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राजस्थान: जिस रास्ते से होती थी शराब तस्करी, वहीं से पहुंचे हथियार

राजस्थान: जिस रास्ते से होती थी शराब तस्करी, वहीं से पहुंचे हथियार

शोभना शर्मा। राजस्थान आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अब एक बेहद संवेदनशील जांच में जुट गया है। गुजरात में गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ के बाद सामने आया है कि पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए राजस्थान की सीमा में हथियार गिराए गए थे, जिन्हें बाद में गुजरात तक पहुंचाया गया। यह खुलासा सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंताजनक है क्योंकि शुरुआती जांच में सामने आया है कि ये हथियार उसी रास्ते से ले जाए गए, जो पहले शराब तस्करी के लिए कुख्यात रहा है।

राजस्थान एटीएस ने हरियाणा के फरीदाबाद में पकड़े गए 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट मामले की जांच पूरी कर ली है। टीम अब जयपुर लौट आई है, लेकिन गुजरात में गिरफ्तार किए गए संदिग्धों से पूछताछ के लिए एक अन्य टीम अभी वहां डेरा डाले हुए है। ये संदिग्ध हैं — हैदराबाद निवासी अहमद मोहियुद्दीन सैयद, उत्तर प्रदेश के कैराना निवासी मोहम्मद सुहेल खान और लखीमपुर खीरी का एक युवक।

इन तीनों से पूछताछ के बाद एटीएस ने दिल्ली पुलिस, एनआईए और अन्य खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ा दिया है ताकि हथियार सप्लाई नेटवर्क की हर कड़ी का पता लगाया जा सके।

राजस्थान-गुजरात कनेक्शन: ड्रोन से गिराए गए हथियारों का रास्ता हुआ ट्रेस

सूत्रों के अनुसार, जांच में यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान से सीमा पार ड्रोन के जरिए हथियार गिराए गए थे। इन हथियारों को श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में कुछ लोगों ने उठाया और बाद में इन्हें गुजरात तक पहुंचाया गया।

एटीएस अब यह जांच कर रही है कि हथियार श्रीकरणपुर, पदमपुर, रायसिंहनगर, अनूपगढ़ और घड़साना के रास्ते किस चैनल से गुजरे और इस नेटवर्क में स्थानीय सहयोगी कौन हैं।

श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ की पुलिस ने भी अपने स्तर पर जांच तेज कर दी है। सीमावर्ती गांवों में संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी गई है और सीमा से लगे इलाकों में प्रशासन ने कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। अब 3 किलोमीटर की सीमा पट्टी में रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक आम आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

शराब तस्करी का पुराना रूट अब हथियारों की सप्लाई लाइन

राजस्थान एटीएस को शक है कि अमृतसर से गुजरात तक बनने वाले भारतमाला एक्सप्रेस-वे के जिस हिस्से का उपयोग पहले शराब तस्करी के लिए होता था, अब वही रास्ता हथियारों की सप्लाई का नया गलियारा बन गया है।

इस रूट पर थाने कम हैं और इलाके सुनसान हैं, जिससे तस्करों को आसानी से अवैध सामान ट्रांसपोर्ट करने का मौका मिल जाता है। एटीएस ने अब इस पूरे मार्ग पर चौकसी बढ़ा दी है और अंतरराज्यीय खुफिया एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।

पूरे नेटवर्क का खुलासा जल्द: दिनेश एम.एन.

राजस्थान एटीएस, एजीटीएफ और एएनटीएफ के एडीजी दिनेश एम.एन. ने बताया कि फरीदाबाद से लौट चुकी टीम और गुजरात में तैनात अधिकारी लगातार जांच में जुटे हैं। फिलहाल तथ्यों की गहन पड़ताल की जा रही है और जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल हथियार सप्लाई से जुड़ा है बल्कि इससे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़ा असर पड़ सकता है। इसलिए सभी एजेंसियां मिलकर जांच को बेहद गंभीरता से आगे बढ़ा रही हैं।

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