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दिया कुमारी पहुंचीं अमायरा के घर: प्रकरण में सरकार ने दिलाया न्याय का भरोसा

दिया कुमारी पहुंचीं अमायरा के घर: प्रकरण में सरकार ने दिलाया न्याय का भरोसा

शोभना शर्मा । जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल (Neerja Modi School Jaipur) की चौथी मंजिल से कूदकर जान गंवाने वाली 9 वर्षीय छात्रा अमायरा की मौत का मामला अब राज्यभर में गहरी संवेदना और आक्रोश का विषय बन गया है। घटना के कुछ दिन बाद राज्य की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी मंगलवार को अमायरा के मुरलीपुरा स्थित घर पहुंचीं। उन्होंने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी और इस दर्दनाक हादसे की पूरी जानकारी ली।

दीया कुमारी ने परिवार के सामने अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और हर अभिभावक के मन में सवाल छोड़ गई है। उन्होंने कहा, “ईश्वर अमायरा की आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवार को इस कठिन समय में शक्ति दे।” बताया गया कि इस मुलाकात के दौरान परिवार ने उपमुख्यमंत्री को स्कूल प्रबंधन के व्यवहार और जांच में हो रहे असहयोग के बारे में अवगत कराया।

उपमुख्यमंत्री ने परिवार के आंसू पोंछते हुए भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार पूरी निष्पक्षता से जांच करेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी बच्चे की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता और यदि स्कूल की लापरवाही साबित हुई तो सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का सख्त रुख

इससे पहले, 2 नवंबर को राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी अमायरा के परिजनों से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक परिवार का नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की संवेदनशीलता से जुड़ा हुआ है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर नीरजा मोदी स्कूल के खिलाफ उदाहरणात्मक कार्रवाई की जाएगी।

दिलावर ने कहा कि जांच इस दिशा में भी की जा रही है कि क्या स्कूल प्रशासन ने शिक्षा विभाग की जांच टीम को रोकने या सहयोग न करने की कोशिश की थी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा पाया गया तो कार्रवाई “एक मिसाल” बनेगी। साथ ही, उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि यह जांच की जाए कि स्कूल को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) और सीबीएसई संबद्धता किस आधार पर दी गई थी।

जांच टीम के साथ असहयोग के आरोप

जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) राम निवास शर्मा के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम जब घटना के बाद स्कूल पहुंची, तो उन्हें करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। अधिकारियों का कहना था कि स्कूल का मुख्य द्वार अंदर से बंद था और कई बार दस्तक देने के बाद भी न तो प्रिंसिपल और न ही किसी अधिकारी ने उनसे बातचीत की। इस रवैये के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की संभावना जताई थी।

पुलिस जांच जारी, कई सवाल अनुत्तरित

पुलिस के अनुसार, 9 वर्षीय अमायरा ने शनिवार को स्कूल की चौथी मंजिल से छलांग लगाई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। संयुक्त अभिभावक संघ के प्रवक्ता अभिषेक जैन ने आरोप लगाया कि छात्रा एक शिक्षक के अनुचित व्यवहार से मानसिक रूप से परेशान थी और स्कूल प्रशासन ने घटना के बाद कई साक्ष्य मिटाने की कोशिश की।

फिलहाल, पुलिस और शिक्षा विभाग की संयुक्त जांच जारी है। प्रशासन यह पता लगाने में जुटा है कि आखिर किन परिस्थितियों में एक नन्ही बच्ची को इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा। इस बीच, समाज के विभिन्न वर्गों और बाल अधिकार संगठनों ने इस घटना को बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था की विफलता बताया है और मांग की है कि इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित न्याय सुनिश्चित किया जाए।

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