शोभना शर्मा। राजधानी जयपुर के एयरपोर्ट रोड पर सोमवार को एक जनसुनवाई ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीना किसी बड़े मंच या कार्यालय के बजाय सड़क किनारे चाय की थड़ी पर आम लोगों के बीच बैठकर समस्याएं सुनते नजर आए। उन्होंने चाय पीते हुए एक-एक व्यक्ति की बात धैर्य के साथ सुनी। लोगों के बीच बैठकर बिना औपचारिकता के जन संवाद की यह शैली सभी को प्रभावित करती दिखाई दी।
महिला ने गौशाला भूमि पर अतिक्रमण की उठाई शिकायत
दौसा जिले के सिकराय क्षेत्र से पहुंची एक महिला ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उनके क्षेत्र में गौशाला की जमीन पर लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है और गौशाला के कार्यों में बाधाएं डाली जा रही हैं। महिला ने कहा कि मामले की शिकायत कई बार की गई, लेकिन अभी तक समाधान नहीं मिला। उसकी बात सुनते ही मंत्री मीना का रवैया काफी गंभीर दिखाई दिया।
महिला के हाथ पर लिखा आदेश, किया हस्ताक्षर
शिकायत सुनने के तुरंत बाद मंत्री मीना ने किसी कागज़ का इंतजार नहीं किया, बल्कि महिला के हाथ पर ही आदेश लिख दिया। उन्होंने साफ शब्दों में लिखा कि गौशाला के काम को कोई नहीं रोकेगा और इसके बाद उन्होंने वहीं हस्ताक्षर भी कर दिए। मंत्री ने महिला से कहा कि अधिकारियों को यही दिखा देना—यह मेरा आदेश है। यह दृश्य मौजूद लोगों के लिए बेहद अनोखा और भावनात्मक क्षण बन गया और देखते ही देखते चर्चा का विषय भी।
चार दिसंबर को मौके पर पहुंचने का भरोसा
महिला ने शिकायत करते समय भावुक होकर कहा कि यदि अतिक्रमण नहीं रुका तो वह धरती में समा जाएगी। इस पर मंत्री मीना ने उसे आश्वस्त करते हुए कहा कि वे इस मामले को किसी भी हालत में अधूरा नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि चार दिसंबर को वे स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थिति की समीक्षा करेंगे और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।
बिजली और पानी की समस्याओं पर भी तत्काल निर्देश
इस जनसुनवाई के दौरान बिजली और पानी से जुड़ी शिकायतें सबसे अधिक सामने आईं। मंत्री मीना ने सभी शिकायतकर्ताओं को ध्यान से सुना और मौके पर ही विभागीय अधिकारियों को फोन कर कार्रवाई के निर्देश जारी किए। उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान में किसी तरह की देरी या बाधा स्वीकार्य नहीं है।
लोगों को पसंद आई मंत्री की पहुंचने वाली शैली
चाय की थड़ी पर बैठकर जनसुनवाई करने का तरीका लोगों को काफी अपनापन देने वाला लगा। बिना प्रोटोकॉल और दिखावे के सीधे जनता के बीच उपस्थित होकर समस्याएं सुनने की यह पहल ग्रामीण और शहरी दोनों वर्गों में चर्चा का विषय बन गई। सोशल मीडिया पर भी इस अनोखी शैली को जनसेवा की मिसाल बताते हुए कई प्रतिक्रियाएँ देखी जा रही हैं।
जनता से सीधा संवाद जारी रखने का ऐलान
जनसुनवाई के अंत में मंत्री किरोड़ीलाल मीना ने कहा कि यह सिलसिला यहीं रुकने वाला नहीं है। आने वाले समय में वे गांव-गांव, चौक-चौराहों और स्थानीय स्थानों पर जाकर इसी तरह लोगों की समस्याएं सुनेंगे और समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य यह है कि जनता सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाए, बल्कि अपने मंत्री के सामने सीधे अपनी बात रख सके।


