शोभना शर्मा। विश्वप्रसिद्ध पुष्कर अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में इस बार पंजाब से आई नुकरी नस्ल की खूबसूरत घोड़ी ‘शहजादी’ ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। पूरी तरह से सफेद रंग की यह शाही घोड़ी अपनी सुंदरता, चाल और नाजुक बनावट के कारण मेला मैदान की शान बन चुकी है। शहजादी के मालिक पंजाब के बब्बू सिंह बताते हैं कि यह उनके फार्म की सबसे खास घोड़ी है, जिसका खानदानी रिश्ता पंजाब के मशहूर घोड़े ‘महाराजा’ से है। इसकी ऊंचाई 65 इंच और चौड़ाई लगभग 6 फीट है। बब्बू सिंह के अनुसार, शहजादी की कीमत करीब 51 लाख रुपये है, लेकिन कई व्यापारियों ने इससे भी अधिक दाम की पेशकश की है।
खूबसूरती के साथ ब्रीडिंग में भी खास है ‘शहजादी’
6 साल की ‘शहजादी’ इस समय सात महीने की गर्भवती है। उसके साथी घोड़े का नाम है ‘डर जॉर्डन’, जो एक ऑल इंडिया चैंपियन घोड़ा माना जाता है। यह जोड़ी पूरे भारत के हॉर्स ब्रीडर्स और पशुप्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। बब्बू सिंह बताते हैं कि ‘डर जॉर्डन’ की ब्रीडिंग फीस लाखों में होती है, और इसी कारण शहजादी की मार्केट वैल्यू में भी लगातार वृद्धि हुई है। उनका कहना है कि “शहजादी सिर्फ एक घोड़ी नहीं, बल्कि एक शाही विरासत है। उसकी चाल, उसका स्टाइल और उसकी ऊर्जा हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है।”
देशभर से व्यापारी और पशुप्रेमी पहुंचे ‘शहजादी’ को देखने
पुष्कर पशु मेला हर साल की तरह इस बार भी देश-विदेश से आए पशुपालकों, व्यापारियों और पर्यटकों का केंद्र बना हुआ है, लेकिन इस बार मेला मैदान में सबसे ज्यादा भीड़ ‘शहजादी’ के आसपास देखने को मिल रही है। घोड़ा प्रेमी इसके पास तस्वीरें खिंचवा रहे हैं और ब्रीडिंग से जुड़ी जानकारी ले रहे हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से आए घोड़ा पालकों ने इसकी नस्ल को ‘शाही घोड़ों की क्वीन’ बताया। बब्बू सिंह ने बताया कि “शहजादी को तैयार करने में वर्षों की मेहनत लगी है। उसकी फिटनेस, खानपान और ट्रेनिंग के लिए फार्म में विशेष टीम रखी गई है, जो दिन-रात उसकी देखरेख करती है।”
कई प्रतियोगिताओं में जीत चुकी है ‘शहजादी’
‘शहजादी’ केवल खूबसूरती के लिए ही नहीं, बल्कि अपने प्रदर्शन के लिए भी जानी जाती है। उसने पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत के कई हॉर्स शो में पहला स्थान हासिल किया है। उसकी चाल और ग्रेस ऐसी है कि जब वह मैदान में उतरती है तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। बब्बू सिंह ने बताया कि “शहजादी ने 2023 में लुधियाना और जालंधर में आयोजित हॉर्स शो में लगातार तीन गोल्ड मेडल जीते थे। उसकी चाल में एक अलग ही शाहीपन है, जो उसे अन्य घोड़ों से अलग बनाता है।”
शहजादी की देखरेख में लगते हैं कई प्रशिक्षित कर्मचारी
शहजादी की देखरेख किसी रॉयल मेंबर की तरह की जाती है। इसके खान-पान में विशेष ध्यान दिया जाता है — इसे प्रतिदिन उच्च प्रोटीन युक्त आहार, ताज़े फल, हरे चारे और विशेष मिनरल सप्लीमेंट दिए जाते हैं। बब्बू सिंह के अनुसार, शहजादी की ट्रेनिंग के लिए तीन प्रशिक्षक और दो ग्रूमर नियुक्त हैं, जो हर दिन उसे अभ्यास कराते हैं। उसकी फिटनेस बनाए रखने के लिए उसे सुबह और शाम टहलाया जाता है, साथ ही उसकी त्वचा की चमक और रंग बनाए रखने के लिए विशेष केयर उत्पादों का उपयोग किया जाता है।
पुष्कर मेला में बढ़ी है नस्लीय घोड़ों की डिमांड
पुष्कर पशु मेला भारत का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है, जहां ऊंट, घोड़े, गाय और भैंसों की खरीद-बिक्री होती है। इस साल मेले में खासतौर पर नुकरी नस्ल, मरवाड़ी नस्ल और सिंधी नस्ल के घोड़े आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। ‘शहजादी’ के आने से नुकरी नस्ल की डिमांड में खासा उछाल देखा गया है। व्यापारी इस नस्ल के घोड़ों को ऊंचे दामों में खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, क्योंकि यह नस्ल अपनी चाल और सहनशक्ति के लिए प्रसिद्ध है।
‘मेला क्वीन’ के रूप में उभरी ‘शहजादी’
पुष्कर मेला 2025 में ‘शहजादी’ को अब तक का सबसे बड़ा आकर्षण बताया जा रहा है। पशु मेले में आने वाले पर्यटक इसे “मेला क्वीन” कहकर संबोधित कर रहे हैं। इसकी शाही चाल और चमकदार सफेद रंग ने इसे मेले का केंद्र बिंदु बना दिया है। घोड़ा प्रेमियों का कहना है कि अगर शहजादी का बच्चा भी डर जॉर्डन की ब्रीडिंग से जन्म लेता है, तो उसकी कीमत करोड़ों तक पहुंच सकती है। बब्बू सिंह ने बताया कि “हम शहजादी की वंश परंपरा को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं ताकि भारत में उच्च नस्ल के घोड़ों का भविष्य और उज्जवल बने।”
पुष्कर मेला 2025 में पंजाब की ‘शहजादी’ ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता है बल्कि भारतीय घोड़ा प्रजनन परंपरा को भी एक नई ऊंचाई दी है। 51 लाख रुपये की कीमत वाली यह नुकरी नस्ल की घोड़ी अपने शाही अंदाज, गर्भवती अवस्था और उत्कृष्ट ब्रीडिंग के कारण मेले की शोभा बन गई है।


