मनीषा शर्मा। राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक राज्य के विकास, रोजगार और औद्योगिक निवेश की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बैठक में कई बड़े और रणनीतिक फैसलों पर मुहर लगाई गई, जिनका सीधा असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था, रोजगार और उद्योगों पर पड़ेगा। बैठक के बाद मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने प्रेस को विस्तृत जानकारी दी।
सरकार ने इस बैठक में विशेष तौर पर औद्योगिक क्षमता बढ़ाने, कौशल विकास सुधारने, तकनीकी उन्नयन और ऊर्जा क्षेत्र को मजबूती देने वाले फैसलों को प्राथमिकता दी। साथ ही भविष्य की नीतियों को लागू करने के लिए विस्तृत रोडमैप भी तय किया गया।
ग्लोबल कैपेसिटी पॉलिसी 2025 को मंजूरी—औद्योगिक निवेश को नई गति
कैबिनेट ने राजस्थान ग्लोबल कैपेसिटी पॉलिसी (GCC) 2025 को स्वीकृति दे दी। यह नीति राज्य को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय निवेश का केंद्र बनाने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
मंत्री राठौड़ के अनुसार, यह नीति औद्योगिक निवेश, तकनीकी उन्नयन और कौशल विकास को एक ही ढांचे में जोड़ने का काम करेगी। इसके तहत राज्य विदेशी और घरेलू कंपनियों को एकीकृत प्लेटफॉर्म पर निवेश, उत्पादन, अनुसंधान व कौशल प्रशिक्षण की सुविधाएं देगा।
सरकार का मानना है कि इस नीति से रोजगार के हजारों अवसर बनेंगे और राजस्थान को मैन्युफैक्चरिंग व टेक सेक्टर में महत्वपूर्ण पहचान मिलेगी। नीति के क्रियान्वयन को चरणबद्ध तरीके से लागू करने पर बैठक में चर्चा की गई।
तीन शहर बनेंगे GCC हब—जयपुर, उदयपुर और जोधपुर को नई भूमिका
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जयपुर, उदयपुर और जोधपुर को GCC हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इन शहरों में उद्योग, स्टार्टअप, टेक्नोलॉजी और ग्लोबल कंपनियों के निवेश को बढ़ाने के लिए विशेष ढांचा तैयार किया जाएगा।
इससे राज्य में हाई-स्किल रोजगार और तकनीकी सेक्टर की क्षमता में वृद्धि होगी।
ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी पहल—कोयला आधारित प्लांट और सौर परियोजनाएं
कैबिनेट ने ऊर्जा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
• 9600 करोड़ की लागत से 800 मेगावाट ताप विद्युत परियोजना
राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के बीच संयुक्त उपक्रम के तहत 800 मेगावाट की कोयला आधारित बिजली परियोजना स्थापित की जाएगी।
• 6000 करोड़ की लागत से 1500 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाएं
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बीकानेर जिले की पूगल तहसील के करणीसर और भाटियान गांव में कुल 161.45 हैक्टेयर भूमि तथा चित्तौड़गढ़ जिले की रावतभाटा तहसील के खरनाई गांव में 356.25 हैक्टेयर भूमि सशर्त आवंटित की गई।
ये निर्णय राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
प्रवासी राजस्थानी विभाग का गठन—वैश्विक जुड़ाव को नई दिशा
सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बसे राजस्थानियों को एक मंच पर जोड़ने के लिए “प्रवासी राजस्थानी विभाग” के गठन को मंजूरी दी।
यह विभाग निम्न कार्य करेगा:
प्रवासी राजस्थानियों को राज्य की नीतियों और निवेश अवसरों से जोड़ना
शिकायत निवारण और सरकारी योजनाओं तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना
सांस्कृतिक व आर्थिक कार्यक्रमों का आयोजन
प्रवासी राजस्थानी दिवस और सम्मान समारोह आयोजित करना
एसोसिएशनों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक पोर्टल संचालित करना
यह कदम राजस्थान को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रभावशाली बनाने की कोशिश का हिस्सा है।
शिक्षा क्षेत्र में निर्णय—सिरोही के दो कॉलेजों का नामकरण
कैबिनेट ने सिरोही जिले के दो सरकारी महाविद्यालयों के नाम दानदाताओं के नाम पर करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी।
राजकीय महाविद्यालय कालंद्री का नया नाम: संघवी हीराचंदजी फूलचंदजी राजकीय महाविद्यालय कालंद्री
राजकीय महाविद्यालय कैलाश नगर का नया नाम: मातुश्री पुरीबाई पुनमाजी माली टोरसो राजकीय महाविद्यालय कैलाश नगर
यह निर्णय स्थानीय समुदाय और दानदाताओं के योगदान को सम्मान देने के उद्देश्य से लिया गया है।
आईटी, फाइनेंस और टेक कंपनियों को विशेष सुविधा
कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि
IT
फाइनेंस
प्रोसेस मैनेजमेंट
टेक्नोलॉजी
से जुड़ी कंपनियों को एकीकृत सहयोग, प्रोत्साहन और तेज अनुमतियों की सुविधा दी जाएगी। इससे राजस्थान में स्टार्टअप और ग्लोबल कॉर्पोरेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी।


