मनीषा शर्मा। चूरू में आज कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां के नेतृत्व में निकलने वाला “किसान एकता ट्रैक्टर मार्च” प्रदेश की राजनीति और किसानों की आवाज दोनों को लेकर चर्चा में है। सादुलपुर से शुरू होकर जयपुर तक जाने वाली यह यात्रा मुख्य रूप से फसल बीमा क्लेम और कृषि से जुड़े लंबित मुद्दों पर केंद्रित है। बढ़ती किसान समस्याओं और ग्रामीण असंतोष के बीच इस यात्रा को किसान हितों की एक बड़ी मुहिम के रूप में देखा जा रहा है।
जिले में प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चूरू, हनुमानगढ़, बीकानेर और श्रीगंगानगर से विशेष पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। हजारों किसानों के शामिल होने की संभावना को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने जगह-जगह नाकेबंदी की है।
किसानों की बड़ी भागीदारी की संभावना
सांसद राहुल कस्वां के आह्वान पर चूरू संसदीय क्षेत्र के विधायक, पूर्व विधायक और इंडिया गठबंधन के कई नेता सक्रिय रूप से इस यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं। ग्रामीण इलाकों से किसानों में इस यात्रा को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि हजारों किसान अपने-अपने ट्रैक्टरों के साथ इस मार्च में शामिल होंगे, जिससे यह पूरे प्रदेश में एक बड़ी किसान शक्ति का प्रदर्शन बन सकता है।
राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यात्रा
इस यात्रा का एक राजनीतिक पहलू भी है। यह यात्रा पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के क्षेत्र सादुलपुर से शुरू हो रही है, जिसे कई राजनीतिक विश्लेषक राहुल कस्वां के शक्ति प्रदर्शन के रूप में देख रहे हैं। चूरू और आसपास के क्षेत्रों में यह यात्रा कस्वां के बढ़ते प्रभाव को प्रदर्शित करने का माध्यम भी मानी जा रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वे कितनी भीड़ जुटा पाते हैं और यह आंदोलन प्रदेश की राजनीति में कितना प्रभाव छोड़ पाता है।
कस्वां का आरोप—किसान हो रहा परेशान
रविवार को सरदारशहर में आयोजित प्रेसवार्ता में सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि किसान हर स्तर पर परेशान है।
उन्होंने खरीफ 2021 के करीब 500 करोड़ रुपये के बीमा क्लेम को निरस्त किए जाने को किसानों के साथ बड़ा अन्याय बताया।
कस्वां ने कहा कि कई सीजन से फसल बीमा क्लेम लंबित हैं, जिससे किसान आर्थिक संकट झेल रहे हैं।
इसके साथ ही उन्होंने खाद-बीज और यूरिया की कमी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि किसान को एमएसपी पर फसल बेचने के लिए घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है।
कस्वां के अनुसार यह ट्रैक्टर मार्च किसानों की पीड़ा को सरकार तक पहुंचाने और उनकी आवाज को मजबूत करने का माध्यम है।
प्रशासन सतर्क, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
भारी भीड़ और लंबी यात्रा को देखते हुए प्रशासन ने जिले में सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू की है।
सादुलपुर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी, अधिकारी, होमगार्ड, RAC और STF के जवान तैनात किए गए हैं।
अगर कहीं ट्रैफिक बाधित होता है या कोई अप्रिय घटना होती है, तो तुरंत नियंत्रण के लिए क्विक रिएक्शन टीमें तैयार रखी गई हैं।
मार्च का मार्ग सुरक्षित रखने के लिए कई क्षेत्रों में अस्थायी नाकेबंदी और बैरिकेडिंग भी की गई है।
किसानों की प्रमुख 11 मांगें
किसानों की समस्याएं और लंबित मुद्दे इस यात्रा का मूल आधार हैं। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं—
खरीफ 2021 का 500 करोड़ रुपये का बीमा क्लेम तुरंत जारी किया जाए।
विभिन्न फसलों के सभी लंबित बीमा क्लेम का भुगतान किया जाए।
फसल बीमा पोर्टल की तकनीकी त्रुटियां दूर की जाएं।
पारदर्शी और समयबद्ध फसल बीमा प्रणाली लागू की जाए।
डीएपी-यूरिया की किल्लत खत्म की जाए और कालाबाजारी पर सख्ती हो।
पात्र किसानों के टोकन की सही जांच सुनिश्चित की जाए।
समर्थन मूल्य पर फसलों की निश्चित और समयबद्ध खरीद हो।
मूंग और चना को पीएम धन-धान्य योजना में शामिल किया जाए।
कृषि एवं घरेलू बिजली लाइनों को अलग किया जाए।
लंबित कृषि कनेक्शन तुरंत जारी किए जाएं।
झींगा पालन को बढ़ावा और यमुना लिंक समझौता लागू किया जाए।


