शोभना शर्मा। राजस्थान के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को अब करियर की दिशा तय करने में विशेषज्ञ मार्गदर्शन मिलेगा। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (RSCERT) ने एक व्यापक करियर शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्यभर के शिक्षकों को करियर परामर्शदाता के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह पहल विशेष रूप से सरकारी स्कूलों के उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है जो करियर चयन के समय उचित मार्गदर्शन के अभाव में भ्रमित रहते हैं।
RSCERT उदयपुर इस कार्यक्रम को लागू करने का मुख्य केंद्र होगा, जहां शिक्षकों को चरणबद्ध प्रशिक्षण दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इस मॉड्यूल का उद्देश्य शिक्षकों को करियर परामर्श की मूल संरचना, पद्धतियों और तकनीकों से परिचित कराना है, ताकि वे छात्रों की रुचियों, क्षमताओं और संभावनाओं को समझकर उन्हें सही दिशा दिखा सकें।
कक्षावार संरचना: अलग उम्र समूहों के लिए अलग फोकस
इस करियर शिक्षा कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसकी कक्षावार संरचना है, जो छात्रों के अलग-अलग आयु वर्ग की मानसिक और शैक्षिक आवश्यकताओं के आधार पर तैयार की गई है।
कक्षा 1 से 5 (उम्र 6 से 11 वर्ष): करियर जागरूकता
इस स्तर पर मॉड्यूल बच्चों को उनकी रुचियों, क्षमताओं और व्यक्तित्व के शुरुआती संकेतों को पहचानने में मदद करता है। खेल, गतिविधियों और कक्षा चर्चा के माध्यम से बच्चों को विभिन्न पेशों और कार्यक्षेत्रों की प्रारंभिक जानकारी दी जाएगी।
कक्षा 6 से 10 (उम्र 12 से 15 वर्ष): करियर शिक्षा
इस वर्ग में छात्रों को विकल्पों, विषय चयन, कौशल विकास और भविष्य के अवसरों पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे छात्रों तक इस जानकारी को सहज, वैज्ञानिक और व्यावहारिक तरीके से पहुँचाएं।
कक्षा 11-12 (उम्र 16 से 18 वर्ष): करियर विकास
सीनियर कक्षाओं के छात्र बोर्ड परीक्षा और कॉलेज प्रवेश की तैयारी में रहते हैं। ऐसे में उन्हें करियर चयन, प्रवेश प्रक्रिया, प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं, उच्च शिक्षा के विकल्पों तथा उद्योगों की मांगों के बारे में विशेषज्ञ मार्गदर्शन की जरूरत होती है। मॉड्यूल इन्हीं विषयों पर प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से छात्रों की सहायता करेगा।
मॉड्यूल शिक्षकों को बनाएगा प्रशिक्षित करियर काउंसलर
RSCERT के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार यह मॉडल शिक्षकों को करियर परामर्शदाता के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। अधिकारी ने बताया कि उच्च कक्षाओं के बच्चों को विषय चुनाव और करियर निर्णय के समय उचित सलाह की आवश्यकता होती है, लेकिन ज्यादातर माता-पिता की अपेक्षाएँ और सामाजिक दबाव बच्चों को भ्रमित कर देते हैं।
इस मॉड्यूल के माध्यम से शिक्षक न केवल करियर जानकारी प्रदान करेंगे, बल्कि छात्रों की व्यक्तिगत समस्याओं और मानसिक उलझनों को भी समझकर उनके समाधान में मदद करेंगे। इसके साथ ही मॉड्यूल विद्यार्थियों को अपनी रुचियों, ताकतों और लक्ष्यों की पहचान करने में सहयोग करेगा।
डिजिटल संसाधन बनेगा कार्यक्रम का आधार
अधिकारियों ने बताया कि यह पूरा करियर शिक्षा कार्यक्रम एक केंद्रीकृत डिजिटल संसाधन के रूप में तैयार किया गया है। इसमें ऑनलाइन प्रशिक्षण सामग्री, करियर गाइड, वीडियो लेक्चर, गतिविधि आधारित सामग्री और मूल्यांकन उपकरण उपलब्ध होंगे। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग शिक्षक और विद्यार्थी दोनों कर सकेंगे। इससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूल भी गुणवत्तापूर्ण करियर परामर्श से जुड़ सकेंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पहल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में करियर शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर विशेष जोर दिया गया है। राजस्थान का यह कार्यक्रम उसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि करियर शिक्षा कार्यक्रम राज्य के लाखों छात्रों के भविष्य को मजबूती देगा। यह छात्रों को बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा और शिक्षा से रोजगार की दिशा में एक सुचारू सेतु का काम करेगा।
माता-पिता के प्रभाव की पहचान भी करेगा मॉड्यूल
मॉड्यूल की एक खास विशेषता यह है कि यह छात्रों पर माता-पिता के प्रभाव को समझने और संभालने में भी शिक्षकों की सहायता करेगा। कई बार अभिभावकों की अपेक्षाएँ बच्चों की वास्तविक रुचियों से मेल नहीं खातीं, ऐसे में शिक्षक एक संतुलित मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकेंगे।


