मनीषा शर्मा। राजस्थान में पंचायत राज व्यवस्था को मजबूत और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने व्यापक बदलाव करते हुए पंचायत समितियों का एक बड़ा पुनर्गठन किया है। सरकार ने 41 में से 33 जिलों में 85 नई पंचायत समितियां गठित कर दी हैं, जिसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। इसके साथ ही 40 जिलों में मौजूदा पंचायत समितियों के दायरे और क्षेत्र को घटाने-बढ़ाने का काम किया गया है। इन नई समितियों के बनने के बाद अब प्रदेश में पंचायत समितियों की संख्या 365 से बढ़कर 450 हो गई है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि अधिकांश जिलों में गांवों की संख्या कम कर दी गई है, जिससे पंचायत समिति का क्षेत्र छोटा होकर प्रशासनिक कार्य बेहतर तरीके से संचालित हो सके।
किन जिलों में नहीं बनी नई पंचायत राज समितियां
पुनर्गठन के बावजूद 8 जिलों में सरकार ने कोई भी नई पंचायत राज बनाने का निर्णय नहीं लिया है। इनमें शामिल हैं:
झालावाड़
भरतपुर
डीग
चित्तौड़गढ़
धौलपुर
राजसमंद
प्रतापगढ़
पाली
इन जिलों में राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों का भी असर देखा गया। उल्लेखनीय है कि:
झालरापाटन (झालावाड़) से वसुंधरा राजे चुनाव लड़ती हैं
धौलपुर उनका गृह जिला है
भरतपुर सीएम भजनलाल शर्मा का गृह जिला है
पाली प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन राठौड़ का गृह जिला है
इसी वजह से झालावाड़ जिले की किसी भी पंचायत समिति के क्षेत्र में बदलाव नहीं किया गया।
कहां क्या बड़े बदलाव हुए
डीग जिला
एक पंचायत समिति समाप्त
नगर पंचायत समिति का नाम बदलकर अब ब्रज नगर कर दिया गया
सीकरी पंचायत समिति समाप्त कर दी गई
अलवर जिला
पुनर्गठन के पश्चात भनोखर पंचायत समिति खत्म कर दी गई
जैसलमेर जिला
सम पंचायत समिति का नाम बदलकर खुहड़ी कर दिया गया
क्षेत्र वही रहेगा
झालावाड़ क्यों अपवाद रहा?
जहां पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर पुनर्गठन हुआ, वहीं झालावाड़ एकमात्र ऐसा जिला है जहां न तो किसी पंचायत समिति में बदलाव हुआ और न ही इलाके की सीमाओं में कोई परिवर्तन किया गया। राजनीतिक प्रभाव के कारण इसे विशेष रूप से यथावत रखा गया है।
बदलाव का उद्देश्य और असर
राज्य सरकार का लक्ष्य पंचायत समितियों की संरचना को वर्तमान जनसंख्या और क्षेत्रीय आवश्यकता के अनुसार ढालना है। अधिक गांवों वाले बड़े इलाकों के कारण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में कई तरह की चुनौतियां आती थीं। अब नई संरचना से:
स्थानीय प्रशासन अधिक प्रभावी होगा
जनता तक संसाधन और योजनाएं तेजी से पहुंचेंगी
पंचायत सिस्टम में जवाबदेही और दक्षता बढ़ेगी


