मनीषा शर्मा। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) 2026 का साहित्यिक उत्सव एक बार फिर गुलाबी नगर को संस्कृति और विचारों के रंग में रंगने जा रहा है। नए साल के जश्न के बीच इस प्रतिष्ठित फेस्टिवल के 19वें संस्करण का आयोजन 15 जनवरी से 19 जनवरी 2026 तक किया जाएगा। पांच दिवसीय इस कार्यक्रम में दुनिया भर से साहित्यकार, विचारक, कलाकार और पाठक एक मंच पर जुटेंगे।
इस बार भी फेस्टिवल का आयोजन Hotel Clarks Amer में होगा। आयोजकों ने सोमवार को फेस्टिवल की पहली स्पीकर लिस्ट जारी की, जिसमें कई विश्वप्रसिद्ध नाम शामिल हैं। इनमें इंटरनेट के जनक टिम बर्नर्स-ली, नोबेल पुरस्कार विजेता ओल्गा टोकारचुक, चेस ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद और ब्रिटिश लेखक एवं कॉमेडियन स्टीफन फ्राय जैसे नाम प्रमुख हैं।
6 मंचों पर 350 से अधिक वक्ता
आयोजकों के अनुसार, इस वर्ष JLF में 6 मंचों पर 350 से अधिक वक्ता हिस्सा लेंगे। फेस्टिवल में भारतीय भाषाओं की समृद्धता, बदलती भू-राजनीति और आधुनिक तकनीक, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही साहित्य, कला, संगीत और संवाद का संगम इस बार भी दर्शकों को आकर्षित करेगा।
कार्यक्रम में कथा-साहित्य, कविता, इतिहास, कला, विज्ञान, गणित, चिकित्सा, मानसिक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, व्यापार, राजनीति, सिनेमा, लिंग समानता, अनुवाद, पहचान और नस्ल जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र होंगे। यह आयोजन न केवल साहित्य प्रेमियों के लिए बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों के लिए भी एक बड़ा अवसर होगा।
साहित्य, संगीत और संवाद का संगम
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल अपने बहुआयामी स्वरूप के लिए जाना जाता है। इसमें साहित्यिक चर्चाओं के साथ-साथ प्रेरक संवाद, बहस, संगीत प्रस्तुतियां, कला प्रदर्शनी, शिल्प, भोजन संस्कृति और अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल होते हैं। इस बार भी दर्शकों को विचारों और अभिव्यक्तियों के विविध रंग देखने को मिलेंगे।
दुनिया भर के प्रमुख लेखकों और विचारकों की मौजूदगी से यह फेस्टिवल एक अंतरराष्ट्रीय मंच बन चुका है, जहां साहित्य के साथ-साथ समकालीन मुद्दों पर भी गहन विमर्श होता है।
साहित्य के नए रूपों पर फोकस
आयोजक Teamwork Arts के मैनेजिंग डायरेक्टर संजॉय के. रॉय ने कहा कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 19वें संस्करण को लेकर साहित्य प्रेमियों में जबरदस्त उत्साह है। उन्होंने बताया कि इस बार भारत और विदेश के कई बड़े नाम उत्सव में शिरकत करेंगे। इनमें कई नोबेल, बुकर और अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कार विजेता लेखक, इतिहासकार और विचारक शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि फेस्टिवल में साहित्य के पारंपरिक रूपों के साथ-साथ आधुनिक रूपों पर भी गहराई से चर्चा की जाएगी। तकनीक, डिजिटल अभिव्यक्ति और एआई के साहित्य पर प्रभाव जैसे मुद्दों पर भी विशेष सत्र रखे जाएंगे।
भारतीय भाषाओं को मिलेगा विशेष मंच
फेस्टिवल की सह निदेशक नमिता गोखले ने बताया कि इस वर्ष भारतीय भाषाओं की समृद्धता पर विशेष फोकस किया जाएगा। भारतीय साहित्य की विविधता और क्षेत्रीय भाषाओं में हो रहे नवाचारों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का यह एक शानदार अवसर होगा। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय और भारतीय साहित्यकारों के बीच संवाद भी होगा, जिससे विचारों और अनुभवों का आदान-प्रदान हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि ‘‘इस बार का फेस्टिवल न सिर्फ साहित्य का उत्सव होगा, बल्कि बदलती भू-राजनीति, एआई तकनीक और वैश्विक परिदृश्य पर गहन चर्चा का भी मंच बनेगा।’’
विश्व साहित्य का सबसे बड़ा मंच
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल को विश्व के सबसे बड़े साहित्य उत्सवों में गिना जाता है। हर वर्ष इसमें हजारों की संख्या में पाठक, लेखक, कलाकार और विचारक शामिल होते हैं। JLF ने भारत को साहित्यिक दुनिया में एक मजबूत पहचान दी है। यह केवल साहित्यिक संवाद का मंच नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और बौद्धिक विमर्श का भी प्रतीक बन चुका है।
2026 का यह संस्करण अपने 19वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है और आयोजकों को उम्मीद है कि इस बार भी दर्शकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि होगी। साहित्य और संस्कृति का यह संगम जयपुर को फिर से दुनिया के साहित्यिक मानचित्र पर चमकाएगा।