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नीरजा मोदी स्कूल की छात्रा अमायरा की मौत पर अब तक कार्रवाई नहीं

नीरजा मोदी स्कूल की छात्रा अमायरा की मौत पर अब तक कार्रवाई नहीं

शोभना शर्मा।  जयपुर में प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल की छात्रा अमायरा की रहस्यमयी मौत को 12 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक इस पूरे मामले में कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया गया है। छात्रा के परिजन लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि जांच की गति बेहद धीमी है। वे यह भी कह रहे हैं कि न तो स्कूल प्रशासन और न ही जिम्मेदार अधिकारियों की ओर से किसी तरह की पारदर्शिता या ठोस जवाब मिला है। अमायरा के माता-पिता का कहना है कि जिस गंभीरता से यह जांच होनी चाहिए थी, वैसी तत्परता अब तक देखने को नहीं मिली। परिजनों का यह भी आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने प्रारंभिक दिनों में जानकारी साझा करने में टालमटोल की, जिससे कई महत्वपूर्ण तथ्य छिप गए।

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम जयपुर पहुंची, समीक्षा बैठक में उठे कई सवाल

इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) की टीम शुक्रवार को जयपुर पहुंची। आयोग की दो सदस्यीय टीम — डॉ. मधुलिका और दीप्ति बहल — ने शहर में उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में जयपुर कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी, डीसीपी राजर्षि राज, एसीपी आदित्य काकड़े, मानसरोवर थाना प्रभारी लखन खटाना, जिला शिक्षा अधिकारी रामनिवास शर्मा और चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में अमायरा की मौत से जुड़ी अब तक की जांच की स्थिति की समीक्षा की गई। आयोग ने अधिकारियों से यह पूछा कि 12 दिनों में क्या-क्या कार्रवाई हुई है, किनसे पूछताछ की गई है और स्कूल प्रशासन ने किस तरह का सहयोग किया है।

परिजनों ने आयोग के सामने रखी अपनी पीड़ा, कहा—अब तक नहीं मिला न्याय

बैठक से पहले आयोग की टीम ने अमायरा के माता-पिता और परिजनों से मुलाकात की। परिजनों ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि घटना के बाद से वे लगातार न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन मिले हैं। उनका कहना है कि अब तक किसी अधिकारी या स्कूल प्रबंधन ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया है कि आखिर उनकी बेटी की मौत कैसे हुई। टीम ने परिजनों से विस्तार से बात की और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इसके बाद आयोग ने नीरजा मोदी स्कूल का निरीक्षण किया, जहां अधिकारियों ने स्कूल प्रबंधन से विस्तृत ब्योरा मांगा। स्कूल परिसर में उस स्थान का भी निरीक्षण किया गया जहां यह हादसा हुआ था। सूत्रों के अनुसार, आयोग ने स्कूल प्रशासन के बयान दर्ज किए हैं और घटना के हर पहलू की जांच की जा रही है।

आयोग की टिप्पणी: बच्चों के हित में होगा हर निर्णय

बैठक के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की सदस्य दीप्ति बहल ने मीडिया से बातचीत में कहा, “जो भी होगा, बच्चों के हित में होगा। अभी जांच चल रही है, इसलिए फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हमने परिजनों से बातचीत की है और उनकी बातों को गंभीरता से लिया है।” जब उनसे पूछा गया कि क्या आयोग अब तक हुई जांच से संतुष्ट है, तो उन्होंने साफ कहा, “नहीं, अभी जांच से संतुष्टि नहीं है।” उनके इस बयान से साफ है कि आयोग भी मौजूदा जांच की धीमी रफ्तार से खुश नहीं है और वह अब पूरे मामले की स्वतंत्र समीक्षा कर रहा है।

जल्द केंद्र को भेजी जाएगी विस्तृत रिपोर्ट

आयोग की टीम ने संकेत दिए हैं कि वह जल्द ही इस पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को भेजेगी। इसमें राजस्थान प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई का ब्यौरा शामिल होगा। सूत्रों के मुताबिक, आयोग रिपोर्ट में यह सिफारिश कर सकता है कि स्कूलों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर नए मानक बनाए जाएं और ऐसी घटनाओं की जांच के लिए स्वतंत्र बाल अधिकार निगरानी समिति गठित की जाए।

न्याय की उम्मीद में परिजन

फिलहाल, अमायरा के माता-पिता उम्मीद लगाए बैठे हैं कि आयोग की दखल से जांच की गति तेज होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। उनका कहना है कि बेटी की मौत के पीछे जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी और बच्चे के साथ ऐसी घटना न हो। जयपुर पुलिस और शिक्षा विभाग पर भी अब दबाव बढ़ गया है कि वे इस मामले को जल्द सुलझाएं और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित करें।

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