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राजस्थान पर्यटन प्री-समिट शुरू, नई पर्यटन नीति और 662 हवेलियों के संरक्षण पर जोर

राजस्थान पर्यटन प्री-समिट शुरू, नई पर्यटन नीति और 662 हवेलियों के संरक्षण पर जोर

मनीषा शर्मा। प्रवासी राजस्थानी दिवस से पहले आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत गुरुवार को क्लार्क्स आमेर में राजस्थान पर्यटन प्री-समिट का भव्य शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर आयोजित यह प्री-समिट पर्यटन क्षेत्र में नीति, निवेश, नवाचार और सतत विकास के व्यापक विज़न को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। इसमें राज्य के सभी प्रमुख पर्यटन आयामों को वर्षभर सक्रिय रखने और राजस्थान को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर मजबूत पहचान दिलाने की रणनीतियों पर चर्चा की जा रही है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक धरोहर, स्थापत्य कला, लोकजीवन और प्राकृतिक विविधता को देश-विदेश में विशेष पहचान दिलाने की बात पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान ऐसा प्रदेश है जहां एक ही टिकट पर पर्यटक अनेक अनुभवों का आनंद ले सकते हैं। जहां एक ओर विशाल रेगिस्तान है, वहीं दूसरी ओर झीलें, पहाड़, अभयारण्य, जंगल सफारी, प्राचीन किले, ऐतिहासिक महल और धार्मिक स्थल भी उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की यह विविधता पर्यटन के लिए अपार संभावनाएं पैदा करती है।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए भजनलाल शर्मा ने कहा कि अब वह दौर समाप्त हो गया है जब काम चेहरे देखकर दिए जाते थे। राज्य में अब नीति आधारित शासन चल रहा है, जिसका उद्देश्य निवेश, पर्यटन, उद्योग और विकास को पारदर्शी और गति देने वाला बनाना है। उन्होंने कहा कि सिंगल विंडो सिस्टम के कारण पर्यटन क्षेत्र से जुड़े निवेश प्रक्रियाओं में तेजी आई है।

मुख्यमंत्री ने निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नई पर्यटन नीति शीघ्र लागू की जाएगी और इससे पर्यटन के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। इस नीति में पर्यटक सुविधाओं, मार्केटिंग, डिजिटल और एआई आधारित टूल्स, कौशल विकास, रोजगार और निवेश जैसे सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया जाएगा। इसके साथ एक विशेष नीति कार्यान्वयन इकाई भी बनाई जाएगी ताकि नीति का प्रभाव जमीन पर दिखाई दे।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने पर्यटन और हॉस्पिटेलिटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा देकर एक बड़ा कदम उठाया है। इससे निवेशकों को अनेक रियायतें और सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अगस्त तक राजस्थान में 15 करोड़ से अधिक देशी और लगभग 12 लाख विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं, जो पर्यटन विस्तार की बड़ी उपलब्धि है।

भजनलाल शर्मा ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें कुल 35 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हुए जिनमें से लगभग 7 लाख करोड़ रुपये के एमओयू की ग्राउंड-ब्रेकिंग हो चुकी है। पर्यटन क्षेत्र में 1,702 एमओयू किए गए जिनसे 1 लाख 44 हजार करोड़ रुपये का निवेश और लगभग 2 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर बनने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इनमें से 277 परियोजनाओं ने ग्राउंड-ब्रेकिंग चरण में प्रवेश कर लिया है।

शेखावाटी क्षेत्र में विरासत संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि झुंझुनूं, सीकर और चुरू जिलों की 662 ऐतिहासिक हवेलियों को पर्यटन के लिए संरक्षित किया जाएगा। यह क्षेत्र अपनी अनूठी पेंटिंग्स और स्थापत्य कला के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है और हवेलियों का संरक्षण पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

धार्मिक पर्यटन के विस्तार पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन 2.0 और प्रसाद 2.0 योजनाओं के तहत खाटूश्यामजी, करणी माता मंदिर, मालासेरी डूंगरी, महाराणा प्रताप सर्किट, ब्रज चौरासी परिक्रमा और कृष्ण गमन पथ पर तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। इसके अलावा राज्य ग्रामीण पर्यटन, वेलनेस, एडवेंचर, ट्राइबल, फिल्म और कूजिन टूरिज्म जैसे नए क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दे रहा है।

राजस्थान में फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार नई फिल्म नीति लेकर आ रही है। वर्तमान नीति के तहत फिल्म निर्माताओं को 2 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है और सरकारी भवनों पर शूटिंग शुल्क में छूट प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए 5 हजार करोड़ रुपये का राजस्थान टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कैपेसिटी बिल्डिंग फंड बनाया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से 20 हजार युवाओं और लोक कलाकारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने कहा कि राजस्थान हर मौसम में पर्यटकों को आकर्षित करने वाला राज्य है। उन्होंने बताया कि समिट के दौरान उद्योग विशेषज्ञों, निवेशकों और नीति निर्माताओं से महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं। दीया कुमारी ने कहा कि नई पर्यटन नीति, फिल्म पर्यटन नीति, एडवेंचर टूरिज्म पॉलिसी और राजस्थान टूरिज्म ऐप जल्द लॉन्च किए जाएंगे।

कार्यक्रम में ओंकार सिंह लखावत, मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास, सुमन बिल्ला, प्रवीण गुप्ता, अरुण मिश्रा, प्रीति सत्यनारायण, राजीव खंडेलवाल, काम्या जानी, अपूर्व कुमार, देवयानी भटनागर और चित्रा गुरनानी सहित बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग शामिल रहे।

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