अजमेर के प्रतिष्ठित मयूर स्कूल में नाबालिग छात्र के साथ हुए मारपीट और उत्पीड़न के मामले ने गंभीर रूप ले लिया है। गुरुवार (20 नवंबर) को पीड़ित छात्र के परिजन सामने आए और स्कूल प्रशासन तथा पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की। परिजनों ने बताया कि स्पोर्ट्स इवेंट से पहले छात्र को प्रतियोगिता में हिस्सा न लेने की धमकी दी गई थी, जिसके बाद यह घटना धीरे-धीरे गंभीर रूप में बदलती गई।
धमकी के बाद दर्ज कराई FIR, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई
पीड़ित छात्र ने 16 अक्टूबर को अपने परिवार को पूरी घटना की जानकारी दी, जिसके बाद परिजन अलवर गेट थाना पहुंचे और एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने उसी दिन आरोपित छात्रों और उनके अभिभावकों को बुलाकर पूछताछ की, लेकिन शाम होते-होते सभी को घर भेज दिया गया। अगले दिन 17 अक्टूबर को स्कूल में स्पोर्ट्स इवेंट आयोजित हुआ, जिसमें छात्र ने प्रथम स्थान हासिल किया। परिजनों के अनुसार, इसी सफलता के चलते कुछ छात्रों की जलन और बढ़ गई।
छात्र के परिजनों का आरोप है कि एफआईआर के बाद भी न तो स्कूल प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई की और न ही पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। दिवाली की छुट्टियों के चलते मामला कई दिनों तक टलता रहा, जिससे स्थिति और बिगड़ती गई।
स्कूल प्रिंसिपल पर भी लापरवाही के आरोप
परिजन बताते हैं कि स्कूल प्रिंसिपल ने लिखित में किसी कार्रवाई की सूचना नहीं दी। मौखिक रूप से यह कहा गया कि आरोपित छात्रों को एक महीने के लिए निलंबित किया गया है, लेकिन छुट्टियों के कारण इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। स्कूल खुलते ही आरोपित छात्र फिर पहुंच गए और पीड़ित को दोबारा धमकाने लगे।
परिजनों का आरोप है कि आरोपित छात्रों ने कहा कि थाने में मुकदमा दर्ज कराने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और स्कूल उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इतना ही नहीं, मारपीट और कपड़े उतारने वाला 8 अक्टूबर को बनाया गया वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी गई।
दूसरी एफआईआर और सोशल मीडिया पर फिर धमकी
स्थिति बिगड़ने पर परिजनों ने 17 नवंबर को सिविल लाइन थाना क्षेत्र में दूसरी एफआईआर दर्ज कराई, क्योंकि यह घटना अलग क्षेत्राधिकार में हुई थी। परिजन बताते हैं कि 19 नवंबर की रात करीब 12 बजे आरोपित छात्रों ने इंस्टाग्राम पर फिर धमकी भरे संदेश पोस्ट किए, जिसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी गई।
परिजनों के मुताबिक, उनकी बेटी को भी लंबे समय से स्कूल में प्रताड़ित किया जा रहा था, लेकिन स्कूल प्रशासन मामले को दबाता रहा। इस मानसिक तनाव के कारण बच्ची अवसाद में चली गई है।
परिजनों ने मांगी पुलिस सुरक्षा
परिवार ने मांग की है कि छात्र की सुरक्षा के लिए तत्काल पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में बच्चे के साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रिंसिपल, स्कूल स्टाफ और आरोपित छात्रों व उनके अभिभावकों की होगी।


