शोभना शर्मा। देश के करोड़ों बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए आधार जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक बहुत बड़ी और राहत भरी खबर जारी की है। UIDAI ने बच्चों के आधार कार्ड में होने वाले अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट को पूरे एक साल की अवधि के लिए पूरी तरह से मुफ्त कर दिया है। यह एक ऐसा कदम है जिससे देश के लगभग 6 करोड़ बच्चों को सीधा और तत्काल लाभ मिलेगा।
इस नई घोषणा के तहत, अब माता-पिता अपने 5 वर्ष और 15 वर्ष की आयु पूरी कर चुके बच्चों के फिंगरप्रिंट, आईरिस (आंख की पुतली का स्कैन) और फोटो जैसे बायोमेट्रिक डिटेल्स को बिना किसी शुल्क के अपडेट करा सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से उन बच्चों के लिए है, जिनकी उम्र 5 और 15 साल होती है, क्योंकि इन उम्रों पर बायोमेट्रिक अपडेट कराना UIDAI के नियमों के तहत अनिवार्य माना जाता है। इस नई छूट के बाद, 5 वर्ष से लेकर 17 वर्ष तक की आयु के करोड़ों बच्चों को इस महत्वपूर्ण फैसले का सीधा फायदा मिलेगा, जिससे परिवारों पर पड़ने वाला वित्तीय बोझ कम होगा और आधार की वैधता बनी रहेगी।
बायोमेट्रिक अपडेट क्यों है जरूरी?
आधार कार्ड बच्चों के लिए बनने की प्रक्रिया तो शुरू हो जाती है, लेकिन 5 साल से कम उम्र के बच्चों के फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन सामान्यतः नहीं लिए जाते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इतनी छोटी उम्र में बच्चों के बायोमेट्रिक पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं और समय के साथ वे बदलते रहते हैं। इसलिए, UIDAI का नियम स्पष्ट है कि आधार को पूरी तरह वैध और लंबे समय तक उपयोगी बनाए रखने के लिए बच्चों को दो चरणों में बायोमेट्रिक अपडेट कराना अनिवार्य है:
5 साल पूरे होने पर पहला बायोमेट्रिक अपडेट (MBU-1): इस समय बायोमेट्रिक्स पहली बार अपडेट किए जाते हैं।
15 साल पूरे होने पर दूसरा बायोमेट्रिक अपडेट (MBU-2): इस समय तक बायोमेट्रिक्स पूरी तरह परिपक्व हो जाते हैं, इसलिए अंतिम और पूर्ण अपडेट जरूरी होता है।
ये दोनों अपडेट बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनके बिना बच्चे का आधार कार्ड अस्थायी या अमान्य माना जा सकता है, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं और अन्य सेवाओं का लाभ लेने में कठिनाई हो सकती है।
शुल्क पूरी तरह माफ, ₹125 की बचत
UIDAI ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि 1 अक्टूबर 2025 से लेकर 30 सितंबर 2026 तक बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट पर लगने वाली सभी फीस माफ कर दी गई है। यह एक बड़ी राहत है क्योंकि पहले प्रति अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) के लिए अभिभावकों को ₹125 का शुल्क देना पड़ता था। अब इस एक साल की अवधि में MBU-1 (5 वर्ष पर) और MBU-2 (15 वर्ष पर), इन दोनों अपडेट पर कोई खर्च नहीं लगेगा।
यह छूट मुख्य रूप से 7 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए घोषित की गई है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा परिवार बिना किसी वित्तीय बाधा के समय पर अपने बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट करा सकें और आधार से जुड़ी सेवाओं का लाभ सुनिश्चित कर सकें।
6 करोड़ बच्चों को सीधा लाभ और सेवाओं तक आसान पहुंच
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, UIDAI के इस फैसले से देश के लगभग 6 करोड़ बच्चों को सीधा आर्थिक और सामाजिक लाभ मिलेगा। बच्चों को स्कूलों में दाखिला, विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ, सरकारी योजनाओं जैसे कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT), और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है। कई परिवार ऐसे हैं जो या तो शुल्क के कारण या फिर सही जानकारी की कमी के चलते यह अनिवार्य अपडेट टालते रहते थे। इस कारण कई बच्चे महत्वपूर्ण सरकारी लाभों से वंचित रह जाते थे या उन्हें सेवा लेने में बाधाओं का सामना करना पड़ता था।
अब, बायोमेट्रिक अपडेट फ्री हो जाने से, अभिभावक बिना किसी हिचकिचाहट के समय पर यह प्रक्रिया पूरी कर पाएंगे। इससे बच्चे बिना किसी रुकावट के शिक्षा और सरकारी कल्याणकारी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे।
UIDAI ने BIT के साथ क्यों की साझेदारी?
