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टीकाराम जूली का सरकार पर हमला: अंता रिजल्ट से BJP की नींद उड़ी

टीकाराम जूली का सरकार पर हमला: अंता रिजल्ट से BJP की नींद उड़ी

मनीषा शर्मा।  अंता उपचुनाव परिणाम के बाद राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में भाजपा सरकार पर तीखे वार किए। उन्होंने आरोप लगाया कि अंता के चुनावी नतीजे इतना बड़ा झटका साबित हुए हैं कि सरकार ने तत्काल प्रभाव से मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सचिव तक को बदल दिया। जूली के अनुसार, इस बदलाव से साफ हो गया है कि एक उपचुनाव का परिणाम किस प्रकार सरकार की दिशा बदल सकता है।

“अंता चुनाव को खुद BJP ने बनाया सेमीफाइनल, जनता ने दिखाया आइना”

जूली ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के नेता अंता चुनाव को 2028 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल बताते हुए जनता को भ्रमित कर रहे थे। उनके अनुसार, जनता ने भाजपा का भ्रम तोड़कर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि सत्ता के अहंकार को लोग नहीं स्वीकारते। उन्होंने कहा कि अंता में BJP का हारना इस बात का संकेत है कि जनता सरकार के प्रदर्शन से खुश नहीं है।

“दो साल से जनता को खून के आंसू रुला रही सरकार”

टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार पर जनता की समस्याओं की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि किसान लगातार अपनी फसल के नुकसान से परेशान हैं, युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, और आम आदमी महंगाई की मार झेल रहा है। इसके बावजूद सरकार केवल पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के नाम बदलने और उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने में लगी है। उनका कहना था कि जनता को राहत देने के बजाय योजनाओं को बंद करना, गरीबों के हित वाली नीतियों को रोकना और संसाधनों का गलत बंटवारा करना भाजपा का मुख्य काम हो गया है। जूली के अनुसार, सरकार जनता की समस्याओं की बजाय राजनीतिक स्वार्थ साधने में अधिक रुचि ले रही है।

SIR प्रक्रिया को लेकर सवाल: “अभी विधानसभा चुनाव में तीन साल, इतनी जल्दी क्यों?”

नेता प्रतिपक्ष ने SIR (Special Summary Revision) प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत और निकाय चुनावों में हार के डर से सरकार यह प्रक्रिया जल्दबाजी में लागू करवा रही है। उनके अनुसार, बीएलओ पर दबाव बनाया जा रहा है और कई नाम गलत तरीके से सूची से हटाए जा रहे हैं।

जूली ने कहा कि जब विधानसभा चुनाव में अभी तीन साल का समय है, तो इतनी जल्दबाजी क्यों की जा रही है। वे बोले कि यदि कार्य पारदर्शी तरीके से करना है, तो इसमें समय लगेगा, लेकिन इस सरकार का उद्देश्य केवल चयनित वोटरों को प्रभावित करना प्रतीत होता है।

“घुसपैठियों” के नाम पर राजनीति?

भाजपा द्वारा SIR प्रक्रिया को घुसपैठियों की पहचान करने का माध्यम बताने पर जूली ने पलटवार किया। उनके अनुसार, भाजपा पिछले 12 वर्षों से केंद्र और कई वर्षों से राजस्थान में सत्ता में रही है, फिर भी यदि घुसपैठिए हैं तो अब तक क्यों नहीं पकड़े गए।

उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां SIR प्रक्रिया के दौरान करोड़ों वोटर सूची से हटाए गए, लेकिन उनमें से कितने घुसपैठिए थे, इसका जवाब आज तक सरकार ने नहीं दिया। जूली का आरोप है कि घुसपैठ का मुद्दा केवल जनता को गुमराह करने का हथकंडा है।

जनता का संदेश साफ: विकास दिखाओ, बहाने नहीं

टीकाराम जूली ने कहा कि जनता अब बहानों से नहीं, काम से प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि जमीन हकीकत यह है कि सरकार का ध्यान विकास कार्यों से हटकर राजनीतिक रणनीतियों में ज्यादा है। जूली ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जनहित नीतियों पर काम नहीं किया, तो आने वाले समय में भी जनता इस प्रकार का कड़ा जवाब दे सकती है।

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