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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जोधपुर में 195 करोड़ की वंदे भारत डिपो विस्तार परियोजना को दी मंजूरी

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जोधपुर में 195 करोड़ की वंदे भारत डिपो विस्तार परियोजना को दी मंजूरी

मनीषा शर्मा।  भारतीय रेलवे के लिए एक और बड़ा कदम उठाते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जोधपुर में वंदे भारत कोच मेंटेनेंस डिपो के विस्तार की 195 करोड़ रुपए की परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस स्वीकृति के बाद अब जोधपुर देश का एक प्रमुख सेमी हाई स्पीड ट्रेन रखरखाव केंद्र बनने जा रहा है। यह परियोजना न केवल राजस्थान बल्कि पूरे उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। इस डिपो के विस्तार से वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के साथ-साथ भविष्य की हाई-स्पीड ट्रेनों का रखरखाव जोधपुर में ही किया जा सकेगा।

नई परियोजना में क्या-क्या होगा शामिल

उत्तर पश्चिम रेलवे प्रशासन ने इस परियोजना के लिए रेलवे बोर्ड को 195 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है। इस राशि से निम्नलिखित प्रमुख कार्य किए जाएंगे —

  • वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के लिए मेंटेनेंस डिपो का विस्तार।

  • अत्याधुनिक बहुद्देश्यीय वर्कशॉप (Multi-purpose Workshop) का निर्माण।

  • विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर (World-Class Training Centre) की स्थापना।

इन सुविधाओं के शुरू होने से जोधपुर में ही इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों को नवीनतम रेलवे तकनीक, रखरखाव और सेफ्टी सिस्टम का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

जोधपुर मंडल में तेजी से निर्माण कार्य जारी

जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी के अनुसार, भगत की कोठी वाशिंग लाइन के पास 167 करोड़ रुपए की लागत से वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो का निर्माण कार्य तेजी से प्रगति पर है। यह परियोजना दो चरणों में पूरी की जा रही है।

  • पहला चरण: वंदे भारत स्लीपर ट्रेन डिपो का निर्माण।

  • दूसरा चरण: बहुद्देशीय ट्रेनिंग सेंटर और आधुनिक वर्कशॉप की स्थापना। दूसरे चरण में वंदे भारत ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण प्रस्तावित है, जहां रेलवे इंजीनियरों, तकनीशियनों और सहायक स्टाफ को उच्च स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण मिलेगा।

रेल मंत्री की मंजूरी से उत्तर पश्चिम रेलवे को बड़ी राहत

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा इस परियोजना को स्वीकृति मिलना उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के लिए एक बड़ी सौगात साबित हुआ है। अब भगत की कोठी में निर्माणाधीन डिपो के साथ अत्याधुनिक सुविधाओं का दूसरा चरण भी शुरू होगा। इस परियोजना के बाद जोधपुर हाई स्पीड रेल इकोसिस्टम में एक केंद्रीय केंद्र (Hub) के रूप में उभर कर सामने आएगा।

जोधपुर बनेगा हाई-स्पीड रेल का प्रमुख केंद्र

जोधपुर में डिपो और ट्रेनिंग सेंटर के निर्माण से यह शहर देश के हाई स्पीड रेल नेटवर्क का अहम हिस्सा बन जाएगा। परियोजना के दूसरे चरण में कई स्पेशलाइज्ड विभाग (Specialized Departments) तैयार किए जाएंगे जो विभिन्न तकनीकी और परिचालन क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे। इन विभागों में शामिल होंगे —

  • ट्रेन रखरखाव और मॉनिटरिंग सिस्टम

  • ऊर्जा और ओएचई (Overhead Equipment) संचालन इकाई

  • डिजिटल ट्रेन कंट्रोलिंग यूनिट

  • वर्कशॉप उपकरण प्रबंधन विभाग

इस संयोजन से भारतीय रेलवे की क्षमताओं में जबरदस्त वृद्धि होगी और जोधपुर को एक राष्ट्रीय तकनीकी केंद्र के रूप में पहचान मिलेगी।

परिचालन सुविधाएं और तकनीकी विस्तार

जैसे ही डिपो पूरी तरह चालू होगा, सभी वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का रखरखाव जोधपुर में किया जाएगा। इससे ट्रेनों के टर्नअराउंड टाइम में कमी आएगी और सेवा विश्वसनीयता (Service Reliability) बढ़ेगी। परियोजना के दूसरे चरण में निम्नलिखित आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी —

  • कवर्ड वर्कशॉप का निर्माण

  • ओएचई सुविधा युक्त पिट लाइन

  • पिट व्हील अनुरक्षण प्रणाली (Pit Wheel Maintenance System) का विस्तार

  • सेवा भवनों (Service Buildings) का निर्माण

इन सभी सुविधाओं से मेंटेनेंस दक्षता बढ़ेगी और रेलवे परिचालन में पारदर्शिता व गति आएगी।

परियोजना से होंगे कई लाभ

इस विस्तार परियोजना से क्षेत्र को बहुआयामी लाभ मिलेंगे —

  1. एक ही स्थान पर वंदे भारत ट्रेनों का अनुरक्षण और प्रशिक्षण।

  2. अत्याधुनिक तकनीक से रखरखाव की गुणवत्ता में सुधार।

  3. सुरक्षा और परिचालन क्षमता में वृद्धि।

  4. हाई-स्पीड रेल कनेक्टिविटी को नया बल।

  5. डिपो और वर्कशॉप निर्माण से रोजगार सृजन।

रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, परियोजना से सैकड़ों तकनीकी और गैर-तकनीकी पदों पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी बनेंगे।

शिलान्यास से अब तक की प्रगति

भगत की कोठी (जोधपुर) में इस डिपो का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी 2024 को किया था। यह भारत का पहला वंदे भारत स्लीपर ट्रेन मेंटेनेंस डिपो होगा, जहां स्लीपर और चेयर कार दोनों तरह की ट्रेनों का अनुरक्षण किया जाएगा। अब परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है और रेल मंत्री द्वारा स्वीकृत अतिरिक्त 195 करोड़ रुपए से ट्रेनिंग सेंटर, बहुद्देशीय वर्कशॉप और नई तकनीकी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की मंजूरी से जोधपुर अब भारतीय रेलवे के तकनीकी नवाचार और हाई-स्पीड ट्रेन परिचालन का नया केंद्र बनने जा रहा है। वंदे भारत डिपो विस्तार परियोजना से न केवल रेलवे की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी बल्कि यह राजस्थान की आर्थिक और औद्योगिक प्रगति में भी अहम योगदान देगी।

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