मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में अंता विधानसभा उपचुनाव इस समय सबसे बड़ा राजनीतिक केंद्र बन गया है। कांग्रेस की ओर से प्रमोद जैन भाया ने नामांकन दाखिल कर दिया है और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा भी मैदान में उतर चुके हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि भारतीय जनता पार्टी अपना उम्मीदवार कब घोषित करेगी। इस उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को लेकर पिछले कई दिनों से अटकलों का दौर जारी है।
जानकारी के अनुसार, भाजपा बुधवार 15 अक्टूबर को अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर सकती है। इसके लिए जयपुर में पार्टी की कोर कमेटी की अहम बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद भाजपा उम्मीदवार के नाम पर मुहर लग सकती है।
जयपुर में होगी कोर कमेटी की अहम बैठक
भाजपा में अंता सीट पर उम्मीदवार तय करने के लिए जयपुर में पार्टी दफ्तर पर कोर कमेटी की बैठक बुलायी गई है। बैठक की अध्यक्षता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ करेंगे। इस बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी शामिल होंगे।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस सीट पर ऐसे चेहरे की तलाश में है जो न केवल स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखता हो बल्कि चुनावी समीकरणों में भी संतुलन बना सके। अंता सीट पर वसुंधरा राजे का खासा प्रभाव माना जाता है, इसलिए टिकट चयन में उनकी राय अहम मानी जा रही है। बैठक में उम्मीदवार को लेकर अंतिम रणनीति पर चर्चा होगी और देर शाम तक नाम का ऐलान संभव है।
नरेश मीणा की एंट्री से बदला चुनावी समीकरण
अंता सीट पर यह उपचुनाव पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी रद्द होने के बाद हो रहा है। इस बीच निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नरेश मीणा के मैदान में उतरने से मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। पिछले साल टोंक की देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव में एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना से नरेश मीणा चर्चाओं में आए थे। अब उनकी उम्मीदवारी से अंता सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन गई है।
कांग्रेस के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है क्योंकि नरेश मीणा कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते हैं। माना जा रहा है कि अगर वोटों में बिखराव हुआ तो भाजपा को इसका सीधा फायदा मिल सकता है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा इस समीकरण को ध्यान में रखते हुए ऐसा प्रत्याशी उतार सकती है जो न केवल अपने मतदाताओं को मजबूत करे बल्कि विपक्षी मतों में बिखराव से भी लाभ उठा सके।
भाजपा के सामने चुनौती और अवसर
अंता विधानसभा सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह सीट वसुंधरा राजे के प्रभाव वाले इलाकों में आती है और भाजपा के लिए इसे जीतना आगामी विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा राजनीतिक संदेश होगा। भाजपा नेतृत्व इस सीट पर मजबूत उम्मीदवार उतारने के लिए रणनीति तैयार कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी इस बात पर भी विचार कर रही है कि टिकट किसी ऐसे स्थानीय नेता को दिया जाए जो जनता से सीधा जुड़ाव रखता हो। कई नामों पर चर्चा चल रही है लेकिन अंतिम निर्णय कोर कमेटी की बैठक के बाद ही होगा। यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी चुनाव को पूरी ताकत से लड़ेगी ताकि कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी जा सके।
कांग्रेस को वोट बिखराव की चिंता
कांग्रेस पहले ही अंता सीट पर प्रमोद जैन भाया को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। भाया के नामांकन के बाद कांग्रेस ने चुनावी अभियान भी तेज कर दिया है। हालांकि नरेश मीणा के मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस को वोट बिखराव की चिंता सता रही है।