शोभना शर्मा। राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा 2023 में रामदेवरा (जैसलमेर) की रक्षा शर्मा ने नया इतिहास रच दिया है। उन्होंने 570वीं रैंक हासिल कर यह गौरव प्राप्त किया कि वे रामदेवरा क्षेत्र से चयनित होने वाली पहली RAS अफसर बनी हैं।
रक्षा की इस सफलता से पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। गांव के हर घर में मिठाइयां बंटी हैं और हर चेहरे पर गर्व की झलक दिखाई दे रही है। ग्रामीणों के लिए यह सिर्फ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि संघर्ष से मिली प्रेरणा की मिसाल है।
संघर्षों के बीच गढ़ी सफलता की कहानी
रक्षा शर्मा की कहानी इस बात का उदाहरण है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, दृढ़ निश्चय से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
आर्थिक तंगी और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और प्रशासनिक सेवा में आने का सपना साकार किया।
रक्षा बताती हैं कि “यह मेरा दूसरा प्रयास था। 2021 में असफलता मिली थी, लेकिन मैंने हार नहीं मानी। उस अनुभव से बहुत कुछ सीखा और रणनीति में बदलाव किया। RAS-2023 में मैंने पूरी लगन के साथ मेहनत की और सफलता प्राप्त की।”
उनकी यह यात्रा संघर्षों और आत्मविश्वास का प्रतीक है।
टैक्सी ड्राइवर पिता ने दी शिक्षा की नींव
रक्षा शर्मा के पिता मदन शर्मा टैक्सी चलाते हैं और मां गृहिणी हैं। दोनों ही केवल आठवीं कक्षा तक शिक्षित हैं।
आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उनके पिता ने बेटी की पढ़ाई को कभी बाधित नहीं होने दिया। टैक्सी की कमाई से उन्होंने रक्षा की शिक्षा और तैयारी का पूरा खर्च उठाया।
रक्षा कहती हैं, “मेरी सफलता का पूरा श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है। उन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और कभी मुझे हालातों के आगे झुकने नहीं दिया।”
उनकी इस उपलब्धि से परिवार और पूरा रामदेवरा गर्व महसूस कर रहा है।
इंटरव्यू में दिखाया आत्मविश्वास
रक्षा शर्मा ने बताया कि इंटरव्यू का अनुभव सकारात्मक रहा। उनसे मुख्य रूप से डिटेल एप्लीकेशन फॉर्म (DAF) से जुड़े प्रश्न पूछे गए, जैसे – उनकी शैक्षिक योग्यता, गृह जिला, हॉबीज़ और प्रशासनिक दृष्टिकोण से संबंधित सवाल।
उन्होंने कहा, “मेरा इंटरव्यू बहुत अच्छा रहा। मैंने हर प्रश्न का आत्मविश्वास से उत्तर दिया। मुझे लगा कि मेरे उत्तरों से आयोग के सदस्य संतुष्ट थे।”
गांव की नई प्रेरणा बनी रक्षा शर्मा
रक्षा शर्मा की सफलता ने रामदेवरा के युवाओं में नई ऊर्जा और उम्मीद जगाई है। वे अब गांव की लड़कियों के लिए एक प्रेरणास्रोत (Role Model) बन चुकी हैं।