मनीषा शर्मा । राजस्थान की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, क्योंकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई हालिया कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें सबसे अहम था प्रवासी राजस्थानियों के लिए एक अलग विभाग का गठन। मंत्री जोगाराम पटेल ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि यह कदम राज्य को विकास के नए रास्तों की ओर ले जाने की दिशा में उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर में बसे करोड़ों राजस्थानियों का अपनी मातृभूमि से संबंध मजबूत करने और राज्य के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यह विभाग एक बड़ा प्लेटफॉर्म साबित होगा। सरकार का मानना है कि प्रवासी राजस्थानियों की विशेषज्ञता, निवेश और भावनात्मक जुड़ाव राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
अंता उपचुनाव में हार—भाजपा की समीक्षा जारी
अंता उपचुनाव में मिली हार को भाजपा ने गंभीरता से लिया है। जोगाराम पटेल ने माना कि हार के पीछे एक प्रमुख कारण यह था कि सरकार अपने दो साल के कामकाज को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाने में असफल रही। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व इस हार पर लगातार मंथन कर रहा है और आत्मचिंतन के माध्यम से आगे की रणनीति सुधारी जाएगी।
पटेल के अनुसार, उपचुनाव के परिणामों ने यह स्पष्ट किया है कि सरकार को जनहितकारी योजनाओं और उपलब्धियों को जमीन पर और अधिक प्रभावी तरीके से जनता तक ले जाने की आवश्यकता है। भाजपा का मानना है कि इस समीक्षा से संगठन को मजबूती मिलेगी और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन की राह बनेगी।
नरेश मीणा को टिकट देने के आरोपों पर मंत्री पटेल की सफाई
अंता उपचुनाव के बाद भाजपा पर यह आरोप लगा कि उसने नरेश मीणा को एक सोची-समझी रणनीति के तहत चुनाव लड़वाया। इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए जोगाराम पटेल ने स्पष्ट कहा कि भारतीय जनता पार्टी की रणनीति किसी व्यक्तिगत चेहरे या व्यक्ति पर आधारित नहीं होती। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है, लेकिन पार्टी की नीतियां और निर्णय व्यापक सोच और संगठनात्मक रणनीति के आधार पर तय होते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप राजनीतिक लाभ के लिए किए गए प्रयास हैं, जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है।
एसआईआर में धर्म के आधार पर नाम काटने के आरोप बेबुनियाद
कांग्रेस ने दावा किया था कि राजस्थान में एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन ऑफ वोटर लिस्ट) के दौरान धर्म के आधार पर नाम हटाए जा रहे हैं। इस पर जोगाराम पटेल ने तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि ये आरोप पूरी तरह गलत और आधारहीन हैं।
उन्होंने बताया कि एसआईआर की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से चल रही है और इसकी निगरानी के लिए बनी टीम ईमानदारी व पारदर्शिता से काम कर रही है। पटेल ने याद दिलाया कि कांग्रेस ने बिहार चुनावों में भी ऐसे आरोप लगाए थे, लेकिन जनता ने सत्य का साथ देकर उन्हें खारिज कर दिया।
बीएलओ की मौतों पर सरकार की चिंता, लेकिन दबाव से किया इनकार
राज्य में बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की आत्महत्या और हार्ट अटैक के मामलों पर मंत्री पटेल ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सरकार इस स्थिति को बेहद गंभीरता से ले रही है, लेकिन बीएलओ पर किसी भी प्रकार के दबाव से स्पष्ट रूप से इनकार किया। पटेल ने कहा कि सरकार उनके कल्याण के लिए आवश्यक कदम उठाएगी और कार्य स्थितियों को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा।
निकाय चुनावों में दो बच्चों वाली शर्त पर चर्चा नहीं
निकाय चुनावों में दो बच्चों की बाध्यता हटाने के मुद्दे पर उठ रहे सवालों पर भी पटेल ने स्पष्ट किया कि हालिया कैबिनेट बैठक में इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई। यह मुद्दा भविष्य में देखा जा सकता है, लेकिन फिलहाल सरकार का ध्यान विकास योजनाओं और प्रशासनिक सुधारों पर केंद्रित है।
राजस्थान की राजनीति में बढ़ी हलचल, भाजपा के लिए नया मौका
कुल मिलाकर, कैबिनेट के फैसले और उपचुनाव की समीक्षा के बाद राजस्थान की राजनीति में नई हलचल दिखाई दे रही है। भाजपा का मानना है कि विकास कार्यों के साथ-साथ चुनावी सीख को समझकर वह भविष्य में और मजबूत होकर उभरेगी। मंत्री जोगाराम पटेल के बयानों ने पार्टी की रणनीति और सरकार के दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से सामने रखा है।


