शोभना शर्मा। फरीदाबाद में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को मजबूती से उठाया। बैठक में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल तथा कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। इस महत्वपूर्ण मंच पर राजस्थान के हितों से जुड़े जल, ऊर्जा, कानून व्यवस्था और कल्याणकारी योजनाओं पर मुख्यमंत्री ने विस्तृत प्रस्तुति दी।
पंजाब से राजस्थान को मिले पानी—बैठक में उठाई सबसे बड़ी मांग
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने चर्चा में सबसे पहले राजस्थान के हिस्से का पानी पंजाब से दिए जाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि पंजाब के मकौरा पट्टन के नीचे प्रस्तावित बैराज से निकलने वाले अतिरिक्त जल को 1981 के समझौते के अनुसार राजस्थान को दिया जाना चाहिए। यह पानी प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई और पेयजल संकट को काफी हद तक दूर कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर लंबे समय से चर्चा जारी है, लेकिन अब इसे व्यवहारिक रूप से लागू करना आवश्यक है, ताकि जल वितरण में संतुलन आए और राजस्थान को उसका उचित हिस्सा मिल सके।
भाखड़ा मेन लाइन की बिजली साझा करने की मांग
सीएम शर्मा ने यह भी कहा कि पंजाब भाखड़ा मेन लाइन पर लघु जलविद्युत परियोजनाएं चला रहा है। इन परियोजनाओं से होने वाली बिजली को राजस्थान के साथ साझा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों की साझेदारी की तरह बिजली उत्पादन में भी संतुलन होना चाहिए। मुख्यमंत्री के अनुसार, इन परियोजनाओं से मिलने वाली ऊर्जा राजस्थान की जरूरतों को पूरा करने में काफी सहायक हो सकती है, खासकर ग्रिड स्थिरता और ग्रामीण इलाकों की बिजली मांग को देखते हुए।
हथिनीकुंड बैराज से आने वाले पानी पर भी विशेष अनुरोध
मुख्यमंत्री ने बैठक में केंद्र से यह निवेदन भी किया कि हथिनीकुंड बैराज से राजस्थान में लाए जाने वाले पानी की परियोजना को रेणुकाजी, लखवार और किशाऊ जैसी राष्ट्रीय परियोजनाओं का हिस्सा माना जाए। उन्होंने कहा कि यदि इसे राष्ट्रीय परियोजनाओं का दर्जा मिलता है, तो केंद्र सरकार वित्तीय सहायता प्रदान कर सकेगी, जिससे परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि यह पानी भविष्य में राजस्थान के कई जिलों के लिए जीवनरेखा साबित हो सकता है, इसलिए वित्तीय सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
कानून व्यवस्था पर रिपोर्ट: तेज प्रतिक्रिया समय और फास्ट ट्रैक कोर्ट की मांग
राजस्थान की कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस मोबाइल यूनिटों की संख्या बढ़ाई गई है, जिसके कारण औसत प्रतिक्रिया समय पहले 21 मिनट था, जो घटकर लगभग 13 मिनट रह गया है। यह तेजी अपराध रोकथाम और आपात स्थितियों से निपटने में बड़ी उपलब्धि है। सीएम ने बताया कि
पॉक्सो एक्ट के मामलों के निस्तारण का औसत समय 58 दिन
बलात्कार मामलों के निस्तारण का समय 48 दिन
रह गया है।इन मामलों में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र से 15 नए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय स्वीकृत करने का आग्रह किया।
“किसानों को दिन में बिजली”—22 जिलों में लागू
मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि किसानों को कृषि के लिए दिन में बिजली उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्थान के 22 जिलों में किसानों को दिन के समय बिजली दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान सौर ऊर्जा उत्पादन में देश में पहला स्थान बनाए हुए है, और राज्य की ऊर्जा नीति का लक्ष्य नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ाना है।
महिला और बाल कल्याण योजनाओं की प्रगति भी रखी
सीएम भजनलाल शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अब तक 88% आबादी को कवरेज मिल चुका है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। इसके अलावा:
मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना के तहत 3 से 6 वर्ष आयु के बच्चों को सप्ताह में पाँच दिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्म दूध दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में देय राशि बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया।
मां वाउचर योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को हर महीने निःशुल्क सोनोग्राफी दी जा रही है।
लाडो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 5 लाख 50 हजार बालिकाओं को लाभ दिया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से महिलाओं और बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित हो रहा है।


