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थार रेगिस्तान में भारतीय सेना का युद्ध तैयारी अभ्यास

थार रेगिस्तान में भारतीय सेना का युद्ध तैयारी अभ्यास

मनीषा शर्मा।  राजस्थान के थार रेगिस्तान में भारतीय सेना ने अपनी युद्ध तैयारी और परिचालन दक्षता को परखने के लिए एक बड़े स्तर का सैन्य अभ्यास किया। यह अभ्यास सप्त शक्ति कमान के रणबांकुरा डिवीजन द्वारा महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित किया गया। कठिन रेगिस्तानी भूगोल, तेज हवाओं और ऊबड़-खाबड़ इलाके में किए गए इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य सेना की सामरिक क्षमता, संयुक्त हथियार संचालन और तेजी से बदलते युद्धक्षेत्र में प्रतिक्रिया देने की योग्यता का आकलन करना था।

सेना अधिकारियों के अनुसार, यह अभ्यास वास्तविक युद्ध जैसी परिस्थितियों में सैनिकों की तैयारियों को परखने के लिए डिजाइन किया गया था। अभ्यास की समीक्षा स्वयं सप्त शक्ति कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने की। उन्होंने अभ्यास के दौरान विभिन्न इकाइयों की गतिविधियों, समन्वय और युद्धाभ्यास की बारीकी से निगरानी की। उनका उद्देश्य सामरिक प्रक्रियाओं को और बेहतर बनाना, अंतर-शस्त्र सहयोग को मजबूत करना और सभी युद्धक इकाइयों का निर्बाध संचालन सुनिश्चित करना था।

इस अभ्यास में पैदल सेना, यंत्रीकृत बल, तोपखाने, वायु रक्षा, इंजीनियरिंग इकाइयों और रसद समर्थन से संबंधित टीमों ने संयुक्त रूप से भाग लिया। युद्धभूमि जैसी परिस्थितियों में सैनिकों के धीरज, अनुशासन और जटिल परिस्थितियों में तेज़ निर्णय क्षमता को परखा गया। अभ्यास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अश्नी प्लाटून अर्थात ड्रोन इकाइयों का उपयोग भी रहा, जिनकी तैनाती आधुनिक युद्ध रणनीतियों का अहम हिस्सा मानी जाती है।

अभ्यास के दौरान कमान और नियंत्रण प्रणालियों, संचार नेटवर्क, खुफिया सूचनाओं और रसद प्रबंधन की दक्षता को भी परखा गया। इन सभी पहलुओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सेना किसी भी स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया दे सके और उभरते खतरों के खिलाफ प्रभावी ढंग से काम कर सके। अभ्यास ने यह साबित किया कि भारतीय सेना संयुक्त हथियार संचालन में कितनी सक्षम और समन्वित है।

लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने अभ्यास के बाद सैनिकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी सैनिकों ने उत्कृष्ट व्यावसायिकता, सटीकता और टीम वर्क का प्रदर्शन किया है। यह भारतीय सेना की प्रतिबद्धता, साहस और क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने विशेष रूप से परिचालन योजनाओं, रसद व्यवस्था और संचार समन्वय की सफलता की प्रशंसा की।

सेना कमांडर ने अभ्यास के दौरान भैरव बटालियन के सैनिकों से भी मुलाकात की और उनके प्रशिक्षण स्तर और युद्ध तैयारियों की सराहना की। राजस्थान के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल निखिल धवन ने बताया कि अश्नी प्लाटून द्वारा सफल संचालन और उन्नत रणनीतियों का प्रदर्शन साबित करता है कि भारतीय सेना किसी भी बाहरी खतरे से देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह सक्षम है।

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