदम

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कार्यक्रम ऐसे समय में शुरू किया गया है जब सरकार आधे कार्यकाल की ओर बढ़ रही है और संगठन को जमीनी स्तर पर सक्रिय रखना बेहद जरूरी है। पार्टी इस व्यवस्था के जरिए कार्यकर्ताओं को यह संदेश देना चाहती है कि सरकार और संगठन उनके साथ खड़े हैं और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुन रहे हैं।

कार्यकर्ता सुनवाई को बीजेपी नेतृत्व अपने कैडर को मजबूत करने, फील्ड पर सक्रियता बनाए रखने और संगठनात्मक अनुशासन बढ़ाने के रूप में देख रहा है। आने वाले हफ्तों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कार्यकर्ता सुनवाई कार्यक्रम को कितना समर्थन मिलता है और कितनी समस्याओं का वास्तविक एवं समयबद्ध समाधान हो पाता है।

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