मनीषा शर्मा। राजस्थान सरकार भूमि रिकॉर्ड में पारदर्शिता लाने और जमीन से जुड़े फर्जीवाड़े को रोकने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य सरकार प्रदेश के लगभग 80 लाख किसानों की जमाबंदी को आधार से जोड़ने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर रही है। इस परियोजना के तहत किसानों को उनकी जमीन से संबंधित किसी भी लेनदेन—खरीद, बिक्री या अन्य गतिविधि—का अलर्ट सीधे उनके मोबाइल फोन पर मिलेगा।
राजस्व मंडल की बैठक में लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य जमीन संबंधी धोखाधड़ियों को रोकना और किसानों को सुरक्षित, डिजिटल और पारदर्शी सूचना प्रणाली प्रदान करना है।
अजमेर और नागौर से प्रोजेक्ट की शुरुआत
पायलट प्रोजेक्ट के लिए दो गांव चुने गए हैं—अजमेर जिले की अरांई तहसील का अर्जुनपुरा और नागौर जिले का एक गांव। यहां यह व्यवस्था पहले परीक्षण के रूप में लागू की जाएगी। यदि प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो इसे पहले संभाग स्तर पर और फिर पूरे राजस्थान में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
इस पायलट संचालन में किसानों के आधार नंबर को उनकी जमाबंदी के साथ लिंक किया जाएगा, ताकि उनकी पहचान प्रमाणिक रूप से स्थापित हो सके और भूमि रिकॉर्ड पूरी तरह सुरक्षित रहे।
फार्मर रजिस्ट्री से जुड़ेगा डेटा
राजस्व विभाग की जानकारी के अनुसार आधार सीडिंग मॉड्यूल और फार्मर रजिस्ट्री आईडी को डीसीएस गिरदावरी के साथ इंटीग्रेट करने के लिए प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (POC) तैयार किया जाएगा।
एनआईसी के राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी को इस मॉड्यूल का प्रेजेंटेशन देने के निर्देश दिए गए हैं।
जमाबंदी को आधार से जोड़ने के बाद किसान की जमीन पर होने वाले हर प्रकार के परिवर्तन का मोबाइल पर मैसेज आएगा।
इससे भूमाफिया या अन्य पक्षों द्वारा किए जाने वाले संभावित फर्जीवाड़े पर मजबूत नियंत्रण मिलेगा।
फार्मर रजिस्ट्री के आधार पर ही जमाबंदी खातेदार का आधार नंबर अपडेट किया जाएगा। यह डाटा एकीकृत होकर भूमि रिकॉर्ड को अधिक सुरक्षित बनाएगा।
प्रदेश में 80 लाख किसानों की रजिस्ट्री पूरी
राजस्थान में अब तक लगभग 80 लाख किसानों की फार्मर रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है। इन किसानों को यूनिक आईडी भी जारी की जा चुकी है।
रजिस्ट्री में जिला-वार प्रगति इस प्रकार है:
प्रतापगढ़ जिला पहले स्थान पर है।
बीकानेर, टोंक, कोटा और करौली में काम तेज चल रहा है।
सलूंबर, खैरथल-तिजारा, अलवर, झालावाड़ और उदयपुर जिले में कार्य अभी धीमी गति से है।
सरकार किसानों से जुड़े लाभ भी इसी रजिस्ट्री के आधार पर दे रही है।
PM किसान योजना के लाभार्थी
राजस्थान में 90 लाख 19,695 किसान पीएम किसान योजना का लाभ ले रहे हैं। 88.69% किसानों का इनरोलमेंट पूरा हो चुका है।
इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाती है और सीधे उनके खाते में आर्थिक सहायता भेजी जाती है। फार्मर रजिस्ट्री और आधार से जुड़े भूमि रिकॉर्ड से इन योजनाओं का लाभ अधिक पारदर्शिता और सटीकता से किसानों तक पहुंचेगा।
प्रदेशभर में लागू होने की तैयारी
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे पूरे राजस्थान में लागू करने की योजना है। इससे जमीन से जुड़े विवाद, धोखाधड़ी और गलत रिकॉर्डिंग जैसी समस्याओं पर प्रभावी रोक लगेगी।


