मनीषा शर्मा। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) में फर्जी ईमेल आईडी से बीसीसीआई को भेजे गए मेल ने संगठन के भीतर हलचल मचा दी है। यह ईमेल संगठन में हो रही कथित गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करने का दावा करता है। इस मेल के सामने आने के बाद RCA प्रशासन और एडहॉक कमेटी दोनों सकते में हैं। बीसीसीआई ने इस मामले में RCA से स्पष्टीकरण मांगा है, वहीं अब जांच के दौरान ऐसे नए तथ्य सामने आ रहे हैं जो पूरे मामले को और जटिल बना रहे हैं।
RCA ऑफिस सील होने के बावजूद हुई छेड़छाड़
एडहॉक कमेटी के कन्वीनर ने ईमेल विवाद सामने आने के अगले ही दिन RCA कार्यालय में जांच की। शक के घेरे में आए कुछ कर्मचारियों के कंप्यूटर जब्त कर कॉन्फ्रेंस हॉल में रखे गए और पूरे ऑफिस को सील कर दिया गया ताकि सबूत सुरक्षित रह सकें। ऑफिस के मुख्य गेट पर एक नोटिस चिपकाया गया, जिस पर लिखा था – “19 अक्टूबर दोपहर 2:58 पर सील किया गया,” और इस पर चार कर्मचारियों के हस्ताक्षर थे। लेकिन जब दो दिन बाद ऑफिस खोला गया, तो जांच टीम ने पाया कि कॉन्फ्रेंस हॉल में रखे कंप्यूटर की हार्ड डिस्क को नुकसान पहुंचाया गया है। हार्ड डिस्क में पानी डाला गया था, जिससे संकेत मिला कि किसी ने जानबूझकर सबूत मिटाने की कोशिश की।
सील ऑफिस में घुसपैठ पर उठे सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब ऑफिस सील था, तब कोई अंदर कैसे पहुंचा। क्या सुरक्षा में लापरवाही हुई या किसी अंदरूनी व्यक्ति की मिलीभगत थी? यह सवाल RCA की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाता है। अगर कोई व्यक्ति सील ऑफिस में घुस सकता है, तो इसका मतलब है कि RCA के महत्वपूर्ण दस्तावेज और रिकॉर्ड भी खतरे में हैं। यह मामला अब न केवल फर्जी ईमेल तक सीमित है बल्कि RCA के अंदरूनी तंत्र और सुरक्षा पर भी संदेह पैदा कर रहा है।
खिड़की से घुसकर हार्ड डिस्क को नुकसान पहुंचाने का शक
RCA एडहॉक कमेटी के कन्वीनर दीनदयाल कुमावत ने बताया कि – “किसी ने कॉन्फ्रेंस हॉल की खिड़की से अंदर घुसकर कंप्यूटर की हार्ड डिस्क को खराब करने की कोशिश की है। इसमें पानी डाला गया है ताकि डेटा नष्ट हो जाए। हम इसकी तकनीकी जांच करवा रहे हैं और जल्द ही यह सामने आ जाएगा कि इसके पीछे कौन है।” उन्होंने आगे कहा कि बीसीसीआई को फर्जी मेल भेजने वाले की पहचान करने के प्रयास जारी हैं। लेकिन हार्ड डिस्क से छेड़छाड़ के बाद जांच की प्रक्रिया और जटिल हो गई है।
पुलिस को नहीं दी गई शिकायत, निजी स्तर पर जांच जारी
अब तक RCA प्रशासन ने पुलिस को कोई औपचारिक शिकायत नहीं दी है। एडहॉक कमेटी अपने स्तर पर निजी तकनीकी विशेषज्ञों से जांच करवा रही है। इससे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि बीसीसीआई को RCA से जुड़ी जानकारी किसने और किस उद्देश्य से भेजी। इस बात की भी चर्चा है कि यह पूरा मामला RCA की अंदरूनी राजनीति से जुड़ा हो सकता है, जहां किसी गुट ने दूसरे गुट को निशाना बनाने के लिए फर्जी ईमेल का सहारा लिया।
फर्जी ईमेल में लगाए गए थे गंभीर आरोप
18 अक्टूबर को भेजे गए इस ईमेल में RCA में भ्रष्टाचार, चयन प्रक्रिया में अनियमितता और वित्तीय गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। मेल में यह दावा किया गया कि संगठन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं और कुछ पदाधिकारी निजी हित में निर्णय ले रहे हैं। इस ईमेल के बाद RCA में अंदरूनी विवाद तेज हो गया है। पूर्व पदाधिकारी और वर्तमान सदस्यों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कई लोगों का मानना है कि यह अंदरूनी राजनीति का परिणाम है, जबकि कुछ इसे सच उजागर करने की कोशिश बता रहे हैं।
एडहॉक कमेटी ने कहा — निष्पक्ष जांच होगी
RCA एडहॉक कमेटी के कन्वीनर दीनदयाल कुमावत ने साफ कहा है कि “यह मामला बेहद गंभीर है। चाहे कोई भी दोषी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। जांच निष्पक्ष होगी और हर तकनीकी पहलू की जांच कराई जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि RCA की छवि को बचाना प्राथमिकता है, क्योंकि यह संगठन न केवल राजस्थान बल्कि भारतीय क्रिकेट से भी जुड़ा है।
RCA की साख पर उठे सवाल
यह विवाद RCA की साख पर सीधा असर डाल रहा है। हाल के वर्षों में RCA पर पहले भी कई बार अनियमितताओं और गुटबाजी के आरोप लग चुके हैं। अब फर्जी ईमेल और सबूत मिटाने की कोशिश ने संगठन की पारदर्शिता पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। बीसीसीआई ने RCA से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है और आगे की कार्रवाई उसी के बाद तय की जाएगी।


