latest-newsबाड़मेरराजनीतिराजस्थान

बाड़मेर DISHA बैठक में सांसद बेनीवाल का विभागीय अफसरों पर कड़ा प्रहार

बाड़मेर DISHA बैठक में सांसद बेनीवाल का विभागीय अफसरों पर कड़ा प्रहार

शोभना शर्मा।  बाड़मेर जिले में आयोजित जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (DISHA) बैठक इस बार प्रशासनिक सख्ती, जवाबदेही और विभागीय लापरवाही पर तीखी आलोचनाओं के लिए चर्चा का केंद्र बन गई। बैठक के दौरान सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि सरकारी धन और समय की बर्बादी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अफसरों की कार्यशैली और रिपोर्ट प्रस्तुत करने में लापरवाही पर सांसद का रुख इतना कड़ा रहा कि पूरे सभागार में मौजूद अधिकारियों में खामोशी और तनाव स्पष्ट दिखाई दिया।

बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा शिव उपखंड के मोखाब ग्राम पंचायत क्षेत्र में PWD ठेकेदार द्वारा खातेदार की जमीन पर अवैध खनन कर सड़क निर्माण कराने का था। अधिक गंभीर स्थिति तब सामने आई जब दो विभागों के बयान पूरी तरह एक-दूसरे के विपरीत निकले। खनन विभाग के अधिकारियों का कहना था कि क्षेत्र में कोई अवैध खनन हुआ ही नहीं, जबकि PWD के अधिकारियों ने यह दावा किया कि सड़क निर्माण में उपयोग की गई मुरम कहां से लाई गई, और ठेकेदार कौन था, इसकी जानकारी उनसे साझा नहीं की गई थी। दोनों विभागों की जवाबदेही से बचने वाली यह प्रवृत्ति सांसद बेनीवाल के गुस्से का मुख्य कारण बनी।

सांसद बेनीवाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि क्या अधिकारी बैठक में केवल समोसे खाने आते हैं? उन्होंने याद दिलाया कि पिछली DISHA बैठक में खातेदार की शिकायत पर स्वयं उन्होंने खसरा नंबर सहित पूरी जानकारी लिखित रूप में अधिकारियों को सौंपी थी। इसके बावजूद विभागों ने न तो तथ्यात्मक जांच की और न ही कोई स्पष्ट रिपोर्ट पेश की। सांसद ने कलेक्टर टीना डाबी सहित उपस्थित विभागीय अधिकारियों से सवाल किया कि यदि खनन नहीं हुआ तो सड़क निर्माण में उपयोग हुई सामग्री कहां से आई? और यदि सड़क वास्तव में बनी है तो ठेकेदार को अपने कार्य और ज़िम्मेदारी की जानकारी कैसे नहीं है?

बैठक के दौरान सांसद ने खनन विभाग के अभियंता और PWD के अधीक्षण अभियंता को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यह केवल औपचारिक चेतावनी नहीं है, बल्कि भविष्य में ऐसी लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि खातेदार की भूमि पर हुए नुकसान का पूर्ण सत्यापन किया जाए, दोषी ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की जाए, और सभी रिपोर्टें निर्धारित समय सीमा में उपलब्ध कराई जाएं। सांसद के कठोर रुख के बाद बैठक में मौजूद अफसरों में बेचैनी और खामोशी छाई रही।

विधायक रविंद्र भाटी भी उठाए सवाल

बैठक में मौजूद शिव विधायक रविंद्र भाटी ने भी प्रशासनिक ढर्रे पर सवाल उठाए। सुबह 11 बजे शुरू हुई समीक्षा बैठक रात 8 बजे तक चली, लेकिन बैठक में कई अफसर अनुपस्थित थे और जो उपस्थित थे, वे पूछे गए प्रश्नों पर गोलमोल जवाब देते रहे। इस पर विधायक भाटी नाराज हो गए और कलेक्टर टीना डाबी पर सीधा सवाल दाग दिया। उन्होंने कहा कि यदि योजनाओं का अनुमोदन और चर्चा ही नहीं होनी थी तो बैठक क्यों बुलाई गई? यदि पूरी प्रक्रिया अकेले ही करनी थी तो हम सबको बुलाकर समय क्यों खराब किया गया? भाटी का बयान “क्या यह मीटिंग समोसा खाने के लिए बुलाई गई है?” बैठक का सबसे चर्चित क्षण बन गया।

बैठक का माहौल और प्रशासन पर सवाल

अधिकारी अक्सर DISHA बैठकों को औपचारिकता के तौर पर लेते हैं, लेकिन बाड़मेर की यह बैठक प्रशासनिक गैर-जवाबदेही को उजागर कर गई। सांसद और विधायक दोनों के गुस्से का कारण केवल एक मामला नहीं, बल्कि समग्र कार्यप्रणाली थी — जहां योजनाएं, बजट, विकास कार्यों की प्रगति और जन शिकायतों पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं हो रही थी। विभागीय प्रस्तुतियों में स्पष्टता और तथ्यों की कमी बार-बार सामने आती रही।

कलेक्टर टीना डाबी की भूमिका पर भी सवाल उठे। हालांकि उन्होंने शांत माहौल बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन विभागीय रिपोर्टों में देरी और अफसरों की अनुपस्थिति का बचाव नहीं किया जा सका। कई जनप्रतिनिधियों ने कहा कि DISHA बैठकों का उद्देश्य विकास कार्यों की प्रगति पर निगरानी रखना है, न कि केवल औपचारिक बैठक कर रिपोर्ट फाइल में जोड़ देना।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading