मनीषा शर्मा, अजमेर । मध्य प्रदेश में तैनात आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की महिलाओं को लेकर कथित रूप से की गई अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ प्रदेशभर में विरोध तेज हो गया है। इस टिप्पणी ने न सिर्फ ब्राह्मण समाज में गहरी चोट पहुंचाई है, बल्कि सर्व समाज के लोग भी इस बयान को भारतीय संस्कृति और सामाजिक गरिमा के खिलाफ बता रहे हैं। गुरुवार को ब्राह्मण समाज से जुड़े सैकड़ों लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। समाज ने जिला कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में मुख्यमंत्री को संबोधित कर यह मांग रखी कि आईएएस संतोष वर्मा को तुरंत सेवा से बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। ब्राह्मण महासभा के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि यह विवाद मात्र एक टिप्पणी का नहीं बल्कि समाज की गरिमा और सम्मान का मुद्दा है, जिसे किसी स्थिति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
ज्ञापन के जरिए आईएएस अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग
ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष पंडित सुदामा शर्मा ने बताया कि IAS संतोष वर्मा वर्तमान में भोपाल में तैनात हैं। उनके द्वारा सार्वजनिक मंच पर ब्राह्मण समाज की महिलाओं से जुड़े जिस प्रकार के कथित टिप्पणी की गई, वह घोर निंदनीय है और किसी भी अधिकारी को ऐसी भाषा का प्रयोग करने का अधिकार नहीं है। ज्ञापन में समाज ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि सरकार ऐसी मानसिकता वाले अधिकारी पर कार्रवाई नहीं करती, तो समाज आगे और भी बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा। समाज की मांग है कि संतोष वर्मा को तुरंत पद से बर्खास्त किया जाए और उन पर आपराधिक तथा संवैधानिक प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए।
“देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए” — ब्राह्मण महासभा अध्यक्ष
पंडित सुदामा शर्मा ने कहा कि संविधान सर्व समाज के लोगों द्वारा मिलकर बनाया गया था और सभी वर्गों ने इसे पूर्ण सम्मान के साथ स्वीकार किया था। लेकिन आज इस प्रकार की टिप्पणियां न केवल समाज के सम्मान को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि यह सांवैधानिक मूल्यों की भी अवहेलना है। उन्होंने कहा कि संतोष वर्मा की मानसिकता देश की एकता और सामाजिक सौहार्द के खिलाफ है। ऐसे अधिकारी के खिलाफ केवल विभागीय कार्रवाई ही नहीं, बल्कि देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी इस प्रकार की टिप्पणी करने से पहले सौ बार सोचें। समाज ने आरोप लगाया कि इस प्रकार की टिप्पणियां समाज को बांटने का कार्य करती हैं और एक अधिकारी होने के नाते उनसे संयम और मर्यादा की अपेक्षा की जाती है।
कथित टिप्पणी ने भड़काया आक्रोश
ब्राह्मण समाज का आरोप है कि आईएएस संतोष वर्मा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कथित रूप से कहा था कि जब तक उनके बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान न कर दे या उससे संबंध न बना दे, तब तक उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए। यह कथित बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। समाज के लोगों का कहना है कि यह बयान न सिर्फ ब्राह्मण समाज की महिलाओं का अपमान है बल्कि भारतीय समाज की मूल संरचना, सम्मान और नैतिकता पर हमला है। ब्राह्मण समाज से जुड़े नेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि यह टिप्पणी महिलाओं की गरिमा के खिलाफ है और इसे किसी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता। समाज ने कहा कि इस प्रकार की सोच रखने वाले व्यक्ति को प्रशासनिक सेवा में रहना देश और समाज के लिए खतरा है।
समाज का कहना — ऐसा अधिकारी प्रशासनिक तंत्र में रहने योग्य नहीं
ब्राह्मण महासभा और विभिन्न संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों का कहना है कि देश के प्रशासनिक तंत्र में उस व्यक्ति के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए जो महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाला बयान दे और किसी वर्ग या समुदाय के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग करे। समाज का कहना है कि सरकार को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शामिल हुए समाजजन
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक, युवा और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और प्रशासन से न्याय की मांग की। समाज के लोगों ने कहा कि यह मुद्दा केवल ब्राह्मण समाज का नहीं बल्कि पूरे भारतीय समाज के आदर और नैतिक मूल्यों से जुड़ा हुआ है। यदि ऐसे बयान बिना सजा के छोड़ दिए जाते हैं, तो समाज में गलत संदेश जाएगा और प्रशासनिक अधिकारियों के आचरण पर भी सवाल उठेंगे।


