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भ्रामक विज्ञापन मामले में सलमान खान और पान मसाला कंपनी कोटा कंज्यूमर कोर्ट के घेरे में

भ्रामक विज्ञापन मामले में सलमान खान और पान मसाला कंपनी कोटा कंज्यूमर कोर्ट के घेरे में

शोभना शर्मा।  राजस्थान के कोटा में राजश्री पान मसाला कंपनी और इसके ब्रांड एंबेसडर सलमान खान को उपभोक्ता अदालत से बड़ा झटका लगा है। कोटा जिला उपभोक्ता संरक्षण न्यायालय ने दोनों को भ्रामक विज्ञापन के आरोप में नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर 2025 तय की है। यह मामला पान मसाला में ‘केसर और इलायची’ होने के दावे को लेकर है, जिसे अदालत में भ्रामक बताया गया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि इतने महंगे तत्व 5 रुपए के पाउच में संभव ही नहीं हैं और इस तरह के विज्ञापन जनता, खासकर युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं।

अधिवक्ता इंद्रमोहन सिंह हनी ने दायर किया परिवाद

यह परिवाद अधिवक्ता इंद्रमोहन सिंह हनी की ओर से कोटा जिला उपभोक्ता न्यायालय में दायर किया गया। अधिवक्ता रिपुदमन सिंह ने बताया कि परिवाद में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि राजश्री पान मसाला कंपनी और इसके ब्रांड एंबेसडर सलमान खान की ओर से जो विज्ञापन प्रसारित किए जा रहे हैं, वे उपभोक्ताओं को भ्रमित करने वाले हैं। परिवाद में कहा गया है कि विज्ञापन में “केसर युक्त इलायची” और “केसर युक्त पान मसाला” जैसे शब्दों का प्रयोग कर यह संदेश दिया जा रहा है कि उत्पाद में वास्तविक केसर और उच्च गुणवत्ता वाली इलायची का उपयोग किया गया है।

“4 लाख रुपए किलो वाला केसर 5 रुपए के पाउच में कैसे?”

शिकायतकर्ता ने अदालत में सवाल उठाया कि केसर की कीमत करीब 4 लाख रुपए प्रति किलो है, जबकि राजश्री पान मसाला का एक पाउच मात्र 5 रुपए में बिकता है। ऐसे में यह दावा कि उत्पाद में वास्तविक केसर मौजूद है, तार्किक रूप से असंभव और भ्रामक है। परिवाद में कहा गया कि इस तरह के विज्ञापन न केवल उपभोक्ताओं को गुमराह करते हैं, बल्कि युवाओं को तंबाकू और पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं की ओर आकर्षित भी करते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।

भ्रामक विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग

शिकायतकर्ता की ओर से अदालत में मांग की गई है कि

  1. इस भ्रामक विज्ञापन पर तत्काल रोक लगाई जाए।

  2. राजश्री पान मसाला कंपनी को स्पष्ट उत्पाद विवरण (ingredients) सार्वजनिक करने का निर्देश दिया जाए।

  3. सलमान खान को ऐसे उत्पादों के विज्ञापनों से प्रतिबंधित किया जाए, जिनका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

अदालत ने इस परिवाद को सुनने के बाद सलमान खान और पान मसाला कंपनी दोनों को नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें 27 नवंबर तक अपना लिखित जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है।

राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लेने की मांग

परिवाद में यह भी कहा गया है कि सलमान खान जैसे लोकप्रिय अभिनेता का इस तरह के विज्ञापनों में शामिल होना सामाजिक रूप से गैरजिम्मेदाराना व्यवहार है। शिकायतकर्ता ने अदालत से यह भी मांग की कि “सरकार को सलमान खान से अब तक मिले राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लेने चाहिए, क्योंकि वे भ्रामक और स्वास्थ्य विरोधी उत्पादों का प्रचार कर रहे हैं।” शिकायतकर्ता का तर्क है कि जिन व्यक्तियों का सामाजिक प्रभाव व्यापक है, उन्हें ऐसे उत्पादों का प्रचार नहीं करना चाहिए जो जनता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

विज्ञापनों से सलमान खान की करोड़ों की कमाई

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सलमान खान विज्ञापनों से हर साल करीब 300 करोड़ रुपए तक की कमाई करते हैं। वह विभिन्न उत्पादों के ब्रांड एंबेसडर हैं और एक विज्ञापन के लिए 4 से 10 करोड़ रुपए तक की फीस लेते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर के सेलेब्रिटी जब किसी उत्पाद का प्रचार करते हैं, तो उपभोक्ताओं पर उसका सीधा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में यदि विज्ञापन भ्रामक है, तो सेलेब्रिटी की जिम्मेदारी कंपनी के समान मानी जाती है।

सेलेब्रिटी विज्ञापनों पर बढ़ती कानूनी सख्ती

भारत में हाल के वर्षों में भ्रामक विज्ञापनों पर नियंत्रण के लिए कई कानूनी प्रावधान सख्त किए गए हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 (Consumer Protection Act 2019) में यह स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई सेलेब्रिटी भ्रामक विज्ञापन में शामिल होता है, तो उसे जुर्माना और प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। विज्ञापन नियामक संस्था ASCI (Advertising Standards Council of India) भी लगातार ऐसे विज्ञापनों पर निगरानी रखती है। ASCI के अनुसार, केवल “केसर की खुशबू” या “इलायची फ्लेवर” का उल्लेख किया जा सकता है, लेकिन यह कहना कि उत्पाद में वास्तविक केसर या इलायची है, बिना प्रमाण भ्रामक माना जाएगा।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जताई चिंता

डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पान मसाला, चाहे उसमें तंबाकू हो या न हो, लंबे समय तक सेवन करने पर मुख कैंसर, गले की बीमारी और पाचन तंत्र से जुड़ी जटिलताएं पैदा कर सकता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के विशेषज्ञों ने पहले भी कहा है कि पान मसाला के विज्ञापनों में ‘सुगंधित’ या ‘केसरयुक्त’ शब्दों का प्रयोग उपभोक्ता को भ्रमित करता है, जिससे लोग इसे सामान्य उत्पाद समझ लेते हैं।

उपभोक्ता अदालत की सख्त रुख की संभावना

कोटा जिला उपभोक्ता न्यायालय के इस कदम को उपभोक्ता हित की दिशा में एक महत्वपूर्ण मिसाल माना जा रहा है। कानूनी जानकारों के अनुसार, यदि अदालत यह पाती है कि विज्ञापन वाकई भ्रामक हैं, तो कंपनी और ब्रांड एंबेसडर दोनों को कठोर दंड का सामना करना पड़ सकता है। अदालत इस मामले में पान मसाला कंपनी को न केवल विज्ञापन बंद करने का आदेश दे सकती है, बल्कि सलमान खान पर भी भ्रामक प्रचार से जुड़े प्रतिबंध या आर्थिक जुर्माना लगाया जा सकता है।

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