शोभना शर्मा। कोटा के सिमलिया क्षेत्र में रविवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिला, जब ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने छात्राओं की सुरक्षा से जुड़ी शिकायत पर तत्काल एक्शन लिया। मंत्री नागर क्षेत्रीय दौरे पर थे और ग्राम “चार” में आयोजित जनसंवाद और चौपाल में ग्रामीणों की समस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान गांव की छात्राओं ने एक गंभीर शिकायत दर्ज कराई, जिससे मंत्री ने मौके पर ही प्रशासन को सक्रिय कर दिया।
छात्राओं ने रखी अपनी पीड़ा: “शराब दुकान से रोज डर लगता है”
जनसंवाद के दौरान गांव की छात्रा जाह्नवी कुमावत, सीमा कुमावत, पंखुड़ी राठौर और ऋषिका मीणा सहित कई अन्य छात्राओं ने मंत्री नागर को बताया कि स्कूल जाने वाले रास्ते में एक अवैध शराब दुकान चल रही है। इसके कारण रास्ते पर अक्सर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है और छात्राओं को स्कूल आते-जाते समय असुरक्षा महसूस होती है। छात्राओं ने मंत्री को एक लिखित शिकायत पत्र भी सौंपा, जिसमें उन्होंने बताया कि कई बार स्थानीय स्तर पर शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीण महिलाओं ने भी छात्राओं के पक्ष में आवाज उठाई और कहा कि शराब दुकान की वजह से गांव में माहौल बिगड़ रहा है।
मंत्री नागर ने तुरंत कार्रवाई की, एसएचओ को मौके पर बुलाया
छात्राओं की बात सुनते ही ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सिमलिया थाने के एसएचओ सुरेश कुमार शर्मा को मौके पर ही बुला लिया। उन्होंने एसएचओ से पूछा कि अगर दुकान लाइसेंस प्राप्त है, तो क्या नियमों के तहत सही स्थान पर संचालित हो रही है या नहीं। मौके पर की गई जांच में पाया गया कि ठेकेदार के पास एक शराब दुकान का लाइसेंस तो था, लेकिन उसने गोदाम के नाम पर हाइवे किनारे एक और दुकान खोल रखी थी, जो नियमों का उल्लंघन था।
“गांव में असामाजिक माहौल बर्दाश्त नहीं” – हीरालाल नागर
ऊर्जा मंत्री नागर ने स्पष्ट कहा कि “गांवों में छात्राओं और महिलाओं को असुरक्षा का माहौल झेलना पड़े, यह स्वीकार्य नहीं है। सरकार का उद्देश्य गांवों में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है, न कि असामाजिक तत्वों को बढ़ावा देना।” उन्होंने मौके पर ही आदेश दिया कि हाइवे पर चल रही अवैध शराब दुकान को तुरंत बंद किया जाए और दोषी ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाए।
जिला आबकारी अधिकारी से की बात, लाइसेंस निलंबन के निर्देश
मंत्री नागर ने जिला आबकारी अधिकारी से फोन पर बातचीत की और पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा कि यदि ठेकेदार दोषी पाया जाता है, तो उसका लाइसेंस तत्काल निलंबित किया जाए। उन्होंने संबंधित विभागों को यह भी निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही अन्य दुकानों की भी जांच की जाए, ताकि किसी भी स्थान पर कानून का उल्लंघन न हो। मंत्री ने यह भी कहा कि “अवैध शराब के कारोबार से न केवल सामाजिक माहौल बिगड़ता है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को गलत दिशा में ले जाता है। सरकार इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।”
ग्रामीणों ने जताया आभार, छात्राओं को मिली राहत
मंत्री की त्वरित कार्रवाई के बाद गांव में मौजूद छात्राओं और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से न केवल गांव का माहौल सुधरेगा, बल्कि छात्राओं में भी सुरक्षा का भाव बढ़ेगा। गांव की महिलाओं ने कहा कि अब उनकी बेटियां निडर होकर स्कूल जा सकेंगी। उन्होंने मंत्री हीरालाल नागर का आभार जताते हुए कहा कि “ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मंत्री ने हमारी बात को तुरंत गंभीरता से सुना और उसी समय कार्रवाई करवाई।”
स्थानीय प्रशासन हुआ सतर्क, अन्य दुकानों की भी जांच शुरू
ऊर्जा मंत्री के निर्देश के बाद सिमलिया थाना पुलिस और आबकारी विभाग ने क्षेत्र में अन्य शराब दुकानों की भी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि सभी दुकानों के लाइसेंस दस्तावेजों की जांच की जा रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी ठेका निर्धारित क्षेत्र सीमा से बाहर संचालित न हो।
सरकार की सख्त नीति: अवैध शराब पर जीरो टॉलरेंस
राजस्थान सरकार पहले से ही अवैध शराब और नशे के कारोबार को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर की इस कार्रवाई को सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत देखा जा रहा है। राज्य में हाल ही में कई स्थानों पर अवैध शराब माफियाओं पर छापे मारे गए हैं और लाइसेंस रद्द किए गए हैं। नागर की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि ग्रामीण इलाकों में भी अब इस तरह की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


