मनीषा शर्मा। राजस्थान की सबसे चर्चित प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक, सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2025 को लेकर एक बड़ा न्यायिक अपडेट सामने आया है। इस भर्ती परीक्षा में ओवरएज अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट देने वाले हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश को अब खंडपीठ ने रोक दिया है। यह आदेश राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान दिया। इस फैसले से उन हजारों अभ्यर्थियों को झटका लगा है, जो एकलपीठ के फैसले के बाद इस भर्ती परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद कर रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
राजस्थान पुलिस की सब इंस्पेक्टर भर्ती 2025 (Rajasthan Police Sub Inspector Recruitment 2025) की प्रक्रिया इस समय चर्चा का केंद्र बनी हुई है। इस भर्ती के लिए तय आयु सीमा को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने अदालत में याचिका दायर की थी। इन अभ्यर्थियों ने अपनी याचिका में कहा था कि वर्ष 2021 की SI भर्ती परीक्षा में जो उम्मीदवार शामिल हुए थे, उन्हें 2025 की भर्ती प्रक्रिया में आयु सीमा में छूट दी जानी चाहिए। उनका तर्क था कि कोविड-19 महामारी और प्रशासनिक कारणों से 2021 के बाद नई भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई, जिससे वे अब निर्धारित आयु सीमा से बाहर हो गए हैं।
एकलपीठ का फैसला: 31 अक्टूबर को दी थी राहत
इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 31 अक्टूबर 2025 को एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया था। इस आदेश में अदालत ने कहा था कि 2021 की भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए अभ्यर्थियों को 2025 की भर्ती में शामिल होने की अनुमति दी जाए और उन्हें आयु सीमा में उचित छूट दी जाए। अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि इन अभ्यर्थियों के आवेदन स्वीकार किए जाएं और वे चयन प्रक्रिया में भाग ले सकें। इस आदेश के बाद प्रदेशभर में हजारों उम्मीदवारों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। कई ओवरएज उम्मीदवारों ने आवेदन की तैयारी शुरू भी कर दी थी।
राज्य सरकार ने दी चुनौती, कहा- भर्ती प्रक्रिया प्रभावित होगी
लेकिन राज्य सरकार ने एकलपीठ के इस आदेश को कानूनी रूप से चुनौती देते हुए खंडपीठ में अपील दायर की। सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने दलील दी कि एकलपीठ का आदेश भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता और समयबद्धता को प्रभावित कर सकता है। सरकार का कहना था कि यदि ओवरएज उम्मीदवारों को इस तरह से छूट दी जाती है, तो अन्य अभ्यर्थियों के लिए यह अनुचित होगा और भविष्य में सभी भर्ती परीक्षाओं में इसी प्रकार की मांगें उठने लगेंगी। इसके अलावा, भर्ती आयोग को चयन प्रक्रिया में तकनीकी और प्रशासनिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
खंडपीठ का आदेश: 31 अक्टूबर के फैसले पर रोक
राज्य सरकार की अपील पर आज हुई सुनवाई में, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और उनकी खंडपीठ ने एकलपीठ के 31 अक्टूबर 2025 के आदेश की क्रियान्विति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी। इस आदेश के तहत अब तब तक एकलपीठ के आयु छूट संबंधी निर्देश लागू नहीं होंगे, जब तक खंडपीठ इस मामले में अंतिम सुनवाई पूरी नहीं कर लेती और अंतिम निर्णय नहीं दे देती। खंडपीठ ने कहा कि फिलहाल यह देखा जाना आवश्यक है कि क्या एकलपीठ का आदेश भर्ती प्रक्रिया के नियमों और सरकारी अधिसूचनाओं के अनुरूप था या नहीं।
ओवरएज अभ्यर्थियों को बड़ा झटका
इस आदेश के बाद वे सभी अभ्यर्थी जो एकलपीठ के निर्णय के बाद आवेदन की उम्मीद कर रहे थे, अब फिलहाल भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्हें अगली सुनवाई तक इंतजार करना होगा। कई अभ्यर्थियों ने कोर्ट के आदेश को “अन्यायपूर्ण” बताते हुए कहा कि वे कई वर्षों से भर्ती प्रक्रिया का इंतजार कर रहे थे, और अब यह रोक उनके भविष्य पर असर डाल सकती है। हालांकि, भर्ती आयोग ने स्पष्ट किया है कि वह कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही आगे की प्रक्रिया चलाएगा।
भर्ती प्रक्रिया पर असर और आगे की राह
राजस्थान पुलिस SI भर्ती 2025 को लेकर आयोग ने पहले ही प्री-परीक्षा और मुख्य परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य में इस भर्ती के तहत सैकड़ों पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं। अब जबकि अदालत ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी है, तो आयोग को तब तक इंतजार करना होगा जब तक खंडपीठ इस मामले में अंतिम फैसला नहीं देती। यदि खंडपीठ एकलपीठ के आदेश को रद्द करती है, तो ओवरएज उम्मीदवारों को कोई छूट नहीं मिलेगी। लेकिन अगर आदेश बरकरार रहता है, तो आयोग को उनकी पात्रता स्वीकार करनी पड़ेगी। कानूनी जानकारों के अनुसार, यह मामला अब उच्च न्यायिक व्याख्या का विषय बन चुका है, जिसमें भर्ती नीति, नियमों और समान अवसर के अधिकार जैसे कई बिंदु शामिल हैं।


