शोभना शर्मा। जयपुर पुलिस ने MBBS एडमिशन के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय शातिर जालसाज को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को नीट परीक्षा की चयन समिति का सदस्य बताता था और इसी झांसे में छात्रों के परिजनों से भारी रकम वसूलता था। रुपए मांगने पर आरोपी पीड़ितों को डराने के लिए CBI अफसर का फर्जी लेटर और पहचान पत्र भेजकर धमकाता था। जयपुर की श्याम नगर थाना पुलिस ने आरोपी को प्रोडक्शन वारंट पर अलवर जेल से गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।
कई राज्यों में फैला ठगी का नेटवर्क
डीसीपी साउथ राजर्षि राज ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी विवेक कुमार, जो खुद का पहचान बदलकर कई नामों से काम करता था, एक बेहद संगठित और हाई-प्रोफाइल ठगी रैकेट का हिस्सा है। आरोपी के पास विवेक कुमार, विनीत जोशी, राहुल, राहुल गुप्ता और दिलीप श्रीवास्तव जैसे कई फर्जी नाम मिले हैं। उसका स्थायी पता बिहार के सिवान जिले में है, लेकिन हाल में वह वाराणसी, उत्तर प्रदेश में रहकर लोगों को ठग रहा था।
राजस्थान में दर्ज मामलों के अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुरुग्राम, हरियाणा और मध्य प्रदेश में भी आरोपी के खिलाफ करोड़ों रुपए की ठगी के कई केस दर्ज हैं। आरोपी ठगी की रकम को छिपाने के लिए 100 से अधिक बैंक खातों का इस्तेमाल करता रहा है, जिससे उसके नेटवर्क की व्यापकता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
कैसे पहुंची पुलिस तक आरोपी की गिरफ्तारी?
अलवर पुलिस ने कुछ समय पहले एक अन्य आपराधिक मामले में शातिर को गिरफ्तार किया था और उसे अलवर जेल भेजा गया था। जयपुर पुलिस को जब श्याम नगर थाना क्षेत्र में दर्ज नीट एडमिशन ठगी केस में तार आरोपी से जुड़ते दिखाई दिए, तो टीम ने अदालत से प्रोडक्शन वारंट लिया और आरोपी को अलवर जेल से जयपुर लेकर आई।
पुलिस अब उससे पूछताछ कर रही है। शुरुआती जांच में ही यह पता चला है कि आरोपी पिछले दो साल में लगभग हर उस राज्य में सक्रिय था, जहां मेडिकल एडमिशन की मांग सबसे अधिक होती है। पुलिस का मानना है कि पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं और कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी भी संभव है।
कैसे करता था ठगी का खेल?
श्याम नगर थाने के एसएचओ दलवीर सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता महेश चंद अग्रवाल ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उनकी बेटी ने पिछले वर्ष नीट परीक्षा दी थी। इसी दौरान मार्च 2023 में महेश के मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम विनीत जोशी बताया और खुद को नीट परीक्षा की चयन समिति का सदस्य बताकर बातचीत शुरू की।
आरोपी ने बड़ी सफाई से अपना मनगढ़ंत रजिस्ट्रेशन नंबर और पहचान के दस्तावेज साझा किए, ताकि पीड़ित को विश्वास हो जाए कि वह किसी अधिकृत व्यक्ति से बात कर रहा है। उसने बताया कि वह महेश की बेटी को NRI कोटे की सीट पर देश के नामी मेडिकल कॉलेज में MBBS में एडमिशन दिला सकता है और सीट ‘रिजर्व’ करवाने के लिए 5.50 लाख रुपए तुरंत जमा करवाने होंगे।
पीड़ित परिवार ने इस पर भरोसा कर राशि उसके बताए खाते में भेज दी। लेकिन महीनों तक कोई एडमिशन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। जब पीड़ित ने पैसे लौटाने की मांग की, तो आरोपी ने एक और चाल चली। उसने स्वयं को CBI अधिकारी बताते हुए एक फर्जी आईडी कार्ड और लेटर भेज दिया। लेटर में लिखा था कि पीड़ित ने सरकारी प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप किया है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इस तरह वह पीड़ितों को धमका कर चुप करा देता था।
जालसाज का टेक्निकल और साइबर मॉड्यूल भी मजबूत
जांच में सामने आया है कि आरोपी फोन कॉल, व्हाट्सएप चैट, फर्जी सरकारी दस्तावेज, नकली आईडी कार्ड और मल्टीपल बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल कर लोगों को विश्वास में लेता था। वह देशभर में घूम-घूमकर नए नंबर खरीदता और फर्जी सिम कार्ड के जरिए संपर्क स्थापित करता था। पुलिस को उसके पास से कई डिजिटल डिवाइस मिलने की उम्मीद है, जिनसे ठगी के बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।
पुलिस को कई और पीड़ितों की तलाश
पुलिस का मानना है कि आरोपी ने पिछले दो वर्षों में सैकड़ों परिवारों से लाखों-करोड़ों की ठगी की होगी। जयपुर पुलिस ने अन्य पीड़ितों से आगे आकर जानकारी देने की अपील की है, ताकि कार्रवाई को व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाया जा सके।


