शोभना शर्मा। राजस्थान में सड़क नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए भजनलाल शर्मा सरकार एक और बड़ी परियोजना पर काम शुरू करने जा रही है। कोटपूतली से किशनगढ़ तक लगभग 181 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। यह परियोजना न केवल जयपुर-दिल्ली के बीच यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि खाटू श्याम जी के भक्तों के लिए भी तीर्थ यात्रा का सफर अधिक सुविधाजनक हो जाएगा।
6906 करोड़ की लागत से बनेगा एक्सप्रेस-वे
इस मेगा परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 6906 करोड़ रुपये बताई जा रही है। परियोजना के लिए करीब 1679 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। सड़क की चौड़ाई 100 मीटर और ऊंचाई लगभग 15 फीट रखी जाएगी। यह एक्सप्रेस-वे छह लेन (6-Lane) का होगा, जिससे ट्रैफिक जाम और यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है। अधिकारियों के अनुसार, परियोजना का निर्माण कार्य दिसंबर 2025 से शुरू होने की संभावना है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा चुकी है और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
इन जिलों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
यह नया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे राजस्थान के पांच जिलों से होकर गुजरेगा। इनमें कोटपूतली, सीकर, नागौर, अजमेर और जयपुर के ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं। यह मार्ग नीमकाथाना के गांवड़ी क्षेत्र से गुजरते हुए खाटू श्याम जी, रींगस, पलसाना, खंडेला, मकराना, कुचामन सिटी, रेनवाल, दूदू और किशनगढ़ तक पहुंचेगा। इस मार्ग के निर्माण से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को भी नई दिशा मिलेगी। विशेष रूप से खाटू श्याम जी मंदिर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को अब सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा।
एनएच-48 पर ट्रैफिक का दबाव घटेगा
मौजूदा समय में जयपुर-दिल्ली मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-48 पर भारी ट्रैफिक देखा जाता है। जयपुर से दिल्ली या दिल्ली से अजमेर की ओर जाने वाले वाहनों की अधिकता के कारण यह मार्ग कई बार जाम की स्थिति में रहता है। नया कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे, एनएच-48 का एक विकल्प (Alternate Route) बनेगा। इसके शुरू होने के बाद जयपुर से दिल्ली के बीच यात्रा का समय कम से कम 45 मिनट से एक घंटे तक घटने की संभावना है।
राजस्थान में तेजी से बढ़ रहे हैं एक्सप्रेस-वे नेटवर्क
भजनलाल सरकार ने प्रदेश में सड़क संपर्क को लेकर बड़ी योजनाएं तैयार की हैं। इस समय कई प्रमुख एक्सप्रेस-वे पर कार्य या तो प्रारंभ हो चुका है या फिर तैयारी अंतिम चरण में है। इनमें प्रमुख हैं:
जालोर-झालावाड़ एक्सप्रेस-वे (402 किमी)
जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेस-वे (193 किमी)
बीकानेर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे (295 किमी)
ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेस-वे (342 किमी)
अजमेर-बांसवाड़ा एक्सप्रेस-वे (358 किमी)
जयपुर-फलोदी एक्सप्रेस-वे (345 किमी)
श्रीगंगानगर-कोटपूतली एक्सप्रेस-वे (290 किमी)
इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद राजस्थान का राष्ट्रीय और औद्योगिक संपर्क नेटवर्क अत्यधिक मजबूत हो जाएगा। इससे राज्य के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों के बीच आर्थिक गतिविधियों का संतुलन बनेगा।
खाटू श्याम जी यात्रा होगी आसान
हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए आते हैं। फिलहाल जयपुर-दिल्ली मार्ग पर ट्रैफिक और सड़क की स्थिति के कारण उन्हें लंबा सफर तय करना पड़ता है। नया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे तैयार होने के बाद जयपुर से खाटू श्याम जी मंदिर पहुंचने में समय काफी कम लगेगा। इस परियोजना को धार्मिक पर्यटन और क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक्सप्रेस-वे के आसपास के कस्बों में होटल, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों के बढ़ने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई रफ्तार
भजनलाल शर्मा सरकार लगातार यह दावा कर रही है कि राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार उसकी प्राथमिकता में है। सड़कों और हाईवे नेटवर्क के विस्तार से प्रदेश को न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक लाभ भी होंगे। राज्य सरकार ने केंद्र के सहयोग से यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि सभी प्रमुख जिलों के बीच हाईस्पीड कनेक्टिविटी उपलब्ध हो। कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेस-वे इसी योजना का हिस्सा है, जो राजस्थान के उत्तरी और मध्य हिस्से को जोड़ने वाला मुख्य गलियारा (Main Corridor) बनेगा।


