शोभना शर्मा। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में गुरुवार को आयोजित रियायती आवासीय भूखंड योजना की लॉटरी के दौरान बड़ा हंगामा हो गया।
कार्यक्रम में मौजूद शहरी विकास एवं आवास (UDH) मंत्री झाबर सिंह खर्रा के सामने आवेदकों ने विरोध प्रदर्शन किया। हंगामे की वजह यह रही कि ST कोटे में अन्य वर्गों के नाम निकल आए, जिससे आवेदक भड़क गए और लॉटरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
यह लॉटरी नगर निगम टाउन हॉल में आयोजित की गई, जहां बड़ी संख्या में आवेदक उपस्थित थे।
3081 प्लॉटों के लिए 88,239 आवेदन
यूआईटी (Urban Improvement Trust) की इस लॉटरी में कुल 3081 प्लॉटों के आवंटन के लिए 88,239 आवेदन प्राप्त हुए थे। लॉटरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) की तीन सदस्यीय टीम भी उपस्थित थी।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10 बजे होनी थी, लेकिन प्रक्रिया 10:30 बजे शुरू हुई और करीब 11:15 बजे से नामों की घोषणा होने लगी।
दोपहर 12:15 बजे जैसे ही ST कोटे में अन्य वर्गों के नाम आने लगे, लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
ST कोटे में अन्य वर्गों के नाम आने पर विवाद
लॉटरी प्रक्रिया के दौरान जब SC और ST वर्ग के लिए निर्धारित कोटे में अन्य समाजों के लोगों के नाम आए, तो टाउन हॉल में मौजूद आवेदकों ने आपत्ति जताई।
कई लोगों ने आरोप लगाया कि “जब कोटे के फॉर्म पहले ही चेक किए गए थे, तो फिर गलत नाम कैसे निकले?”
लगभग एक घंटे तक हॉल में हंगामा चलता रहा। अधिकारी और नगर निगम के कर्मचारी आवेदकों को समझाने में जुटे रहे, लेकिन कुछ लोगों ने लॉटरी निरस्त करने की मांग पर अड़े रहे।
मंत्री झाबर सिंह खर्रा का बयान— ‘एक महीने में पूरी होगी जांच’
हंगामे के बीच स्थिति को संभालते हुए UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने घोषणा की कि पूरी लॉटरी प्रक्रिया की जांच एक महीने के भीतर पूरी की जाएगी।
उन्होंने कहा, “जिन आवेदकों के दस्तावेज़ सही पाए जाएंगे, उन्हें ही आवंटन पत्र जारी किया जाएगा। जिनके दस्तावेज़ गलत होंगे, उनके आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे।”
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज़ों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर बोले— डॉक्यूमेंट्स का दोबारा वेरिफिकेशन होगा
जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने कहा कि जो भी आपत्तियां सामने आई हैं, उन्हें गंभीरता से लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि “हम प्रत्येक कैटेगरी के दस्तावेजों का दोबारा वेरिफिकेशन करवाएंगे। अगर किसी भी तकनीकी कारण से गलती हुई है, तो उसे सुधारा जाएगा।”
कलेक्टर ने यह भी कहा कि “यूआईटी तभी भूखंड अलॉट करेगी, जब सभी दस्तावेज़ और पात्रता की जांच पूरी तरह सही पाई जाएगी।”
लोगों ने लॉटरी निरस्त करने की मांग की
आवेदकों का कहना था कि यूआईटी ने फॉर्मों की जांच में कई महीने लगाए, फिर भी प्रक्रिया में त्रुटियां कैसे हुईं?
कई लोगों ने आरोप लगाया कि फॉर्म जांच में लापरवाही बरती गई है। उनका कहना था कि यदि गड़बड़ियां अभी सामने आ रही हैं, तो लॉटरी को स्थगित किया जाना चाहिए और पहले सभी फॉर्मों की जांच दोबारा की जाए।
विरोध के बावजूद, लॉटरी प्रक्रिया दोपहर 2 बजे तक जारी रही और उसके बाद संपन्न हुई।
सरकार का प्रयास— हर व्यक्ति को अपनी छत मिले
लॉटरी के समापन के बाद मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि सरकार का उद्देश्य हर व्यक्ति को “अपनी छत” उपलब्ध कराना है।
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत अल्प आय वर्ग के लोगों को हाउसिंग बोर्ड, यूआईटी और जेडीए के माध्यम से बने बनाए मकान उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सरकार पारदर्शी और न्यायपूर्ण प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि योग्य आवेदकों को शीघ्र आवंटन किया जाएगा और किसी भी पात्र व्यक्ति को उसके हक से वंचित नहीं किया जाएगा।
8 योजनाओं में 3081 भूखंडों का होगा आवंटन
यूआईटी की कुल 8 योजनाओं में इन 3081 भूखंडों का आवंटन किया जाना है।
आवेदनों की श्रेणीवार स्थिति इस प्रकार रही—
EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग): 321 भूखंडों के लिए 21,877 आवेदन
LIG (निम्न आय वर्ग): 261 भूखंडों के लिए 8,421 आवेदन
MIG-A (मध्यम आय वर्ग): 1,470 भूखंडों के लिए 40,560 आवेदन
MIG-B: 687 भूखंडों के लिए 10,080 आवेदन
इस प्रकार सभी वर्गों में बड़ी संख्या में आवेदकों ने भाग लिया, जिससे भीलवाड़ा में इस योजना की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पारदर्शिता के लिए लाइव प्रसारण और निगरानी
लॉटरी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पूरी प्रक्रिया का यूट्यूब पर सीधा प्रसारण (Live Streaming) किया गया।
टाउन हॉल में एक बड़ी एलईडी स्क्रीन और निगम परिसर में दो अतिरिक्त स्क्रीन लगाई गईं।
साथ ही प्रक्रिया की निगरानी के लिए 10 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे, ताकि किसी भी तरह की अनियमितता पर तुरंत नज़र रखी जा सके।
15 दिन में असफल आवेदकों को रिफंड
यूआईटी की ओर से बताया गया कि सफल उम्मीदवारों की सूची पोर्टल पर जारी की जाएगी, जिसमें आवेदन संख्या, नाम, पिता का नाम, योजना और भूखंड संख्या की जानकारी होगी।
वहीं, असफल आवेदकों को 15 दिनों के भीतर रिफंड उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।