शोभना शर्मा। झालावाड़ जिले के झाड़ आंवली गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई जब राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने आधी रात को स्कूल भवन का निरीक्षण किया। ग्रामीणों की शिकायत पर मंत्री रात 11:30 बजे स्वयं मौके पर पहुंचे और 4 करोड़ रुपए की लागत से बने इस स्कूल की हकीकत देखी। निरीक्षण के दौरान मंत्री ने पाया कि स्कूल की छत सीमेंट और बजरी की जगह मिट्टी और क्रेशर डस्ट से बनाई गई है।
यह जांच तब शुरू हुई जब जन चौपाल में ग्रामीणों ने मंत्री से शिकायत की थी कि स्कूल भवन की छत घटिया स्तर की बनी है और बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। स्थानीय अधिकारियों ने मंत्री को आश्वस्त किया कि पुरानी छत को तोड़कर नई बनाई जा चुकी है, लेकिन मौके पर पहुंचे मंत्री ने खुद सरिए से छत को खुदवाया और असली तस्वीर सामने आ गई।
छत में घटिया सामग्री, मंत्री ने खुद की जांच
मंत्री नागर ने जब खुद छत को सरिए से हटवाया, तो सामने आया कि सीमेंट की जगह मिट्टी और बजरी की जगह क्रेशर डस्ट का इस्तेमाल किया गया है। यह भी पता चला कि जिस पुरानी छत को तोड़ा गया बताया जा रहा था, उसे तोड़ा ही नहीं गया, बल्कि उसी पर नए पिलर डालकर आगे का निर्माण कर दिया गया था।
इस खुलासे के बाद मंत्री नागर ने मौके पर ही पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तुरंत कार्रवाई और पुनर्निर्माण के आदेश
मंत्री नागर ने मौके पर ही छत को तोड़कर नए सिरे से निर्माण के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सामग्री के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने का आदेश दिया। मंत्री ने कहा,
“बच्चे देश का भविष्य हैं, उनके साथ किसी भी तरह का खिलवाड़ अस्वीकार्य है। पिछले वर्षों में घटिया निर्माण के कारण कई सरकारी इमारतों को अनुपयोगी घोषित करना पड़ा है, अब ऐसा दोबारा नहीं होने देंगे।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह के निर्माण कार्यों में लापरवाही या भ्रष्टाचार पाए जाने पर ठेकेदार कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और संबंधित अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।
‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर सरकार
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जहां भी घटिया निर्माण सामने आता है, वहां तीसरी एजेंसी से जांच कराई जा रही है ताकि दोषियों की जिम्मेदारी तय हो सके।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर अधिकारी लीपापोती करते पाए गए तो स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच करवाई जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
4 करोड़ की परियोजना में उजागर हुआ भ्रष्टाचार
झाड़ आंवली गांव में लगभग ₹4 करोड़ की लागत से स्कूल भवन का निर्माण कार्य चल रहा था। ग्रामीणों ने पहले भी निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे, लेकिन स्थानीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब मंत्री खुद मौके पर पहुंचे, तब जाकर असलियत सामने आई।
ग्रामीणों ने मंत्री के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि अब उन्हें उम्मीद है कि उनके बच्चों को सुरक्षित और मजबूत भवन में शिक्षा मिलेगी।