UIDAI ने इस प्रक्रिया को और सरल बनाने और माता-पिता की भागीदारी बढ़ाने के लिए बिहेवियरल इनसाइट्स लिमिटेड (Behavioural Insights Limited – BIT) के साथ एक अनूठी साझेदारी की है।
इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य है व्यवहारिक बाधाओं को दूर करना। सरल शब्दों में कहें तो, UIDAI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि माता-पिता को बायोमेट्रिक अपडेट की सही जानकारी मिले और अपडेट कराने की पूरी प्रक्रिया उनके लिए आसान और सुविधाजनक हो। BIT के साथ मिलकर, UIDAI उन व्यवहारिक या जानकारी की बाधाओं को दूर करने की योजना बना रहा है जो लोगों को समय पर आधार अपडेट कराने से रोकती हैं। इसका अंतिम लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा केवल इसलिए सरकारी लाभ से वंचित न रहे क्योंकि उसका आधार अपडेट नहीं हुआ है।
5 और 15 साल पर क्या-क्या होता है अपडेट?
5 साल पर होने वाला MBU-1 अपडेट:
जब बच्चा 5 साल का होता है, तब उसके आधार में ये बायोमेट्रिक अपडेट किए जाते हैं:
नई फोटो: बच्चे की वर्तमान फोटो ली जाती है।
फिंगरप्रिंट: पहली बार उसके सभी दस फिंगरप्रिंट लिए जाते हैं।
आईरिस स्कैन: पहली बार आंखों का आईरिस स्कैन लिया जाता है।
विशेष ध्यान: इस समय माता-पिता का आधार भी पहचान के लिए लिया जाता है।
15 साल पर दूसरा MBU-2 अपडेट क्यों जरूरी?
15 साल की उम्र तक बच्चे के बायोमेट्रिक्स जैसे उंगलियों के निशान और आईरिस पूरी तरह से मैच्योर हो जाते हैं और अब उनमें बदलाव की संभावना कम होती है। इस वजह से UIDAI की गाइडलाइंस कहती हैं कि 15 वर्षों पर दूसरी बार इन बायोमेट्रिक जानकारियों को लेना अनिवार्य है:
फिंगरप्रिंट (दूसरी बार)
आईरिस स्कैन (दूसरी बार)
नई फोटो (लेटेस्ट)
15–17 वर्ष के बीच यह अपडेट मुफ्त माना जाता है, और अब UIDAI की एक साल की छूट से यह प्रक्रिया सभी के लिए और भी सरल और सुलभ हो गई है।
बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट कैसे कराएं?
बायोमेट्रिक अपडेट कराने के लिए माता-पिता को एक सरल प्रक्रिया का पालन करना होगा:
नजदीकी केंद्र पर जाएं: नजदीकी आधार नामांकन केंद्र (Aadhaar Enrolment Centre) या आधार सेवा केंद्र (Aadhaar Seva Kendra) पर जाएं।
दस्तावेज: बच्चे का पुराना आधार नंबर या बाल आधार (Blue Aadhaar) साथ ले जाएं।
पहचान प्रमाण: माता-पिता या अभिभावक का आधार कार्ड पहचान प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा।
अपडेट प्रक्रिया: केंद्र पर बच्चे की नई फोटो, फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन लिए जाएंगे।
समय सीमा: अपडेट आमतौर पर 2 से 5 दिन के भीतर आधार प्रणाली में दिखाई देने लगता है।
ब्लू या बाल आधार क्या होता है?
5 साल से कम उम्र के बच्चों का आधार कार्ड “ब्लू आधार” (Blue Aadhaar) या “बाल आधार” कहलाता है। यह आधार बच्चे के माता-पिता के आधार से लिंक होता है और तब तक वैध रहता है जब तक बच्चा 5 साल का नहीं हो जाता। 5 साल पूरे होते ही इसका अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट कराना जरूरी है, वरना यह बाल आधार अस्थायी (Temporary) माना जाता है और सेवाओं के लिए अस्वीकृत किया जा सकता है। UIDAI की यह नई पहल करोड़ों परिवारों को समय पर इस अनिवार्यता को पूरा करने में मदद करेगी।


