शोभना शर्मा। राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में मंगलवार को बड़ा फेरबदल हुआ है। राज्य के मुख्य सचिव (Chief Secretary) सुधांश पंत को केंद्र सरकार में स्थानांतरित कर दिया गया है। 1991 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पंत अब नई दिल्ली में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में पदभार संभालेंगे। यह तबादला उस समय हुआ है जब उनके रिटायरमेंट में केवल 14 महीने का समय शेष था।
इस अप्रत्याशित फैसले ने राजस्थान के प्रशासनिक गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है। सुधांश पंत को केंद्र सरकार में स्थान मिलने के बाद अब राज्य में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
केंद्र और राज्य के बीच मजबूत समन्वय के सूत्रधार
सुधांश पंत को राज्य सरकार और केंद्र के बीच समन्वय स्थापित करने वाला एक अहम चेहरा माना जाता था। वे दिल्ली के सत्ता गलियारों में अपनी मजबूत पकड़ और संपर्कों के लिए जाने जाते हैं। मुख्यमंत्री के साथ-साथ केंद्र सरकार के कई विभागों से उनके गहरे रिश्ते रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार माना गया।
उनकी प्रशासनिक दक्षता, निर्णायक सोच और केंद्र के साथ बेहतरीन तालमेल के कारण ही उन्हें पिछले वर्ष मुख्य सचिव बनाया गया था। हालांकि अब उनके स्थानांतरण से यह आशंका जताई जा रही है कि केंद्र और राज्य के साझा प्रोजेक्ट्स की रफ्तार पर असर पड़ सकता है, जब तक नए सीएस की नियुक्ति नहीं हो जाती।
सूत्रों के मुताबिक, सुधांश पंत 1 दिसंबर 2025 से दिल्ली में अपना नया कार्यभार संभाल सकते हैं।
मुख्य सचिव पद छोड़ने वाले दूसरे आईएएस अधिकारी
राजस्थान के प्रशासनिक इतिहास में यह दूसरी बार है जब किसी मुख्य सचिव को कार्यकाल के बीच में दिल्ली बुला लिया गया है। इससे पहले वसुंधरा राजे सरकार (2013) के दौरान राजीव महर्षि को भी केंद्र में नियुक्ति मिली थी। अब सुधांश पंत का जाना उसी परंपरा का अगला अध्याय माना जा रहा है।
नियुक्ति और कार्यकाल की झलक
सुधांश पंत को 1 जनवरी 2024 को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। उनका रिटायरमेंट फरवरी 2027 में होना था। लेकिन केंद्र में पदभार मिलने से पहले ही उन्होंने राजस्थान प्रशासन से विदाई ले ली। यह बदलाव राज्य की नौकरशाही में आने वाले महीनों के लिए नई रणनीतिक परिस्थितियां तैयार कर सकता है।
लंबा और विविध प्रशासनिक अनुभव
1991 बैच के आईएएस अधिकारी पंत की शुरुआती पोस्टिंग एसडीओ जयपुर (1993) में हुई थी। इसके बाद उन्होंने जैसलमेर और झुंझुनू जिलों के कलेक्टर के रूप में काम किया। वे राजस्थान सरकार में कई अहम पदों पर रहे, जिनमें वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव और राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन शामिल हैं।
पिछली गहलोत सरकार के दौरान मात्र तीन महीनों में उनके तीन तबादले हुए थे, जिससे यह संकेत मिला था कि वे राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर बेहद सक्रिय अधिकारी रहे हैं।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और करियर की शुरुआत
सुधांश पंत का जन्म साल 1967 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल के सेंट जोसेफ कॉलेज से 1981 में पूरी की। इसके बाद उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से बीटेक (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की।
आईआईटी मुंबई में कॉर्पोरेट ट्रेनी के रूप में काम करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए नौकरी छोड़ दी। इस दौरान उन्होंने नैनीताल के एक स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्य किया, और आखिरकार 1991 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए।


