मनीषा शर्मा। जैसलमेर बस हादसे के बाद राज्य सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूरे प्रदेश में बसों की सघन जांच के निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि बस बोर्ड नियमावली के अनुसार ही हर वाहन की जांच की जाएगी और अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दो अधिकारियों को निलंबित किया गया
हादसे के बाद सीएम के आदेश पर परिवहन विभाग ने तत्काल कार्रवाई की है। चित्तौड़गढ़ के जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) सुरेंद्र सिंह गहलोत और बस निरीक्षण में लगे सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नीलाल को निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों पर आरोप है कि बस के पंजीयन और निरीक्षण के दौरान नियमों का पालन सही तरीके से नहीं किया गया था।
परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव ओम प्रकाश बुनकर ने बताया कि हादसे में शामिल बस का पंजीयन 1 अक्टूबर को ही चित्तौड़गढ़ परिवहन कार्यालय से हुआ था। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बस सुरक्षा जांच के आदेश
सीएम ने परिवहन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश की हर बस की नियमावली के अनुरूप जांच की जाए। सभी जिलों में डीटीओ और परिवहन निरीक्षकों को आदेश दिए गए हैं कि वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने से पहले तकनीकी और सुरक्षा जांच अनिवार्य रूप से की जाए। अगर किसी भी बस में कमी पाई जाती है तो उसका संचालन तत्काल रोका जाए।
सरकार ने यह भी कहा है कि बस मालिकों और संचालकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी।
सख्ती से लागू होंगे नियम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जैसलमेर हादसा अत्यंत हृदयविदारक है और इससे पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा संदेश गया है। उन्होंने कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राज्य सरकार ने सभी जिलों के परिवहन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि विशेष जांच अभियान चलाया जाए और फिटनेस सर्टिफिकेट के नाम पर किसी भी प्रकार की अनियमितता न होने दी जाए।