प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के तहत केंद्र सरकार ने 21वीं किस्त जारी कर दी है। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने तबीजी स्थित राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि आज दुनिया का सबसे बड़ा और प्रभावी किसान समर्थन कार्यक्रम बन चुका है, जिसने छोटे और सीमांत किसानों के जीवन में अभूतपूर्व सकारात्मक बदलाव लाए हैं।
राज्यमंत्री चौधरी ने बताया कि योजना शुरू होने के बाद से अब तक किसानों के खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से 23 लाख 90 हजार करोड़ से अधिक की राशि भेजी जा चुकी है। इस वित्तीय सहयोग ने देशभर के करोड़ों किसानों को नियमित आर्थिक संबल प्रदान किया है और उन्हें कृषि निवेश, बीज, खाद तथा अन्य उत्पादन-संबंधी जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण सहायता मिली है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का कृषि क्षेत्र लगातार नए आयाम स्थापित कर रहा है। प्राकृतिक खेती, आधुनिक कृषि तकनीक, डिजिटलीकरण और नवाचार के कारण किसानों की उत्पादकता और आय में तेजी से वृद्धि हो रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पीएम किसान योजना जैसी पहलों ने कृषि को स्थायी, सक्षम और भविष्य उन्मुख बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम का आयोजन आईसीएआर–राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र अजमेर और सहकारिता विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ. जेपी मिश्रा, केंद्र के निदेशक डॉ. विनय भारद्वाज, विज्ञान केंद्र प्रभारी डॉ. धर्मेंद्र भाटी, अतिरिक्त जिला कलक्टर वंदना खोरवाल, कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक संजय तनेजा और सहकारिता विभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार संजीव कुमार भी उपस्थित रहे।
इसी कार्यक्रम के दौरान किसानों को आर्थिक समर्थन से जुड़े विभिन्न तकनीकी पहलुओं और योजनाओं की जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने किसानों को खेती में विविधीकरण, उन्नत मसाला उत्पादन तकनीकों और प्राकृतिक खेती के महत्व पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के कोयंबटूर से पूरे देश के किसानों को बड़ी सौगात देते हुए पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त के तहत 9 करोड़ किसानों के खातों में 18,000 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की। मोदी सरकार के इस कदम को किसान कल्याण की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।


