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अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले की रौनक बढ़ी, 3000 से ज्यादा पशु पहुंचे, 30 अक्टूबर को होगा विधिवत शुभारंभ

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले की रौनक बढ़ी, 3000 से ज्यादा पशु पहुंचे, 30 अक्टूबर को होगा विधिवत शुभारंभ

मनीषा शर्मा, अजमेर। अजमेर  स्थित पवित्र तीर्थ पुष्कर में इस वर्ष का अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला 2025  शुरू हो गया है। मेले के प्रारंभिक चरण में ही शहर के घाटों, मंदिरों और बाजारों में रौनक दिखाई देने लगी है। पुष्कर सरोवर के घाटों पर श्रद्धालु स्नान और आरती में भाग ले रहे हैं, वहीं मेला मैदान में पशुओं की संख्या तीन हजार पार कर चुकी है।

तीन हजार से ज्यादा पशुओं की हुई आवक

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घिया ने बताया कि अब तक मेले में 3,000 से अधिक पशु पहुंच चुके हैं, जिनमें से 2,102 घोड़े और 917 ऊंट शामिल हैं। इसके अलावा एक गाय और एक भैंस भी दर्ज की गई है। घोड़ों की बढ़ती संख्या से यह स्पष्ट है कि इस बार मेले में अश्व व्यापार को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। पुष्कर के प्रसिद्ध अश्वपालक आशु पंडित ने बताया कि यह मेला केवल पशु व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि राजस्थान की ग्रामीण परंपराओं, लोक संस्कृति और हस्तशिल्प के प्रदर्शन का भी प्रतीक बन चुका है।

होटल और रिसॉर्ट में नहीं दिखा ‘हाउसफुल’ का बोर्ड

इस बार मेले में देशी और विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी देखी जा रही है। पिछले वर्षों की तुलना में होटल और रिसॉर्ट व्यवसायी चिंतित हैं। होटल संचालक पवन कुमार ने बताया कि सामान्यतः अक्टूबर के मध्य तक सभी होटल और होमस्टे पूरी तरह बुक हो जाते हैं, लेकिन इस बार 20 से 25 प्रतिशत कमरे खाली हैं। इसकी प्रमुख वजहें— वैश्विक आर्थिक मंदी, रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्यपूर्व में तनाव, बढ़ते हवाई किराए और महंगाई को बताया जा रहा है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जैसे-जैसे मेले की मुख्य तिथियां नजदीक आएंगी, पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।

पर्यटक आंकड़े बताते हैं गिरावट और सुधार का ट्रेंड

पुष्कर मेले में पर्यटकों की संख्या हर वर्ष उतार-चढ़ाव का सामना करती रही है।

  • 2016: भारतीय पर्यटक 4,50,000, विदेशी 11,750

  • 2019: भारतीय पर्यटक 5,10,000, विदेशी 13,000

  • 2022: भारतीय पर्यटक 5,25,000, विदेशी 4,500

  • 2023: भारतीय पर्यटक 3,00,000, विदेशी 3,000

  • 2024: अनुमानित भारतीय पर्यटक 6,00,000, विदेशी 10,000

यह आंकड़े बताते हैं कि महामारी और वैश्विक आर्थिक स्थितियों के बाद इस वर्ष पर्यटक संख्या में सुधार की संभावना है।

30 अक्टूबर को झंडारोहण से होगा विधिवत शुभारंभ

मेले की विधिवत शुरुआत 30 अक्टूबर 2025 को पुष्कर मेला मैदान में झंडारोहण के साथ होगी। उसी दिन से सांस्कृतिक और खेलकूद कार्यक्रमों का शुभारंभ भी किया जाएगा।

  • 30 अक्टूबर: “वॉइस ऑफ पुष्कर” प्रतियोगिता और सफेद चिट्टी खेल आयोजन

  • 31 अक्टूबर: “रवन्ना काटा” प्रतियोगिता

  • 2 नवंबर: कार्तिक एकादशी स्नान के साथ धार्मिक मेले की शुरुआत

  • 5 नवंबर: कार्तिक पूर्णिमा के महास्नान के साथ समापन

2 से 4 नवंबर तक विकास और गीर प्रदर्शनी, लोकनृत्य, पशु प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आयोजित होंगी।

धार्मिक माहौल में डूबी पुष्कर नगरी

रविवार को पुष्कर सरोवर के वराह घाट पर महाआरती आयोजित की गई, जिसमें श्रद्धालुओं के साथ विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए। पंडित रविकांत शर्मा के आचार्यत्व में हुए आयोजन में श्रद्धालुओं ने भाव-विभोर होकर आरती में भाग लिया। सरोवर की आरती का दृश्य अत्यंत मनमोहक था। यह आरती पूरे कार्तिक महीने चलेगी। एकादशी से पूर्णिमा तक सभी प्रमुख घाटों पर महाआरती के आयोजन होंगे।

प्रभात फेरी ने बढ़ाई धार्मिक भव्यता

धार्मिक माहौल के बीच प्रभात फेरी का आयोजन भी किया गया। संन्यास आश्रम फव्वारा चौक अजमेर और सनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में निकाली गई इस यात्रा की शुरुआत पुष्कर के गुरुद्वारा साहिब से हुई। यात्रा नये रंगजी मंदिर, जयपुर घाट, जोधपुर घाट, ब्रह्म घाट, नृसिंह घाट, गऊ घाट, वराह घाट होते हुए पुनः रंगजी मंदिर पर समाप्त हुई। प्रभात फेरी के दौरान वराह घाट पर पं. चंद्रशेखर गौड़ के आचार्यत्व में सरोवर का पूजन भी हुआ।

बालू रेत की कलाकृति बनी आकर्षण का केंद्र

पुष्कर के रेतीले धोरों में कलाकार अजय रावत द्वारा तैयार की गई बालू रेत की कलाकृतियां पर्यटकों का केंद्र बन चुकी हैं। हजारों की संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक इन कलाकृतियों को देखने पहुंच रहे हैं। इन कलाकृतियों के माध्यम से राजस्थान की कला-संस्कृति और इतिहास को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया जा रहा है। कई विदेशी पर्यटक यहां फोटो खिंचवाते नजर आए और कलाकार की सराहना की।

सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम

प्रशासन ने मेले में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े इंतजाम किए हैं।

  • 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

  • एसडीआरएफ टीम, गोताखोर, और अतिरिक्त पुलिसकर्मी घाटों पर तैनात हैं।

  • ट्रैफिक व्यवस्था के लिए रूट डायवर्जन और पार्किंग जोन निर्धारित किए गए हैं।

  • प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की मुहिम भी तेज की है, जिस पर कुछ लोगों ने असंतोष जताया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में इस बार वीआईपी कल्चर समाप्त कर आम जनता को समान अनुभव देने का निर्णय लिया गया है, ताकि हर व्यक्ति मेले की भव्यता का आनंद उठा सके।

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला 2025  धार्मिक आस्था, लोकसंस्कृति, पर्यटन और पशु व्यापार का संगम है। प्रारंभिक चरण में भले ही पर्यटकों की रफ्तार धीमी हो, लेकिन जैसे-जैसे मेले के धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू होंगे, पुष्कर नगरी एक बार फिर विश्वस्तरीय उत्सव का केंद्र बन जाएगी।

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