मनीषा शर्मा। अंता विधानसभा के उपचुनाव परिणाम आने के बाद राजनीतिक माहौल के साथ-साथ सामाजिक प्रतिक्रिया भी चर्चा में है। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा, जो इस चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे, नतीजे घोषित होते ही भावुक नजर आए और अब उनका नया वीडियो सामने आया है जिसमें उन्होंने अपने व्यवहार में परिवर्तन की बात कही है। उन्होंने न केवल खुद के लिए आत्ममंथन जताया बल्कि अपने समाज से भी आग्रह किया कि वे सर्वसमाज को साथ लेकर चलने की परंपरा को मजबूत करें।
नरेश मीणा का यह संदेश प्रदेश की राजनीति में इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान उनके कुछ वक्तव्यों को लेकर विवाद भी हुआ था। अब उन्होंने सर्वसमाज से मिले सम्मान का हवाला देते हुए कहा है कि यदि उनसे कोई गलती हुई है तो वे उसके लिए माफी चाहते हैं।
“मुझे सर्वसमाज ने सम्मान दिया, मैं भी माफी चाहता हूं”
वीडियो में नरेश मीणा कहते हैं कि वे जिस समाज से आते हैं, उसे सभी समाजों का सम्मान करना चाहिए और व्यवहार में परिवर्तन लाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “मैं जिस समाज से हूं, उसे सभी समाजों के साथ सम्मानजनक व्यवहार रखना चाहिए। मुझे सर्वसमाज ने प्यार दिया, सम्मान दिया। यदि मुझसे वैश्य समाज के लिए कोई बुरा शब्द निकल गया हो तो मैं क्षमा चाहता हूं।”
उनकी इस अपील को कई लोग एक सकारात्मक संकेत के रूप में देख रहे हैं, विशेषकर चुनावी परिणामों के बाद उनके राजनीतिक व्यक्तित्व में एक नई नरमी के रूप में।
“36 कौम ने मेरा साथ दिया”
नरेश मीणा ने कहा कि वे मीणा समाज के बेटे होने के बावजूद विभिन्न जातियों से व्यापक समर्थन प्राप्त करने के लिए आभारी हैं। उन्होंने सूचीबद्ध करते हुए कहा कि ब्राह्मण, जाट, गुर्जर, राजपूत, धाकड़, मुस्लिम, केवट, प्रजापत, सेन, बैरवा, मेघवाल, खटीक, धोबी समेत 36 कौम ने उनका साथ दिया। उनके अनुसार, यह समर्थन इस बात का प्रमाण है कि जनता उम्मीदवार के प्रयास और संघर्ष को पहचानती है, और जातीय सीमाओं से ऊपर उठकर समर्थन देती है। उन्होंने मीणा समाज से आग्रह किया कि हार या जीत चाहे जो भी हो, सर्वसमाज को साथ लेकर चलने की भावना को बनाए रखें।
तीसरे स्थान पर रहे थे नतीजों में
अंता उपचुनाव के परिणामों में नरेश मीणा तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया ने 15,594 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। भाया को कुल 69,571 वोट मिले, जबकि बीजेपी के मोरपाल सुमन को 53,959 और नरेश मीणा को 53,800 वोट प्राप्त हुए। सिर्फ 159 वोटों के अंतर ने मीणा को तीसरे पायदान पर पहुंचा दिया, जो उनके समर्थकों के लिए भी आश्चर्यजनक रहा।
नतीजों के दिन भी वे मंच पर भावुक दिखाई दिए थे। उन्होंने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा था कि “ईमानदारी हार गई और भ्रष्टाचार जीत गया।” उनके इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी काफी चर्चा बटोरी थी।
पहले भी सर्वसमाज का धन्यवाद कर चुके हैं
नतीजों के दिन उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्होंने 26 महीनों में लगातार तीन चुनाव लड़े हैं और हर बार सर्वसमाज ने उन्हें सम्मान दिया है। उन्होंने कहा, “मेरे 25 साल के संघर्ष में मुझे सर्वसमाज ने आशीर्वाद दिया, इसके लिए मैं उनके चरणों में प्रणाम करता हूं।” उनके अनुसार, हार-जीत राजनीति का हिस्सा है, लेकिन समाज की एकजुटता और सम्मान सबसे बड़ी शक्ति है।


