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राजस्थान सरकार ने जारी किया ‘विकसित राजस्थान@2047’ विजन डॉक्यूमेंट

राजस्थान सरकार ने जारी किया ‘विकसित राजस्थान@2047’ विजन डॉक्यूमेंट

मनीषा शर्मा।  राजस्थान सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत@2047 लक्ष्य के अनुरूप अपना महत्वाकांक्षी दस्तावेज ‘विकसित राजस्थान@2047’ जारी किया है। इस विजन डॉक्यूमेंट का उद्देश्य राज्य को 2047 तक एक समृद्ध, आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करना है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में तैयार यह दस्तावेज राजस्थान के कृषि, उद्योग, पर्यटन और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे चार प्रमुख स्तंभों पर आधारित है।

राजस्थान का लक्ष्य: 4,300 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था

राज्य सरकार के अनुसार, यह विजन डॉक्यूमेंट राजस्थान की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2047 तक 4,300 अरब डॉलर तक पहुंचाने की परिकल्पना करता है। इसका मतलब है कि अगले दो दशकों में राज्य की आर्थिक वृद्धि को वर्तमान दर से कई गुना बढ़ाना होगा। इस दिशा में निवेश, नवाचार और औद्योगिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में राजस्थान अग्रणी भूमिका निभाएगा। यह विजन डॉक्यूमेंट राज्य को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर और विकसित बनाने की ठोस रूपरेखा प्रस्तुत करता है।”

चार प्रमुख स्तंभ: कृषि, उद्योग, पर्यटन और ऊर्जा

इस दस्तावेज में चार क्षेत्रों को विकास की रीढ़ माना गया है –

  1. कृषि:

    • आधुनिक तकनीक के माध्यम से कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर जोर।

    • सिंचाई, जल प्रबंधन और फसल विविधीकरण के लिए नई नीतियां।

    • किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य।

  2. उद्योग:

    • औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सुधार।

    • MSME सेक्टर के लिए विशेष औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने की योजना।

    • निर्यात बढ़ाने के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और लॉजिस्टिक हब्स का विकास।

  3. पर्यटन:

    • राजस्थान की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को वैश्विक पहचान दिलाने की योजना।

    • इको-टूरिज्म, डेजर्ट सफारी और हेरिटेज सर्किट को प्रोत्साहन।

    • पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय रोजगार के नए अवसर।

  4. नवीकरणीय ऊर्जा:

    • सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन में राजस्थान को राष्ट्रीय अग्रणी राज्य बनाना।

    • ग्रीन एनर्जी मिशन के तहत निवेश आकर्षित करने की योजना।

    • कार्बन न्यूट्रल राज्य बनने की दिशा में कदम।

युवा, महिला, किसान और गरीब रहेंगे केंद्र में

विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार, राज्य के विकास का केंद्र युवा, महिला, किसान और गरीब वर्ग होंगे। सरकार इन वर्गों को सशक्त बनाकर समग्र विकास सुनिश्चित करना चाहती है।

  • युवाओं के लिए नई शिक्षा नीति और रोजगार सृजन मिशन शुरू होंगे।

  • महिलाओं के लिए उद्यमिता, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर आधारित योजनाएं लागू की जाएंगी।

  • किसानों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण और डिजिटल कृषि प्लेटफॉर्म विकसित होंगे।

  • गरीबों के लिए आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता बढ़ाई जाएगी।

विकास के मध्यावधि लक्ष्य तय

राज्य सरकार ने इस विजन को चरणबद्ध रूप से लागू करने के लिए 2030, 2035 और 2040 के मध्यावधि लक्ष्य भी निर्धारित किए हैं।

  • 2030 तक: बुनियादी ढांचे और शिक्षा में व्यापक सुधार।

  • 2035 तक: उद्योग और पर्यटन में वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में पहचान।

  • 2040 तक: सस्टेनेबल एनर्जी और डिजिटल गवर्नेंस में अग्रणी राज्य।

इन चरणों के माध्यम से 2047 तक विकसित राजस्थान का सपना साकार करने की रूपरेखा बनाई गई है।

शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर विशेष ध्यान

दस्तावेज़ में यह भी स्पष्ट किया गया है कि विकसित राजस्थान केवल आर्थिक विकास तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सामाजिक समावेश और जीवन गुणवत्ता में सुधार को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

  • शत-प्रतिशत साक्षरता प्राप्त करने का लक्ष्य।

  • सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों का विस्तार।

  • सतत जल प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण को विकास का आधार बनाना।

  • स्मार्ट शहरीकरण के तहत शहरों में सार्वजनिक परिवहन और डिजिटल सेवाओं का विस्तार।

13 क्षेत्रों में विभाजित विकास योजना

राज्य सरकार ने विकास की इस रूपरेखा को चार मुख्य थीम्स और 13 प्रमुख क्षेत्रों में विभाजित किया है। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, जल प्रबंधन, कृषि, उद्योग, रोजगार, पर्यटन, शहरी विकास, पर्यावरण, सामाजिक न्याय, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और महिला सशक्तिकरण शामिल हैं।

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